रांचीः प्रदेश एनएसयूआई से वर्ष 2004 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले कुमार जयमंगल (अनूप सिंह) बेरमो विधानसभा सीट के कांग्रेस के उम्मीदवार बनाए गए हैं. उनके नाम पर शुक्रवार को शीर्ष नेतृत्व ने मुहर लगा दी है. हालांकि ईटीवी भारत ने 7 अक्टूबर को प्रदेश चुनाव समिति की हुई बैठक के बाद ही यह साफ कर दिया था कि सिर्फ कुमार जयमंगल के नाम को आलाकमान के पास भेजा गया है और मुहर लगने की औपचारिकता मात्र बाकी है. आखिरकार सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में कुमार जयमंगल को पार्टी प्रत्याशी घोषित कर दिया है.
साल 2014 में भी था टिकट की कोशिश
इससे पहले साल 2014 में भी अनूप सिंह ने बोकारो विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की ओर से टिकट पाने का प्रयास किया था, हालांकि उन्हें मौका नहीं मिला. अब उनके पिता राजेंद्र प्रसाद सिंह के आकस्मिक निधन के बाद खाली हुई बेरमो विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने का उन्हें मौका मिला है, पार्टी ने उनपर विश्वास जताया है. ऐसे में उन्होंने प्रत्याशी बनाए जाने के बाद कहा है कि पार्टी ने जिस तरह से उनपर भरोसा जताया है, उस भरोसे पर वह खरा उतरने का प्रयास करेंगे और बेरमो सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी.
इसे भी पढ़ें- झारखंडः पंचायत चुनावों पर कोरोना का साया, टल सकते हैं 6 माह चुनाव
अनूप सिंह ने जताई खुशी
कुमार जयमंगल के पार्टी प्रत्याशी बनने के बाद प्रदेश यूथ कांग्रेस ने भी खुशी की लहर है. क्योंकि कुमार जयमंगल की प्रदेश यूथ कांग्रेस मे भी लंबे समय तक सक्रियता रही है. उनके राजनीतिक जीवन पर प्रकाश डालें तो अनूप सिंह ने एनएसयूआई से जुड़कर वर्ष 2004 से राजनीति की शुरुआत की थी और वर्ष 2006 तक वह एनएसयूआई के महासचिव रहे. वहीं वर्ष 2006 से 2008 तक एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे. इसके बाद वर्ष 2010 से 2012 तक में प्रदेश यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए. वहीं वर्ष 2012 के यूथ कांग्रेस चुनाव में जीत कर 2017 तक प्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सक्रिय राजनीति की. इसके अलावे वह इंटक के राष्ट्रीय सचिव जबकि झारखंड इंटक के उपाध्यक्ष के साथ-साथ और कई मजदूर संगठनों के साथ जुड़े रहे हैं. हाल ही में उन्हें राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ का अध्यक्ष भी बनाया गया है.