रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड नगरपालिका जल कार्य, जल अधिभार और जल संयोजन नियमावली-2020 के गठन से संबंधित प्रस्ताव को शुक्रवार स्वीकृति दे दी है. इसे अब मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा. नगर विकास एवं आवास विभाग के इस प्रस्ताव में जल संधारण, जल के रख-रखाव, जल संयोजन शुल्क और जल दर से संबंधित प्रावधान किए गए हैं.
झारखंड नगरपालिका जल कार्य, जल अधिभार और जल संयोजन नियमावली में ये हैं प्रावधान
1. जल संयोजन के लिए आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है. जल संयोजन अनुमोदन, क्रियान्वयन और अधिष्ठापन की प्रक्रिया के तीन चरण होंगे, निर्धारित समयावधि में ये प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी.
2. जल संयोजन चार प्रकार के होंगे. इसे आवासीय संयोजन, वाणिज्यिक संयोजन, औद्योगिक संयोजन और सांस्थिक, सरकारी संयोजन की श्रेणी में बांटा गया है. इन सभी श्रेणी के जल संयोजन के लिए मासिक शुल्क निर्धारित किया गया है. आवासीय जल संयोजन में बीपीएल परिवारों से एपीएल की तुलना मे आधा मासिक शुल्क ली जाएगी.
3. नियमावली में नलसाज के अनुज्ञप्ति जारी किए जाने संबंधी प्रावधान हैं. पहले के पुराने मीटर रहित संयोजन को मीटरयुक्त में परिवर्तित किए जाने की प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है. अवैध जल कनेक्शन को वैध मीटरयुक्त जल संयोजन में परिवर्तित किए जाने की प्रक्रिया और जुर्माने के संबंध में भी प्रावधान किया गया है. एकमुश्त जुर्माना भुगतान की स्थिति में जुर्माना शुल्क में छूट दिए जाने का भी प्रावधान है.
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4. परिसरों की जलापूर्ति रोकने की शक्ति और जल की बर्बादी रोकने के संबंध में भी प्रावधान किए गए हैं.
5. नियमावली में जलापूर्ति संबंधी शहरी स्थानीय निकायों के सामान्य कर्तव्य और परिचालन से संबंधित प्रावधान किए गए हैं. इसमें रख-रखाव और संचालन शहरी स्थानीय निकाय और बाह्य स्त्रोत से माध्यम से किया जाएगा. बाह्य स्त्रोत रख-रखाव और संचालन गतिविधि के लिए जुडको केंद्रीय नोडल बिंदु होगा.