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डीलिस्टिंग के नाम पर आदिवासियों के बीच जहर घोलना चाहती है आरएसएस और जनजाति सुरक्षा मंच- बंधु तिर्की - झारखंड न्यूज

Congress leader Bandhu Tirkey over Ulgulan delisting Maha rally. रांची में कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने उलगुलान डीलिस्टिंग महारैली को लेकर बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा है. उन्होंने चुनावी धुर्वीकरण और वोट की फसल काटने आरोप दोनों पर लगाया है.

Congress leader Bandhu Tirkey targeted BJP and RSS over Ulgulan delisting maha rally In Ranchi
रांची में कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने उलगुलान डीलिस्टिंग महारैली को लेकर बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 25, 2023, 7:34 AM IST

रांची: राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा आयोजित उलगुलान डीलिस्टिंग महारैली की निंदा प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने की है. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में जहर घोलने के लिए इसका आयोजन किया गया. डीलिस्टिंग महारैली को भाजपा-आरएसएस द्वारा चुनावी धुर्वीकरण और वोट की फसल काटने के लिए किया गया है. उन्होंने कहा कि अभी तक आदिवासी जिस तरह आपस में मिलजुल रहते हैं, उससे विचलित आरएसएस इस समाज को आपस में बांटने का षड्यंत्र रच रहा है.

आदिवासियों को बरगलाना दुर्भाग्यपूर्ण- बंधु तिर्कीः झारखंड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य और पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि चाहे सरना आदिवासी हों या ईसाई धर्मावलंबी सभी आपस में मिलजुलकर रहते हैं. उनके बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों के बीच आरएसएस और जनजाति सुरक्षा मंच नफरत की दीवार खड़ा करना चाहते हैं, जो ठीक नहीं है.
बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य के आदिवासियों के बीच सरना और ईसाई धर्म के आधार पर उनके बीच कोई मतभेद नहीं है. धार्मिक विचारधारा अलग अलग होने के बावजूद आदिवासी संस्कृति और भाषा को एक समान बताते हुए कहा कि सभी को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए.

कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने कहा कि जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है. आरएसएस की अनुषंगी इकाई वनवासी कल्याण केंद्र के तहत गठित जनजाति सुरक्षा मंच भी चुनावी मैदान में आ चुका है. ये समाज को बांट कर भाजपा को मदद पहुंचाने में लग गया है.

इंसान कोई धर्म अपना ले, अपनी संस्कृति के साथ जीता है- बंधु तिर्कीः पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि किसी भी मत या धर्म को मानने का अधिकार संविधान भारत के सभी नागरिकों को देता है. व्यक्ति चाहे कोई भी धर्म अपना ले लेकिन वह अपने संस्कृति को कभीं नहीं छोड़ता है. बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासी वस्तुतः सरना धर्मावलंबी होते हैं लेकिन समय के साथ कई आदिवासियों ने ईसाई, मुस्लिम या सनातन धर्म अपनाया है. लेकिन उनकी संस्कृति आदिवासी ही है. उन्होंने कहा कि अगर जनजाति सुरक्षा मंच ईसाई धर्म की बात करता है तो बाकी धर्मों के बारे में भी स्थिति स्पष्ट करना चाहिए.

कड़िया मुंडा बताएं उन्होंने आदिवासियों के लिए क्या किया- बंधु तिर्कीः पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि रविवार को डीलिस्टिंग उलगुलान महारैली में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल कड़िया मुंडा को यह बताना चाहिए कि महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए आदिवासियों के लिए क्या किया.

इसे भी पढे़ं- रांची में उलगुलान डीलिस्टिंग महारैली का आयोजन, धर्म परिवर्तन कर चुके आदिवासियों का आदिवासी दर्जा खत्म करने की मांग

इसे भी पढे़ं- डीलिस्टिंग मुद्दे पर जनजाति सुरक्षा मंच की महारैली कल, आदिवासी समाज के एक पक्ष ने डीलिस्टिंग पर जताया ऐतराज, कहा- आपस में लड़ाने की हो रही साजिश

इसे भी पढे़ं- धर्मांतरित व्यक्ति को नहीं मिले आरक्षण एसटी-एससी का लाभ, डीलिस्टिंग की मांग को लेकर दुमका में महारैली

रांची: राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा आयोजित उलगुलान डीलिस्टिंग महारैली की निंदा प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने की है. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में जहर घोलने के लिए इसका आयोजन किया गया. डीलिस्टिंग महारैली को भाजपा-आरएसएस द्वारा चुनावी धुर्वीकरण और वोट की फसल काटने के लिए किया गया है. उन्होंने कहा कि अभी तक आदिवासी जिस तरह आपस में मिलजुल रहते हैं, उससे विचलित आरएसएस इस समाज को आपस में बांटने का षड्यंत्र रच रहा है.

आदिवासियों को बरगलाना दुर्भाग्यपूर्ण- बंधु तिर्कीः झारखंड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य और पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि चाहे सरना आदिवासी हों या ईसाई धर्मावलंबी सभी आपस में मिलजुलकर रहते हैं. उनके बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों के बीच आरएसएस और जनजाति सुरक्षा मंच नफरत की दीवार खड़ा करना चाहते हैं, जो ठीक नहीं है.
बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य के आदिवासियों के बीच सरना और ईसाई धर्म के आधार पर उनके बीच कोई मतभेद नहीं है. धार्मिक विचारधारा अलग अलग होने के बावजूद आदिवासी संस्कृति और भाषा को एक समान बताते हुए कहा कि सभी को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए.

कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने कहा कि जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है. आरएसएस की अनुषंगी इकाई वनवासी कल्याण केंद्र के तहत गठित जनजाति सुरक्षा मंच भी चुनावी मैदान में आ चुका है. ये समाज को बांट कर भाजपा को मदद पहुंचाने में लग गया है.

इंसान कोई धर्म अपना ले, अपनी संस्कृति के साथ जीता है- बंधु तिर्कीः पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि किसी भी मत या धर्म को मानने का अधिकार संविधान भारत के सभी नागरिकों को देता है. व्यक्ति चाहे कोई भी धर्म अपना ले लेकिन वह अपने संस्कृति को कभीं नहीं छोड़ता है. बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासी वस्तुतः सरना धर्मावलंबी होते हैं लेकिन समय के साथ कई आदिवासियों ने ईसाई, मुस्लिम या सनातन धर्म अपनाया है. लेकिन उनकी संस्कृति आदिवासी ही है. उन्होंने कहा कि अगर जनजाति सुरक्षा मंच ईसाई धर्म की बात करता है तो बाकी धर्मों के बारे में भी स्थिति स्पष्ट करना चाहिए.

कड़िया मुंडा बताएं उन्होंने आदिवासियों के लिए क्या किया- बंधु तिर्कीः पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि रविवार को डीलिस्टिंग उलगुलान महारैली में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल कड़िया मुंडा को यह बताना चाहिए कि महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए आदिवासियों के लिए क्या किया.

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