रांची: हेमंत सरकार के मंत्रिमंडल के विस्तार में देरी को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं, हालांकि सूत्रों के हवाले से खबर है कि मंत्रिमंडल विस्तार में 7 जेएमएम, 4 कांग्रेस और 1 आरजेडी का फार्मूला तय किया गया था, लेकिन कांग्रेस की ओर से पांच मंत्री पद की डिमांड रखी गई है.
साथ ही जनता से किए गए वादों को पूरा करने के लिए अहम विभाग की भी मांग रखी गई है. जिस पर फिलहाल सहमति नहीं बन पाई है. अहम विभागों में गृह, वित्त, ऊर्जा, कृषि, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य विभाग शामिल है, जबकि पांच मंत्री पद की भी मांग है. ऐसे में जहां कांग्रेस के दो मंत्री पद का कोटा पूरा कर दिया गया है और तीन मंत्री पद की मांग रखी गई है. वहीं, आरजेडी की ओर से भी एक मंत्री पद का कोटा पूरा हो चुका है, लेकिन अब कांग्रेस के तीन मंत्री पद और अहम विभाग को लेकर मंत्रिमंडल का पेंच फंसा हुआ है.
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कांग्रेस पार्टी का भी मानना है कि जनता से किए गए वादों को पूरा करने के लिए पार्टी की अहम भागीदारी सरकार में होनी चाहिए, हालांकि कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने 7-4-1 के फार्मूले को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि पार्टी की भावना ये जरूर है कि जनता से जुड़े विभागों में पार्टी की अहम भूमिका हो.
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वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि राज्य की जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो यह प्राथमिकताएं होंगी और उसी दिशा में महागठबंधन की सरकार बढ़ रही है. उन्होंने कहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में कोई देरी नहीं हुई है, बल्कि सभी बातें सुलझ गई है और जल्द ही तस्वीर साफ हो जाएगी.