रांची: जिले में पूर्व पीएम स्वर्गीय राजीव गांधी के जयंती की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम का आयोजन किया. इस दौरान कांग्रेस ने बुधवार को सचिवालय के सफाई कर्मियों के बीच मिठाई और सुरक्षात्मक कोरोना किट का वितरण किया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता रांची महानगर कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष संजय पांडे ने की.
वैश्विक ताकतों के बराबरी में भारत
इस मौके प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा कि देश में कंप्यूटर और दूरसंचार क्रांति के पथ प्रदर्शक राजीव गांधी ने अपनी दूरदर्शिता से अल्प समय में ही विश्व के अनेक विकसित देशों के समकक्ष भारत को खड़ा करने का प्रयास किया. उन्होंने अपनी वैचारिक क्रांति और युवा जोश से बीसवीं सदी के भारत की ना सिर्फ परिकल्पना की, बल्कि उसे मूर्त रूप देने में अपनी नेतृत्व क्षमता का भरपूर उपयोग किया. पूरे विश्व में हर क्षेत्र में वैश्विक ताकतों के सामने खड़े हैं. यह उनके कार्यकाल में लिए गए कई फैसलों के कारण है. उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विकास के बीच संतुलन कायम रखते हुए अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए कड़े फैसले लेने से भी परहेज नहीं किया.
अतीत की नींव पर ही भविष्य का निर्माण
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि अतीत की नींव पर ही भविष्य का निर्माण होता है. इस कथन को पूरी तरह से वर्तमान के परिवेश में रखा जा सकता है. आज के मजबूत और आधुनिक भारत की कल्पना करते हुए भविष्य दृष्टा राजीव गांधी ने तीन दशक पूर्व ही विकास की मजबूत बुनियाद रख दी थी, जिस पर आज भी देश अग्रसर है. उन्होंने समाज और देश के विकास में युवा वर्ग को भागीदार बनाने के लिए मतदान की उम्र सीमा 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया था.
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बाधक तत्वों ने की आलोचना
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजय नाथ शाहदेव ने कहा कि देश को उच्चतम शिखर पर लाने का सपना देखते हुए जब राजीव गांधी ने कंप्यूटर युग की शुरुआत की थी, तब देश के विकास के लिए बाधक तत्वों ने उनकी आलोचना की थी, लेकिन उन्होंने देश की जनता के हित में कंप्यूटर और दूरसंचार के क्षेत्र में क्रांति ला दिया.
जान देकर चुकाई कीमत
रांची महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष संजय पांडे ने कहा कि राजीव गांधी ने शांति और विकास के रास्ते पर अग्रसर रहकर आतंकवाद का भी मजबूती से मुकाबला किया. देश को हर मोर्चे पर विश्व के अग्रणी देशों के समक्ष खड़ा करने का सपना उन्होंने अपने कार्यकाल के प्रथम दिन से ही देखा था. वह देश के विकास कार्यों में भ्रष्टाचार की बात सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने वाले साहसी व्यक्ति थे. जिन्होंने अपनी शांति की नीतिगत सिद्धांतों से समझौता नहीं किया. जिसकी कीमत उन्होंने अपनी जान देकर चुकाई.