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5 साल तक दसवीं अनुसूची का ढिंढोरा पीटने वाले, बाबूलाल मरांडी कैसे हो सकते हैं नेता प्रतिपक्ष: कांग्रेस

बाबूलाल मरांडी को बीजेपी नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहती है. जिसपर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि बीजेपी संवैधानिक संस्थानों के ऊपर प्रहार कर रही है. उन्होंने कहा कि दसवीं अनुसूची की जानकारी बाबूलाल मरांडी से ज्यादा किसी को नहीं है. उन्हें किसी भी कीमत पर नेता प्रतिपक्ष स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.

Congress said that Babulal  Marandi cannot be leader of opposition
कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर
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Published : Feb 26, 2020, 9:18 PM IST

रांची: जेवीएम का विलय बीजेपी में हुआ या कांग्रेस में, यह पेंच अब तक नहीं सुलझ पाया है. ऐसे में बीजेपी बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहती है, तो वहीं कांग्रेस में शामिल जेवीएम से निष्कासित विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को सदन में कांग्रेस विधायकों के साथ जगह चाहती है. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष ही इस पर निर्णय ले सकते हैं.

देखें पूरी खबर
प्रदेश कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा है कि बीजेपी संवैधानिक संस्थानों के ऊपर प्रहार कर रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने बुधवार को कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में कहा कि दसवीं अनुसूची की जानकारी बाबूलाल मरांडी से ज्यादा किसी को नहीं है. वह खुद भुक्तभोगी रहे हैं और 5 साल तक ढिंढोरा पीटते रहे हैं कि उनके विधायकों को बीजेपी ने खरीद फरोख्त कर अपने पाले में ले लिया है. फिर अब वह बीजेपी में आकर नेता प्रतिपक्ष बने यह नीतिगत नहीं है. उन्हें किसी भी कीमत पर नेता प्रतिपक्ष स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.

ये भी देखें- आसान नहीं होगी BJP में वापसी के बाद बाबूलाल की डगर, सिपहसलारों और बीजेपी कैडर के बीच बनाना होगा बैलेंस

उन्होंने कहा कि अगर बाबूलाल और बीजेपी में नैतिकता है तो उन्हें पहले रिजाइन करना चाहिए और चुनाव लड़ कर आना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष, संविधान और कानून पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि जेवीएम का बीजेपी में विलय ही गलत है, क्योंकि विधानमंडल के दो तिहाई सदस्य कांग्रेस पार्टी में शामिल हैं. ऐसे में पहले बाबूलाल मरांडी की सदस्यता ही समाप्त होनी चाहिए, तो वह नेता प्रतिपक्ष कैसे हो सकते हैं.

रांची: जेवीएम का विलय बीजेपी में हुआ या कांग्रेस में, यह पेंच अब तक नहीं सुलझ पाया है. ऐसे में बीजेपी बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहती है, तो वहीं कांग्रेस में शामिल जेवीएम से निष्कासित विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को सदन में कांग्रेस विधायकों के साथ जगह चाहती है. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष ही इस पर निर्णय ले सकते हैं.

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प्रदेश कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा है कि बीजेपी संवैधानिक संस्थानों के ऊपर प्रहार कर रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने बुधवार को कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में कहा कि दसवीं अनुसूची की जानकारी बाबूलाल मरांडी से ज्यादा किसी को नहीं है. वह खुद भुक्तभोगी रहे हैं और 5 साल तक ढिंढोरा पीटते रहे हैं कि उनके विधायकों को बीजेपी ने खरीद फरोख्त कर अपने पाले में ले लिया है. फिर अब वह बीजेपी में आकर नेता प्रतिपक्ष बने यह नीतिगत नहीं है. उन्हें किसी भी कीमत पर नेता प्रतिपक्ष स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि अगर बाबूलाल और बीजेपी में नैतिकता है तो उन्हें पहले रिजाइन करना चाहिए और चुनाव लड़ कर आना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष, संविधान और कानून पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि जेवीएम का बीजेपी में विलय ही गलत है, क्योंकि विधानमंडल के दो तिहाई सदस्य कांग्रेस पार्टी में शामिल हैं. ऐसे में पहले बाबूलाल मरांडी की सदस्यता ही समाप्त होनी चाहिए, तो वह नेता प्रतिपक्ष कैसे हो सकते हैं.

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