रांचीः राज्य के वाणिज्य कर विभाग के द्वारा साल 2019 तक के कार्यो की जानकारी देते हुए सचिव ने साढ़े चार साल की उपलब्धियों को गिनाया. सचिव प्रशांत कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में संग्रहित राजस्व गत वित्तीय वर्ष के इसी अवधि तक संग्रहित राजस्व से लगभग साढ़े 10 सो करोड़ अधिक है.
जीएसटी के दौरान सक्रिय हुए जीएसटी फ्रॉड-
- 600 करोड़ के राजस्व का लगाया चूना
- कुल 43 मामले अब तक हुए डिटेक्ट
- 25 में एफआईआर कर हो रही कार्रवाई
- फेक इनवॉइस जेनरेट कर किया फ्रॉड
25 कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
जीएसटी के लॉन्च होने के बाद अब तक कुल 43 मामले जीएसटी फ्रॉड के डिटेक्ट किए गए हैं. इसमें 25 कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई हो रही है. वाणिज्य कर विभाग सचिव प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि जीएसटी में व्यवसायियों को हो रही परेशानी से रिबेट दिया गया, जिसका फ्रॉड ने फेक ट्रांजैक्शन कर फायदा उठाया. उन्होंने बताया कि कोलकाता, मुंबई और गुजरात में यह गिरोह सक्रिय है. वहीं, उन्होंने बताया कि 600 करोड़ के राजस्व का नुकसान तो हुआ है, लेकिन यह आंकलन कर पाना मुश्किल है कि आखिर किस राज्य को कितने का नुकसान हुआ. सरकार इन फ्रॉड पर अंकुश लगाने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है, जिसके लिए इंटेलिजेंस सेल बनाया गया और कोऑर्डिनेशन टीम दूसरे राज्य से संपर्क में है.
वित्तीय वर्ष 2014 15 में कार्य-
- 8385.4 करोड़ रुपए के राजस्व का संग्रहण
- आईटी इकाइयों को विद्युत शुल्क की देता से विमुक्ति
- मेगा प्रोजेक्ट फॉर कैपटिव पावर प्लांट को 50% की सीमा तक विद्युत शुल्क कि देयता से विमुक्ति
- रिन्यूएबल सोर्स से ऊर्जा उत्पादन करने वाले ऊर्जा संयंत्र को 50 प्रतिशत की देयता से विमुक्ति
वित्तीय वर्ष 2015 -16 में हुए कार्य-
- 9189.43 करोड़ रुपये के राजस्व संग्रहण
- निबंधन प्रक्रिया का सरलीकरण
वित्तीय वर्ष 2016-17 -
- 10832.04 करोड़ के राजस्व का संग्रहण
- 2 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यवसायियों को कर से छुटकारा
- कैशलेस ट्रांसेक्शन्स को बढ़ावा
- टायर ट्यूब की खरीद पर कर दर में गिरावट
- परिवहन हेतु 50 हज़ार की सीमा को बढ़ाकर एक लाख
- एलईडी बल्ब पर कर दर 14 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत
वित्तीय वर्ष 2017-18 -
- 11368 करोड़ रुपये के राजस्व का संग्रहण
- झारखंड माल एवं सेवा कर अधिनियम
- जीएसटी की सफलतापूर्वक क्रियान्वन के लिए अडवाइजरी कमिटी के गठन
- मुनाफाखोरी रोकने के लिए कमिटी के गठन
वित्तीय वर्ष 2018-19 -
- 12953.7 करोड़ के राजस्व की वसूली
- 94,939 नए व्यवसाइयों का निबंधन
- डीजल एवं पेट्रोल में वैट की राशि मे कमी