रांची: झारखंड में नई सरकार के गठन के बाद अब बोर्ड निगम के खाली पदों को भरने की उम्मीद जताई जा रही है. सरकार की तरफ से इन बोर्ड निगम को भरने की तैयारी भी चल रही है. कई बोर्ड निगम खाली हो गए हैं तो कई के रिक्त पद पिछले 5 सालों में भी नहीं भरे गए थे.
बोर्ड निगम का अस्तित्व समाप्त
इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि सबसे अहम बात यह है कि पिछले 5 सालों में बोर्ड निगम का अस्तित्व लगभग समाप्त हो गया था. क्योंकि किसी बोर्ड निगम के पदाधिकारी को उचित सम्मान और काम करने का मौका नहीं दिया गया, लेकिन पहली बार महागठबंधन की सरकार बनी है और मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि सभी लोगों को समाहित करने का प्रयास किया जाएगा, जो सरकार के कामकाज में अपने विचार दे सकेंगे.
सरकार के कामों में योगदान
ठाकुर ने कहा कि पार्टी का भी विचार है कि बोर्ड निगम का जल्द से जल्द गठन किया जाए और उस दिशा में मुख्यमंत्री कदम बढ़ा चुके हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि जल्द सभी घटक दल बैठक कर सामंजस्य स्थापित करेंगे. वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि पार्टी में कई ऐसे महत्वपूर्ण नेता है जो बोर्ड निगम के पद के लिए बेहतर साबित हो सकते है और सरकार के कामों में योगदान दे सकते हैं.
खाली पदों को भरने की तैयारी
बता दें कि झारखंड में बोर्ड निगम और आयोग की संख्या 36 से ज्यादा हैं, जिसमें झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार, झारखंड राज्य खनिज विकास निगम, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद, झारखंड राज्य वन विकास निगम लिमिटेड, झारखंड पर्यटन विकास निगम, खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार, राज्य 20 सूत्री कार्यान्वयन समिति, झारखंड राज्य आवास बोर्ड और झारखंड राज्य कृषि विपणन परिषद जैसे 36 बोर्ड निगम हैं, जिसके खाली पदों को भरने की तैयारी चल रही है.