रांचीः जिले में कोचिंग संस्थानों को खोले जाने की अनुमति की मांग को लेकर झारखंड कोचिंग एसोसिएशन के बैनर तले कोचिंग संस्थानों से जुड़े संचालकों और शिक्षकों ने एक रैली निकाली. रैली के दौरान राज्य सरकार से कोचिंग संस्थान जल्द से जल्द खोलने की मंजूरी देने की अपील की गई.
मार्च महीने से बंद है कोचिंग संस्थान
मार्च महीने से ही कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से झारखंड के तमाम कोचिंग संस्थान बंद है. लगातार कोचिंग संचालकों की ओर से खोले जाने की मांग की जा रही है. वहीं संचालकों की मानें, तो उनकी आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई है. तमाम संस्थाएं धीरे-धीरे खुल रही हैं. लेकिन कोचिंग संस्थानों को खोले जाने को लेकर सरकार की ओर से कोई निर्देश नहीं आया है. कोचिंग संस्थान बंद रहने के कारण विद्यार्थियों के पठन-पाठन पर भी असर पड़ रहा है. इंजीनियरिंग मेडिकल बैंकिंग और सिविल सेवा में जाने के अरमान संजोए हजारों विद्यार्थी भी परेशान है. प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए उन्हें सही मार्गदर्शन या कोचिंग नहीं मिल पा रही है. राज्य के 15 सौ से अधिक कोचिंग संस्थान पिछले 9 महीने से बंद पड़े हैं. फिलहाल, ऑनलाइन कक्षाएं चल रही है. लेकिन इसका लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा है.
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भुखमरी के कगार पर कोचिंग संचालक
इस वजह से कोचिंग संचालक भी काफी परेशान है .उनकी आर्थिक स्थिति भी दयनीय हो गई है. कोचिंग संस्थानों को खोलने की अनुमति की मांग को लेकर सोमवार को झारखंड कोचिंग एसोसिएशन के बैनर तले कोचिंग संस्थान से जुड़े शिक्षकों और संचालकों की ओर से एक रैली निकाली गई और विरोध प्रकट किया गया. इस दौरान सरकार से मांग की गई कि जल्द से जल्द सरकार संस्थानों को खोलने की अनुमति दें, नहीं तो उनकी स्थिति और बुरी हो जाएगी. कोचिंग संचालकों का तर्क है कि जब स्कूल खुल सकते हैं. राजनीतिक रैलियों में कार्यकर्ता शामिल हो सकते हैं. पार्टी शादी सब आयोजित हो सकती है. तब कोचिंग संस्थान आखिर क्यों नहीं खोल सकते हैं.