रांची: जेवीएम का विलय बीजेपी में हुआ या कांग्रेस में, यह पेंच अब तक नहीं सुलझ पाया है. ऐसे में बीजेपी बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहती है, तो वहीं कांग्रेस में शामिल जेवीएम से निष्कासित विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को सदन में कांग्रेस विधायकों के साथ जगह चाहती है. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष ही इस पर निर्णय ले सकते हैं.
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उन्होंने कहा कि अगर बाबूलाल और बीजेपी में नैतिकता है तो उन्हें पहले रिजाइन करना चाहिए और चुनाव लड़ कर आना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष, संविधान और कानून पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि जेवीएम का बीजेपी में विलय ही गलत है, क्योंकि विधानमंडल के दो तिहाई सदस्य कांग्रेस पार्टी में शामिल हैं. ऐसे में पहले बाबूलाल मरांडी की सदस्यता ही समाप्त होनी चाहिए, तो वह नेता प्रतिपक्ष कैसे हो सकते हैं.