रांची: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की चौतरफा आलोचना हो रही है. लखीमपुर खीरी कांड मामले में जेल में बंद बेटे से जुड़े सवाल पर उन्होंने आपा खो दिया और पत्रकार को खरी-खोटी सुना दी. उनका यह कहना कि 'दिमाग खराब है क्या बे' की खूब चर्चा हो रही है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के इस व्यवहार को लोकतंत्र के लिए घातक बताते हुए विपक्ष उनके इस्तीफे पर अड़ा हुआ है. इसका सीधा असर लोकसभा की कार्यवाही पर भी पड़ रहा है. इस मसले पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.
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सीएम हेमंत का पीएम मोदी से सवाल
उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से सारे निर्णय हो रहे हैं. मंत्री जी से पूछना चाहिए कि उनकी क्या नैतिकता बनती है? प्रधानमंत्री जी से भी पूछना चाहिए कि ऐसे हालात में निर्णय किसको लेना है? मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय मंत्रियों के उस बयान पर तंज कसते हुए कहा कि अगर यह मामला कोर्ट में है तो क्या उनकी बर्खास्तगी का फैसला कोर्ट करेगी या फिर केंद्र सरकार? उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में जो आचरण दिखा है वह सर्वविदित है. इससे आपको भी तकलीफ है और हमें भी. यही वजह है कि आज यह सवाल आकर खड़ा हो रहा है . लेकिन आखिरकार सत्ताधारी दल को ही इस विषय पर निर्णय लेना है.
विपक्ष के सही सवाल का मिलेगा जवाब
शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सदन के बाहर विपक्ष के रवैये से स्पष्ट हो गया कि आगे की कार्यवाही पर इसका क्या असर पड़ने वाला है? जेपीएससी समेत अन्य मसलों का उठना तय है. इसके जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि विपक्ष का सवाल कितना निष्पक्ष और गंभीर है. विपक्ष की तरफ से अगर सही सवाल आएगा तो सरकार जरूर सही जवाब देगी.