रांची: कोल्हान प्रमंडल में आदिवासियों की बहुलता है. इस राज्य की राजनीति भी आदिवासियों के ईर्द-गिर्द ही घूमती रहती है. पीएम के बिरसा मुंडा की जन्मस्थली के आगमन पर भी राजनीति हो रही है. लेकिन इससे इतर कोल्हान का एक ऐसा मसला उठा है, जो चौंकाने वाला है. आपको जानकर हैरानी होगी कि चाईबासा में संचालित कोल्हान विश्वविद्यालय का संचालन वाइस चांसलर नहीं बल्कि वहां के आयुक्त कर रहे हैं.
मई 2023 से कुलपति का पद खाली पड़ा है. इस विश्वविद्यालय के अधीन 54 डिग्री कॉलेज हैं, जहां करीब 80 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. आदिवासी बहुल यह क्षेत्र खनिज से तो भरा पड़ा है लेकिन शिक्षा के मामले में काफी पीछे है. इसके बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इस बात को चाईबासा से कांग्रेस की सांसद गीता कोड़ा ने उठाया है. उन्होंने राज्य के राज्यपाल सह कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन से मिलकर विश्वविद्यालय का हालात साझा किया है.
सांसद गीता कोड़ा के मुताबिक कोल्हान विश्वविद्यालय ने कुलपति तो दूर प्रति कुलपति का पद भी जून 2023 से खाली पड़ा है. जबकि वित्त अधिकारी का प्रभार भी प्रति कुलपति के पास होता है. यही नहीं इसी माह के अंत में रिटायर होने की वजह से रजिस्ट्रार का पद भी खाली हो जाएगा. इसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है. ना तो समय पर डिग्री सर्टिफिकेट मिल रहा है और ना ही किसी तरह का प्रमाण पत्र. प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी कई काम प्रभावित हो रहे हैं.
सांसद गीता कोड़ा ने कुलाधिपति से मिलकर इन समस्याओं के निष्पादन की मांग की है. उन्होंने इस बाबत एक पत्र भी सौंपा है. उन्होंने मांग की है कि कोल्हान विश्वविद्यालय में कुलपति, प्रतिकुलपति, सचिव और रजिस्ट्रार जैसे महत्वपूर्ण पदों पर स्थायी नियुक्ति की जाए ताकि छात्र-छात्राओं को परेशानी ना उठानी पड़े. सांसद गीता कोड़ा की ओर से बताया गया है कि कुलाधिपति ने उनकी बातों को गंभीरता से लिया है. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि जल्द से जल्द स्थाई कुलपति की नियुक्ति की जाएगी. आपको बता दें कि झारखंड से गीता कोड़ा कांग्रेस की एकमात्र सांसद हैं. उन्होंने मोदी लहर के बावजूद 2019 का चुनाव जीता था.