रांचीः रविवार को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देश के विभिन्न प्रांतों और दुनिया के कोने-कोने में बसने वाले आदिवासी समुदायों को इस शुभ अवसर पर ढेर सारी शुभकामनाएं दी. उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि झारखंड जनजातीय बहुल प्रदेश है. यहां की कला संस्कृति अनूठी है. देश के आजाद होने से लेकर अब तक एक लंबी दूरी तय की गई है. संविधान में आदिवासियों को प्रदत शक्तियों के बावजूद आदिवासी समाज इस सफर में कहां तक पहुंचे, यह हमारे लिए बड़ा सवाल और एक चिंतनीय विषय है.
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शिक्षा को प्राथमिकता
वहीं, सीएम ने कहा कि आदिवासी समाज शिक्षा को प्राथमिकता दें. आज के भौतिकवादी और कंपटीशन के दौर में जिस तरीके से वैश्विक महामारी दुनिया में फैली है, मानो एक परिवर्तन का दौर पूरे दुनिया में महसूस किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने संघर्षों की मूर्ति महापुरुषों को नमन किया और पूरे देश के आदिवासियों को अपनी ओर से पुनः शुभकामनाएं दी.