रांची: लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों के एलान के साथ ही राज्यों में (आदर्श आचार संहिता/आचार संहिता) लागू हो गई है. चुनाव आचार संहिता, चुनाव आयोग के वो निर्देश हैं, जिसका पालन इलेक्शन खत्म होने तक हर दल और हर प्रत्याशी को करना होता है.
क्या है ये आचार संहिता, इसका क्या रोल है ये हमें बता रहे हैं रिटायर्ड आईएएस डॉ. सुशील त्रिवेदी. सुशील त्रिवेदी ने बताया कि आचार संहिता मतदान प्रक्रिया को कैसे किया जाना है. इसमें किसकी क्या भूमिका है ये बताता है.
आचार संहिता में निहित कुछ महत्वपूर्ण बातेंः
1. 1966 के बाद से चुनावी प्रक्रिया में आचार संहिता का रोल प्रस्तावित किया गया.
2. आचार संहिता एक ऑर्डर के रूप में लागू होती है, जो बताती है कि कैंडिडेट को कैसा आचरण करना चाहिए.
3. सरकार को कैसा आचरण करना चाहिए. सरकारी अफसरों को कैसा आचरण करना चाहिए, ये इसमें बताया गया है. जिस पर महत्वपूर्ण रूप से ध्यान दिया जाता है.
4. चुनाव आयोग हर क्षेत्र के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करता है जो कि मतदान क्षेत्रों में देखते हैं कि नियमों के तहत कार्य हो रहे हैं कि नहीं.
5. हर कैंडिडेट के लिए लोकसभा और विधानसभा के लिए निर्वाचन व्यय की सीमा निर्धारित की गई है, जिसमें परिवर्तन होता रहता है.
6. किसी प्रकार का प्रलोभन पार्टियां मतदाताओं को न दे सके इस बात का भी ध्यान रखा जाता है.
7. चुनाव का प्रचार-प्रसार कैसे हो, इसका भी ध्यान दिया जाना चाहिए.