रांची: पिछले 73 दिनों से राज्य के लगभग 4,000 कोचिंग संस्थान पूरी तरह से बंद हैं. कोचिंग संस्थान से जुड़े हजारों शिक्षक और कोचिंग संस्थान चलाने वाले संचालक भुखमरी की कगार पर हैं. अब वह राज्य सरकार से कम से कम कोचिंग सेंटर खोलने की ही अनुमति मांग रहे हैं, ताकि वैकल्पिक रास्ता निकालकर ऑनलाइन तरीके से ही वह अपने विद्यार्थियों तक पठन-पाठन की सामग्री मुहैया करा सकें और उनका संस्थान भी चले.
कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने 31 जुलाई तक सभी शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ राज्य के तमाम कोचिंग संस्थानों को भी बंद रखने का फैसला लिया है और पिछले 73 दिनों से राज्य के लगभग 4,000 से अधिक कोचिंग संस्थान पूरी तरह से बंद हैं. पिछले दिनों धनबाद में एक कोचिंग संस्थान के मालिक की आत्महत्या किए जाने के बाद अब कोचिंग मालिकों और उसमें काम करने वाले कर्मचारी बेहद परेशान हैं और डिप्रेशन में चले गए हैं. झारखंड कोचिंग संस्थान एसोसिएशन की ओर से सरकार से लगातार यह मांग की जा रही है कि कम से कम कोचिंग संस्थानों की ओर सरकार ध्यान दे और थोड़ी रियायत दे.
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कम से कम कोचिंग संस्थानों को खोलने की इजाजत दी जाए, ताकि कोचिंग संस्थान अपने स्तर से अपने विद्यार्थियों तक ऑनलाइन पठन-पाठन के जरिए ही पहुंच सकें. जिसमें कोचिंग सेंटर से जुड़े शिक्षकों कर्मचारियों और संचालकों को लाभ मिल सके. बताते चलें कि राजधानी रांची के एजुकेशन हब कहे जाने वाला हरिओम टावर इन दिनों वीरान है, क्योंकि इस बिल्डिंग में 80 फीसदी काउंटर एजुकेशन के लिए चलाए जा रहे हैं. सबसे अधिक कोचिंग संस्थान ही यंहा संचालित होते हैं. ऐसे में यह हरिओम टावर भी इन दिनों वीरान है. हरिओम टावर के समीप तमाम कोचिंग संस्थान चलाने वाले कोचिंग संचालकों ने मौन प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार से इस ओर ध्यान देने की मांग की है.