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महागठबंधन की शानदार जीत पर कांग्रेसी उत्साहित, पहली बार प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता चुनाव जीते

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में महागठबंधन सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करके बीजेपी को रोकने में सफल रही. पहली बार कांग्रेस 16 सीटों पर जीतकर बड़ी भूमिका निभाते नजर आई. एक संयोग यह भी रहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता अपने पद पर रहते हुए चुनाव जीते. ऐसा इससे पहले कभी नहीं हुआ था.

Congress best performance ever in Jharkhand
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Published : Dec 27, 2019, 9:15 PM IST

रांची: झारखंड राज्य गठन के बाद पहली बार 2019 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष और विधायक दल के नेता, अपने पद पर रहते हुए चुनाव जीतकर विधायक बने हैं. इससे पहले कांग्रेस ऐसा करने में सफल नहीं हो पाई थी. इसको लेकर कांग्रेस में खुशी की लहर है.

देखें पूरी खबर

2019 के विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड में हुए चुनावों में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता अपनी सीट नहीं बचा पाते थे. लेकिन इस बार दोनों पदों पर आसीन नेताओं ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है. वर्ष 2005, 2009 और 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता अपनी सीट नहीं जीत पा रहे थे. लेकिन इस मिथक को तोड़ने में कांग्रेस को 19 साल लग गए. पहली बार ऐसा मौका आया है जब झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने लगभग 20 हजार मतों से जीत हासिल की है. वहीं, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने लगभग 65 हजार मतों से जीत हासिल कर रिकॉर्ड बनाया.

इसे भी पढ़ें- 'रिवर्स वेंडिंग मशीन' के जरिये शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने की तैयारी, रांची नगर निगम को मिल रही है मदद

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव भी इस मिथक को मानते हुए कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष ने उपचुनाव में जीत हासिल की थी. हालांकि इस बार पहले जैसी परिस्थितियां नहीं थी. इस बार प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता भारी मतों से जीत हासिल की है. जिससे पार्टी में उत्साह का माहौल है. इस विधानसभा चुनाव में 19 वर्षों बाद कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत दर्ज कर एक नया रिकॉर्ड भी बनाया है. इससे पहले वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 14 सीटों पर जीत दर्ज कर बेहतर प्रदर्शन किया था. ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने इस बार के चुनाव में बड़ी जीत को लेकर कहा कि इसका श्रेय कार्यकर्ताओं के बीच बेहतर कोआर्डिनेशन और शीर्ष नेतृत्व का मार्गदर्शन रहा है. साथ ही गुटबाजी करने वाले लोगों के पार्टी से बाहर जाना भी कांग्रेस के लिए बेहतर साबित हुआ.

रांची: झारखंड राज्य गठन के बाद पहली बार 2019 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष और विधायक दल के नेता, अपने पद पर रहते हुए चुनाव जीतकर विधायक बने हैं. इससे पहले कांग्रेस ऐसा करने में सफल नहीं हो पाई थी. इसको लेकर कांग्रेस में खुशी की लहर है.

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2019 के विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड में हुए चुनावों में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता अपनी सीट नहीं बचा पाते थे. लेकिन इस बार दोनों पदों पर आसीन नेताओं ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है. वर्ष 2005, 2009 और 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता अपनी सीट नहीं जीत पा रहे थे. लेकिन इस मिथक को तोड़ने में कांग्रेस को 19 साल लग गए. पहली बार ऐसा मौका आया है जब झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने लगभग 20 हजार मतों से जीत हासिल की है. वहीं, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने लगभग 65 हजार मतों से जीत हासिल कर रिकॉर्ड बनाया.

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कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव भी इस मिथक को मानते हुए कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष ने उपचुनाव में जीत हासिल की थी. हालांकि इस बार पहले जैसी परिस्थितियां नहीं थी. इस बार प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता भारी मतों से जीत हासिल की है. जिससे पार्टी में उत्साह का माहौल है. इस विधानसभा चुनाव में 19 वर्षों बाद कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत दर्ज कर एक नया रिकॉर्ड भी बनाया है. इससे पहले वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 14 सीटों पर जीत दर्ज कर बेहतर प्रदर्शन किया था. ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने इस बार के चुनाव में बड़ी जीत को लेकर कहा कि इसका श्रेय कार्यकर्ताओं के बीच बेहतर कोआर्डिनेशन और शीर्ष नेतृत्व का मार्गदर्शन रहा है. साथ ही गुटबाजी करने वाले लोगों के पार्टी से बाहर जाना भी कांग्रेस के लिए बेहतर साबित हुआ.

Intro:रांची.झारखंड राज्य अलग गठन होने के बाद पहली बार 2019 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष और विधायक दल के नेता के पद पर रहे कांग्रेसी नेताओं ने जीत हासिल की है। इससे पहले वर्ष 2005,2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव में इन दोनों पदों पर आसीन नेता अपनी सीट नहीं बचा पाते थे। साथ ही अब तक के सबसे ज्यादा 16 सीटों पर जीत दर्ज कर पार्टी ने नया रिकॉर्ड भी दर्ज किया है।


Body:दरअसल 2019 के चुनाव से पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता अपनी सीट नहीं बचा पाते थे। लेकिन इस बार दोनों ने जीत हासिल की है। वर्ष 2005,2009 और 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता अपनी सीट नहीं जीत पा रहे थे। लेकिन इस मिथक को तोड़ने में कांग्रेस पार्टी को 19 साल लग गए। पहली बार ऐसा मौका आया है। जब झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने लगभग 20 हजार मतों से जीत हासिल की है। तो वहीं विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने लगभग 65 हजार मतों से जीत हासिल कर रिकॉर्ड बनाया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने इसे मानते हुए कहा कि इससे पहले के विधानसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष ने उपचुनाव में जीत हासिल की थी। हालांकि इस बार पहले जैसी परिस्थितियां नहीं थी और प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता ने भारी मतों से जीत हासिल की है। जिससे पार्टी में उत्साह का माहौल है।




Conclusion:वही इस विधानसभा चुनाव में 19 वर्षों बाद कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत दर्ज कर एक नया रिकॉर्ड भी बनाया है। इससे पहले वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का 14 सीटों पर जीत दर्ज कर बेहतर प्रदर्शन रहा था। ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने इस बार के चुनाव में बड़ी जीत को लेकर कहा कि इसका श्रेय कार्यकर्ताओं के बीच बेहतर कोआर्डिनेशन और शीर्ष नेतृत्व का मार्गदर्शन रहा है।साथ ही गुटबाजी करने वाले लोगों के पार्टी से बाहर जाने की वजह से भी कांग्रेस मजबूती के साथ उभरी है।
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