रांची: कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कमी होते ही कोरोना पीड़ितों की सहायता पर सियासत तेज होने लगी है. कोरोना काल में परेशान लोगों को सहायता पहुंचाने का क्रेडिट लेने में राजनीतिक दल जुटे हुए हैं. हालत यह है कि सत्तारूढ़ दल सरकार के साथ-साथ अपनी पार्टी के चलाये जा रहे सहायता कार्य का बखान करते हुए नहीं थक रहे हैं.
वहीं विपक्षी पार्टियां भी सरकार की खामियों को गिनाने में जुटी हैं. कोरोना से मरती उबरती जनता को भले ही संक्रमण की रफ्तार कम होने से जीवन जीने की नई उम्मीद जगी है मगर सियासी दलों ने जिस तरह से एक दूसरे पर आरोप लगाये जा रहे हैं वो किसी जुबानी जंग से कम नहीं हैं.
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बीजेपी नेता घर में खा रहे थे मलाई रोटीः कांग्रेस
राज्य सरकार में सहयोगी दल कांग्रेस ने बीजेपी नेताओं पर कोरोना काल में जनता से दूर होकर घरों में मलाई रोटी खाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं ने घरों में रहकर मीडिया में बयान जारी करने के सिवाय कुछ भी काम नहीं किया.
जनता का रहनुमा बनने का ढोंग रचने वाली बीजेपी के नेता जनता से दूर बने रहे और जनता उन्हें खोजती रही. हर मुद्दे पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और बाबूलाल मरांडी का घर बैठे बयान मीडिया में आता रहा और इसके माध्यम से सरकार की कमी निकालने के सिवा इन लोगों ने कुछ भी नहीं किया.
कांग्रेस के सर्टिफिकेट की जरूरत नहींः सीपी सिंह
कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि बीजेपी ही एक ऐसी पार्टी है जो सेवाभाव से जनता की सेवा करती है. कोरोना काल में बीजेपी के सभी कार्यकर्ता नेता के अलावा आरएसएस कार्यकर्ताओं का सेवाकार्य अभूतपूर्व रहा है. बीजेपी को कांग्रेस के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर सभी कांग्रेसियों ने देश में भ्रम फैलाने का काम किया है.
बहरहाल कोरोना पीड़ितों को सहायता पहुंचाने में कौन कितना सक्रिय रहा वह तो जनता तय करेगी. मगर राजनीतिक दलों के बीच जिस तरह से श्रेय लेने की होड़ मची है उसने सियासी तापमान को जरूर बढ़ा दिया है.