नई दिल्लीः पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अब कांग्रेस पार्टी जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने पर फोकस कर रही है. इसके लिए राज्यों के संगठनों को मजबूत करने और जनता पर फोकस करने की रणनीति बनाई गई है. इसके तहत 31 मार्च गुरुवार को झारखंड पर मंथन होगा. इसके लिए नई दिल्ली में बैठक के लिए झारखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्षों को बुलाया गया है. वहीं झारखंड कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी अविनाश पांडे ने भी योजनाओं को अमल में लाना शुरू कर दिया है.
पूर्व अध्यक्ष करेंगे मंथनः बता दें कि आरपीएन सिंह के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद अविनाश पांडे को झारखंड प्रभारी बनाया गया है. इससे पहले अविनाश पांडे राजस्थान और उत्तराखंड के भी प्रभारी रह चुके हैं. बुधवार को दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में झारखंड कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने अपनी रणनीति के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि कल 31 मार्च को दिल्ली में ही झारखंड कांग्रेस के संगठन की एक बड़ी बैठक होनी है, जिसमें पूर्व अध्यक्ष और मंत्रियों को भी बुलाया गया है. साल 1990 से 2020 के बीच पद पर रहे, सभी पूर्व अध्यक्षों को दिल्ली में बैठक के लिए बुलाया गया है. झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया कि गुरुवार को होने वाली बैठक में कुछ गंभीर विषयों पर चर्चा होगी और सभी के सुझाव लिए जाएंगे.
झारखंड कांग्रेस प्रभारी के प्रयासः इधर, सिलसिलेवार हार का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी संगठन मजबूत बनाने के लक्ष्य से काम करने की बात कह रही है. झारखंड कांग्रेस में बीते 1 महीने से संवाद कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके तहत पार्टी के नेता और सरकार में मंत्री अपने कार्यकर्ताओं से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं. इसके साथ ही आम आदमी की समस्याओं और सरकार बनने से पहले चुनाव में किए गए वादों को कैसे पूरा किया जाए इस पर भी मंथन किया जा रहा है. झारखंड में कांग्रेस पार्टी का झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन है और पार्टी छोटे पार्टनर के रूप में सरकार में शामिल है. झारखंड सरकार में कांग्रेस पार्टी के चार मंत्री हैं, सभी मंत्रियों को भी जनता और कार्यकर्ताओं से बेहतर तरीके से जुड़ने का निर्देश दिया गया है. झारखंड में कांग्रेस पार्टी का संवाद कार्यक्रम जिला और प्रखंड स्तर पर आयोजित किया जा रहा है. अविनाश पांडे का कहना है कि सभी पूर्व अध्यक्षों और अन्य नेताओं के सुझाव के बाद संवाद कार्यक्रम को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
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कार्यकर्ता तैयार करेंगे मंत्रियों का रिपोर्ट कार्डः झारखंड कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया कि झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे से चार मंत्री हैं. चारों को पार्टी की तरफ से निर्देश दिया गया है कि वह छह-छह जिलों में जाकर जनसुनवाई का आयोजन करें और उसके बाद लोगों का फीडबैक भी लें. इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि झारखंड कांग्रेस में अब कार्यकर्ता ही मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करेंगे और पार्टी आलाकमान तक पहुंचाएंगे. कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही सरकार में मंत्री बने विधायकों का प्रदर्शन तय होगा. चूंकि मार्च में विधानसभा का सत्र था, इसलिए मंत्रियों को जनसंवाद कार्यक्रम रोकना पड़ा. लेकिन अप्रैल महीने से इसे फिर से शुरू किया जाएगा.
झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने बताया कि पार्टी मुख्यालय में भी एक मंत्री को सप्ताह में 1 दिन पूरा समय देना पड़ेगा, जिस दौरान भी वह जनसुनवाई का काम ही करेंगे. प्रभारी अविनाश पांडे ने भी कहा कि निश्चित रूप से जनता और कार्यकर्ताओं का रिपोर्ट कार्ड पार्टी के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. 1 अप्रैल से 20 अप्रैल तक अविनाश पांडे स्वयं झारखंड के दौरे पर रहेंगे और लगातार तय कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. बहरहाल प्रदेश कांग्रेस संगठन और केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीतियों पर काम कर रही है.
12 अप्रैल से संदेश यात्राः अप्रैल महीने में कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार की नीतियों और महंगाई के खिलाफ आंदोलन का आह्वान किया है. इसके तहत झारखंड कांग्रेस ने भी अपने कार्यक्रम तय किया है और प्रभारी अविनाश पांडे 2 अप्रैल को रांची में महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे. बता दें कि झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने 12 अप्रैल से 20 अप्रैल के बीच राज्य के सभी जिलों से संदेश यात्रा निकालना भी तय किया है.
संगठन के चुनाव जल्दः प्रदेश कांग्रेस में संगठन के चुनाव भी जल्द होने वाले हैं. ऐसे में प्रभारी अविनाश पांडे ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में बड़े बदलाव और नए चेहरे देखने को मिलेंगे. निश्चित रूप से संगठन में जान फूंकने के साथ-साथ जनता से जुड़ने तक यह कवायद 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर की जा रही है. हाल के चुनावों में हार का सामना करने के बाद अब कांग्रेस के पास केवल तीन राज्य हैं जहां वह सरकार में है. छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जहां कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार है. वहीं झारखंड में कांग्रेस पार्टी छोटे भाई की भूमिका में है. निश्चित रूप प्रभारी अविनाश पांडे का लक्ष्य लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी का बेहतर प्रदर्शन और उसी वर्ष होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव में भी पार्टी की स्थिति को और सुधारना है.