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पार्टी छोड़ विधानसभा चुनाव 2019 में दूसरे पार्टी से प्रत्याशी बने नेताओं की कांग्रेस में नो एंट्री!, रखीं ये शर्तें

झारखंड में लंबित पड़े कांग्रेस के सदस्यता अभियान की शुरुआत 12 फरवरी से होने जा रही है. इस बार पार्टी ने सदस्यता अभियान में कुछ नए शर्त रखे हैं. पार्टी में लोगों को पदाधिकारी बनने के लिए 2 साल जबकि चुनाव लड़ने के लिए 3 साल का इंतजार करना पड़ेगा. वहीं, पार्टी छोड़ कर दूसरे दल से कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने वालों के लिए पार्टी में वापसी मुश्किल हो गई है.

Congress membership campaign to begin on February 12
सदस्यता अभियान
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Published : Feb 10, 2020, 4:44 PM IST

रांची: झारखंड में लंबित पड़े कांग्रेस के सदस्यता अभियान की शुरुआत 12 फरवरी से होने जा रही है. इस बार पार्टी ने सदस्यता अभियान में कुछ नए शर्त रखे हैं. कांग्रेस का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं और बुद्धिजीवियों को पार्टी से जोड़ा जाए, लेकिन जो शर्तें रखी गई हैं. वह चर्चा का विषय बना हुआ है.

देखें पूरी खबर
कांग्रेस पार्टी ने इस बार शर्तों के आधार पर सदस्यता अभियान की रणनीति तैयार की है. जिसके तहत पार्टी में शामिल होने वाले लोगों को पदाधिकारी बनने के लिए 2 साल जबकि चुनाव लड़ने के लिए 3 साल का इंतजार करना पड़ेगा. ऐसे में पार्टी में एंट्री के साथ कोई पद या चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलेगी. ऐसे में पार्टी छोड़ कर दूसरे दल से कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने वालों के लिए पार्टी में वापसी मुश्किल हो गई है.

ये भी देखें- हजारीबाग में 10वीं और 11वीं सदी के कई ऐतिहासिक धरोहर मिले, प्रदर्शनी के माध्यम से बताया गया महत्व

प्रदेश कांग्रेस सदस्यता अभियान के प्रभारी आलोक दुबे ने इन शर्तों को लेकर का है कि संगठन को मजबूत करने के लिए यह फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी छोड़कर दूसरे दल में गए हैं, वह उसी दल में काम करें और कार्यकर्ताओं को अपने तरीके से संगठन को मजबूत करने के लिए काम करने दें.

ऐसे में कांग्रेस की शर्तों की वजह से सदस्यता अभियान में परेशानी भी होगी, क्योंकि कई लोग इन शर्तों की वजह से पार्टी में जुड़ना नहीं चाहेंगे, लेकिन इस मसले पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा है कि यह शर्त इसलिए रखे गए हैं ताकि जो विधानसभा चुनाव में पार्टी छोड़ दूसरे दलों से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़े हैं. उनकी दोबारा पार्टी में इंट्री न हो सके, उन्होंने कहा है कि इन शर्तों की वजह से सदस्यता अभियान पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा.

रांची: झारखंड में लंबित पड़े कांग्रेस के सदस्यता अभियान की शुरुआत 12 फरवरी से होने जा रही है. इस बार पार्टी ने सदस्यता अभियान में कुछ नए शर्त रखे हैं. कांग्रेस का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं और बुद्धिजीवियों को पार्टी से जोड़ा जाए, लेकिन जो शर्तें रखी गई हैं. वह चर्चा का विषय बना हुआ है.

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कांग्रेस पार्टी ने इस बार शर्तों के आधार पर सदस्यता अभियान की रणनीति तैयार की है. जिसके तहत पार्टी में शामिल होने वाले लोगों को पदाधिकारी बनने के लिए 2 साल जबकि चुनाव लड़ने के लिए 3 साल का इंतजार करना पड़ेगा. ऐसे में पार्टी में एंट्री के साथ कोई पद या चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलेगी. ऐसे में पार्टी छोड़ कर दूसरे दल से कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने वालों के लिए पार्टी में वापसी मुश्किल हो गई है.

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प्रदेश कांग्रेस सदस्यता अभियान के प्रभारी आलोक दुबे ने इन शर्तों को लेकर का है कि संगठन को मजबूत करने के लिए यह फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी छोड़कर दूसरे दल में गए हैं, वह उसी दल में काम करें और कार्यकर्ताओं को अपने तरीके से संगठन को मजबूत करने के लिए काम करने दें.

ऐसे में कांग्रेस की शर्तों की वजह से सदस्यता अभियान में परेशानी भी होगी, क्योंकि कई लोग इन शर्तों की वजह से पार्टी में जुड़ना नहीं चाहेंगे, लेकिन इस मसले पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा है कि यह शर्त इसलिए रखे गए हैं ताकि जो विधानसभा चुनाव में पार्टी छोड़ दूसरे दलों से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़े हैं. उनकी दोबारा पार्टी में इंट्री न हो सके, उन्होंने कहा है कि इन शर्तों की वजह से सदस्यता अभियान पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा.

Intro:रांची.झारखंड में लंबित पड़े कांग्रेस के सदस्यता अभियान की शुरुआत 12 फरवरी से होने जा रही है। इस बार पार्टी ने सदस्यता अभियान में कुछ नए शर्त रखे हैं। कांग्रेस का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं और बुद्धिजीवियों को पार्टी से जोड़ा जाए। लेकिन जो शर्ते रखी गई है। वह चर्चा का विषय बना हुआ है।


Body:कांग्रेस पार्टी ने इस बार शर्तों के आधार पर सदस्यता अभियान की रणनीति तैयार की है। जिसके तहत पार्टी में शामिल होने वाले लोगों को पदाधिकारी बनने के लिए 2 साल जबकि चुनाव लड़ने के लिए 3 साल का इंतजार करना पड़ेगा। ऐसे में पार्टी में एंट्री के साथ कोई पद या चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलेगा। ऐसे में पार्टी छोड़ कर दूसरे दल से कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने वालों के लिए पार्टी में वापसी मुश्किल हो गई हैं। प्रदेश कांग्रेस सदस्यता अभियान के प्रभारी आलोक दुबे ने इन शर्तों को लेकर का है कि संगठन को मजबूत करने के लिए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी छोड़कर दूसरे दल में गए हैं। वह उसी दल में काम करें और कार्यकर्ताओं को अपने तरिके से संगठन को मजबूत करने के लिए काम करने दें।

बाइट आलोक दुबे प्रभारी सदस्यता अभियान


Conclusion:ऐसे में कांग्रेस की शर्तों की वजह से सदस्यता अभियान में परेशानी भी होगी। क्योंकि कई लोग इन शर्तों की वजह से पार्टी में जुड़ना नहीं चाहेंगे।लेकिन इस मसले पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा है कि यह शर्त इस लिए रखे गए हैं। ताकि जो विधानसभा चुनाव में पार्टी छोड़ दूसरे दलों से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़े हैं।उनकी दुबारा पार्टी में इंट्रो ना हो सके। उन्होंने कहा है कि इन शर्तों की वजह से सदस्यता अभियान पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा।



बाइट लाल किशोर नाथ शाहदेव प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस

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