रांची: जमीन घोटाले की जांच कर रही ईडी को रांची रिंग रोड में बेशकीमती जमीन को फर्जी कागजों पर हड़पने को लेकर भी शिकायत की गई है. कांके निवासी रविंद्र सिंह ने ईडी के संयुक्त निदेशक को आवेदन देकर ईडी जांच की मांग की है. रवींद्र सिंह की शिकायत के आधार पर कांके थाने में दर्ज केस 92/2022 को टेकओवर कर सकती है.
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क्या है पूरा मामला: ईडी को शिकायत मिली है कि रिंग रोड की बेशकीमती जमीन को पंकज सिंह उर्फ निशिकांत सिंह नाम के व्यक्ति ने कब्जा किया है. जमीन कब्जाने में कांके सीओ, पुलिस के आला अधिकारियों की भूमिका को संदेहास्पद बतायी गयी है. कांके के रहने वाले रविंद्र सिंह ने ईडी को बताया है कि कांके अंचल में साल 2008 में उन्होंने जनरल जमीन खाता संख्या 82, प्लाट संख्या 2048 खरीदी थी. रिंग रोड की इस जमीन पर उन्होंने चारदीवारी और एक कमरा बनाया था, जमीन का म्यूटेशन भी उनके नाम पर था.
इस जमीन पर कोई विवाद नहीं था, लेकिन पांच अप्रैल 2022 को निशिकांत उर्फ पंकज सिंह ने 10- 15 लोगों के साथ आकर मारपीट और लूटपाट की साथ ही जमीन पर कभी नहीं आने की धमकी दी. काफी मशक्कत के बाद तब 8 अप्रैल 2022 को केस दर्ज हुआ, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हुई. रवींद्र ने ईडी को बताया है कि पुलिस ने बाद में साजिश कर उसे एससी एसटी केस में फंसा दिया. रवींद्र का आरोप है कि रांची के ग्रामीण एसपी ने भी जमीन बेदखल करने के लिए धमकी दी.
प्रशासनिक और पुलिस अफसरों की भूमिका पर कैसे उठा सवाल: रवींद्र ने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पूर्व के उनके म्यूटेशन को रद्द कर दिया, वहीं शिकायतकर्ता का आरोप है कि उन्होंने फर्जी सेल डीड के प्रमाण भी प्रशासनिक अधिकारियों को दिए, लेकिन अधिकारी भूमाफिया को अनुचित सहयोग करते रहे. रवींद्र ने ईडी को बताया है कि जिस व्यक्ति के सेल डीड की बात की गई है, वह व्यक्ति कहीं होचर में रहता ही नहीं.