रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को अपनी सरकार के अधिकारियों की कार्यशैली से काफी नाराज दिखे. झारखंड मंत्रालय में अबुआ बीर दिशोम अभियान 2023 के शुभारंभ पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि वन पट्टा के नाम पर कई जिलों के उपायुक्त ने मुझे बेवकूफ बनाया है. उन्होंने उपायुक्तों को चेताते हुए कहा कि वे इस अभियान को गंभीरता से लें, आप जिले के मुख्यमंत्री हैं, समीक्षा भी होगी. इसलिए इसे गंभीरता से लें और काम करें.
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सीएम ने कहा कि यह वन अधिकार कानून 2006 में आया था. लेकिन कई कारणों से यह सरकारी कूड़े के ढेर में पड़ा हुआ था. इसलिए हमें इसे एक अभियान के रूप में शुरू करना पड़ा. मुख्यमंत्री ने जैसे ही जिला उपायुक्तों से पूछा कि क्या आप बीर दिशोम का मतलब जानते हैं, सभागार में मौजूद कई जिलों के डीसी बगले झांकने लगे. लेकिन उनमें से किसी जंगल और देश बताकर माहौल को बदला.
इस अवसर पर उपस्थित सभी जिलों के उपायुक्तों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना हर व्यक्ति का कर्तव्य है और इसके लिए कदम उठाये जाने चाहिए. सभी जिलों में उपायुक्तों के लिए बंगले बने हैं, उसी प्रकार जिला स्तर के अधिकारियों के लिए आवासीय परिसर हैं. वहां पर खूबसूरत फूल पत्ती तो आप लगाते हैं. मगर बड़ा पेड़ नहीं लगाते. इसकी शुरुआत आप खुद अपने आवासीय परिसर से क्यों नहीं करते.
वन विभाग की कार्यशैली पर फटकार: मुख्यमंत्री वन विभाग की कार्यशैली से भी काफी नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ इतनी शिकायतें मिलती हैं कि यदि उन पर कार्रवाई की जाये तो लंबी सूची बन जायेगी. सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों के साथ भविष्य की चिंता करते हुए कार्य करें, इससे राज्य का विकास होगा और भला होगा.
प्रत्येक लाभार्थी को वन पट्टा दिलाने का निर्देश: इस अवसर पर संबोधित करते हुए मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि यह वन अधिकार कानून 2006 में पारित हुआ था. यह चिंता का विषय है कि हम 17 साल बाद इस पर अभियान चला रहे हैं. वर्तमान में 60 हजार वन पट्टे दिये जा चुके हैं. लेकिन सभी डीसी जानते हैं कि वास्तविक स्थिति क्या है और उन्हें इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. इस अभियान में सभी उपायुक्त शामिल हो और यह सुनिश्चित करने का प्रयास करें कि प्रत्येक लाभार्थी को वन पट्टा मिले. ताकि सरकार के 4 साल पूरे होने पर हम यह घोषणा कर सकते हैं कि अब झारखंड में वन पट्टा को लेकर कोई विवाद नहीं है.
ढोल बजाकर अभियान की शुरुआत की गई: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड मंत्रालय में हमर जंगल हमर अभियान के तहत अबूआ बीर दिशोम अभियान की शुरुआत ढोल बजाकर की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा वेबसाइट के अलावा लोगो और प्रचार सामग्री का भी विमोचन किया गया. इस अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए फील्ड कैडर को टी-शर्ट दी जायेगी, जिसका विमोचन इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने किया. प्रचार सामग्री आदिवासी भाषा में तैयार की गई है ताकि वन क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोग इसे समझ सकें और पढ़ सकें.