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दिग्गजों के मंच से गूंजती रहीं अल्पसंख्यक अधिकार की 'सदाएं', पानी बेच रहे बच्चों पर नहीं 'फूटे' बोल

रांची में रविवार को अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन (Congress Minority Rights Conference in Ranchi ) का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में ही बच्चे कार्यकर्ताओं को पानी बेचते मिले. लेकिन इस संबंध में न मंचासीन लोगों ने पूछा और न अपनी तकरीर में इसकी चर्चा की.

दिग्गजों के मंच से गूंजती रहीं अल्पसंख्यक अधिकार
दिग्गजों के मंच से गूंजती रहीं अल्पसंख्यक अधिकार
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Published : Oct 25, 2021, 9:24 AM IST

Updated : Oct 25, 2021, 11:15 AM IST

रांचीः आप सत्ता तक पहुंचने की सीढ़ी नहीं हैं, आप वोटर नहीं हैं तो आपकी परवाह भी किसी को नहीं है. कुछ ऐसा ही निजाम हो गया है झारखंड का. जिसका नजारा अक्सर मंजर ए आम होता रहता है. एक बार फिर यह कड़वी सच्चाई सामने आई है. इस बार मौका था झारखंड में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन (Congress Minority Rights Conference in Ranchi ) का. जहां मंच से झारखंड कांग्रेस के दिग्गजों की मौजूदगी में अल्पसंख्यक अधिकार की सदाएं गूंजती रहीं, लेकिन झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और अल्पसंख्यक समाज के नेताओं की मौजूदगी में भी मंच के सामने पानी बेच रहे बच्चों का किसी ने हाल तक नहीं पूछा. न ही बच्चों पर किसी ने बात की.

ये भी पढ़ें-अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलनः सरकार माइनोरिटी को हक दिलाने के लिए कटिबद्ध- राजेश ठाकुर

राजधानी के बरियातू मैदान में रविवार को अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर मंत्री रामेश्वर उरांव, मंत्री आलमगीर आलम, कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी और अल्पसंख्यक समाज के कई बड़े नेता शामिल हुए. मंच पर सभी नेता और गणमान्य लोग अधिकारों की सबसे ऊंची आवाज लगाने में जुटे थे. लेकिन वहीं मंच के सामने आठ से दस साल के बच्चे सबकी आंखों के सामने सम्मेलन में लोगों को पानी बेचते रहे. इधर, न किसी ने पढ़ाई और खेलने के उम्र में वो क्यों पानी बेच रहे हैं यह उनसे पूछा और न ही अधिकार सम्मेलन के मंच से उनके अधिकार पर दो बातें कहीं. सबसे असंवेदनशीलता यह रही कि इस दौरान झारखंड सरकार के दो मंत्री वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम मौके पर मौजूद रहे.

देखें पूरी खबर
दूसरों के अधिकार का सम्मान कौन करेगा

भारतीय समाज में इन दिनों बिना दायित्व अपने अधिकारों की चिंता का चलन बढ़ा है. लोग अपने अधिकार की मांग के लिए बड़े-बड़े सम्मेलन करते हैं, लेकिन दूसरों के अधिकार का सम्मान नहीं करते. रांची अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन में बच्चों का मामला कुछ इसी तरह का है. इसीलिए अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन में बच्चों की बातें किसी ने नहीं की. यहां तक की अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों की भी नहीं.


पानी बेचने वाले बच्चों ने क्या कहा

पानी बेच रहे बच्चे ने कहा कि सम्मेलन में आए लोग उनका पानी खरीद लेंगे तो उसी बिके हुए पानी के पैसे से वह शाम में दोस्तों के साथ बिस्किट और चॉकलेट खरीदकर खाएगा.

सम्मेलन में यह कहा था इमरान प्रतापगढ़ी ने

अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन में कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा था कि मैं शायरी की दुनिया को छोड़ सियासत की दुनिया में सिर्फ इसलिए आया हूं ताकि अकलियतों का कल्याण हो सकें. लेकिन इस सम्मेलन में बच्चों पर चर्चा न किया जाना अपने आप में सवाल है कि क्या कोई सोसाइटी बिना बच्चों की चिंता किए अपना कल्याण कर सकती है. इससे तमाम सवाल उठ रहे हैं.

रांचीः आप सत्ता तक पहुंचने की सीढ़ी नहीं हैं, आप वोटर नहीं हैं तो आपकी परवाह भी किसी को नहीं है. कुछ ऐसा ही निजाम हो गया है झारखंड का. जिसका नजारा अक्सर मंजर ए आम होता रहता है. एक बार फिर यह कड़वी सच्चाई सामने आई है. इस बार मौका था झारखंड में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन (Congress Minority Rights Conference in Ranchi ) का. जहां मंच से झारखंड कांग्रेस के दिग्गजों की मौजूदगी में अल्पसंख्यक अधिकार की सदाएं गूंजती रहीं, लेकिन झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और अल्पसंख्यक समाज के नेताओं की मौजूदगी में भी मंच के सामने पानी बेच रहे बच्चों का किसी ने हाल तक नहीं पूछा. न ही बच्चों पर किसी ने बात की.

ये भी पढ़ें-अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलनः सरकार माइनोरिटी को हक दिलाने के लिए कटिबद्ध- राजेश ठाकुर

राजधानी के बरियातू मैदान में रविवार को अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर मंत्री रामेश्वर उरांव, मंत्री आलमगीर आलम, कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी और अल्पसंख्यक समाज के कई बड़े नेता शामिल हुए. मंच पर सभी नेता और गणमान्य लोग अधिकारों की सबसे ऊंची आवाज लगाने में जुटे थे. लेकिन वहीं मंच के सामने आठ से दस साल के बच्चे सबकी आंखों के सामने सम्मेलन में लोगों को पानी बेचते रहे. इधर, न किसी ने पढ़ाई और खेलने के उम्र में वो क्यों पानी बेच रहे हैं यह उनसे पूछा और न ही अधिकार सम्मेलन के मंच से उनके अधिकार पर दो बातें कहीं. सबसे असंवेदनशीलता यह रही कि इस दौरान झारखंड सरकार के दो मंत्री वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम मौके पर मौजूद रहे.

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दूसरों के अधिकार का सम्मान कौन करेगा

भारतीय समाज में इन दिनों बिना दायित्व अपने अधिकारों की चिंता का चलन बढ़ा है. लोग अपने अधिकार की मांग के लिए बड़े-बड़े सम्मेलन करते हैं, लेकिन दूसरों के अधिकार का सम्मान नहीं करते. रांची अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन में बच्चों का मामला कुछ इसी तरह का है. इसीलिए अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन में बच्चों की बातें किसी ने नहीं की. यहां तक की अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों की भी नहीं.


पानी बेचने वाले बच्चों ने क्या कहा

पानी बेच रहे बच्चे ने कहा कि सम्मेलन में आए लोग उनका पानी खरीद लेंगे तो उसी बिके हुए पानी के पैसे से वह शाम में दोस्तों के साथ बिस्किट और चॉकलेट खरीदकर खाएगा.

सम्मेलन में यह कहा था इमरान प्रतापगढ़ी ने

अल्पसंख्यक अधिकार सम्मेलन में कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा था कि मैं शायरी की दुनिया को छोड़ सियासत की दुनिया में सिर्फ इसलिए आया हूं ताकि अकलियतों का कल्याण हो सकें. लेकिन इस सम्मेलन में बच्चों पर चर्चा न किया जाना अपने आप में सवाल है कि क्या कोई सोसाइटी बिना बच्चों की चिंता किए अपना कल्याण कर सकती है. इससे तमाम सवाल उठ रहे हैं.

Last Updated : Oct 25, 2021, 11:15 AM IST
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