रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का पहला चरण सफल रहा. इस दौरान उन्होंने कहा कि आप कहीं भी जाएंगे आपको विकास दिख जाएंगे.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में अस्थिरता की कोई बात नहीं है, यहां पर आर्टिफिशियल बवंडर है. उन्होंने कहा कि यह पहला राज्य है जहां का मुख्यमंत्री, राज्यपाल और चुनाव आयोग से पूछ रहा है कि मुझे क्या सजा दी गयी है (CM Hemant Soren targets Governor). अगर मैं मुजरिम हूं तो सजा सुना दी जाए. यह जवाबदेही किसकी है. अगर गुनहगार हूं और इतने दिन तक सजा नहीं दी रही है तो मैं किस हैसियत से पद पर हूं.
उन्होंने कहा कि विपक्ष भटकती हुई आत्मा है. सरकार को घेरने का इनके पास कोई मुद्दा नहीं है. संवैधानिक संस्थाओं की आड़ में साजिश चल रही है. विपक्ष की रोटी पकेगी नहीं बल्कि जल जाएगी. सीएम ने कहा कि कल तक बिहार में सरकार थी तबतक सब अच्छा था. लेकिन नीतीश जी के निकलते ही विकास योजनाओं में रुकावट आने लगी. उन्होंने कहा कि केंद्र पर झारखंड का 1.36 लाख करोड़ बकाया है. नोटबंदी कर लोगों को भीख मांगने की स्थिति में ला दिया गया.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि खनिज से हटकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर हमारा जोर है. उन्होंने कहा कि राज्य के हर चेहरे पर मुस्कान देखना चाहते हैं. झारखंड में ऐसा पहली बार हो रहा है जब अधिकारी गांव में पहुंच रहे हैं. उन्होने कहा कि 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता के निर्णय का स्वागत हुआ है, किसी ने सवाल नहीं उठाए.
उन्होंने कहा कि आदिवासी सरना कोड पर केंद्र सरकार ने अब तक क्यों नहीं फैसला लिया है. सीएम ने कहा कि ईडी जिन पदाधिकारियों के बारे में जानकारी मांग रही है वो मेरे रिश्तेदार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सरकार बनने के दिन से ही अस्थिर करने की कोशिश चल रही है, लेकिन सरकार कॉन्फिडेंट है.
ईडी के हजार करोड़ के अवैध माइनिंग के अनुमान पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इससे वो इत्तेफाक नहीं रखते हैं. अगर ऐसा है तो केंद्र सरकार को कोयला, लोहा को माइनर मिनरल में कन्वर्ट कर दे और बाबू, पत्थर को मेजर मिनरल बना दे. उन्होंने कहा कि जहां तक अवैध माइनिंग की बात है तो ये चीजें पिछली सरकार से ही चली आ रही है.