रांची: जेपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग पर अड़े मुख्य विपक्षी दल भाजपा को सीएम हेमंत सोरेन ने सदन के भीतर जवाब दे दिया है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जेपीएससी एक इंडिपेंडेंट बॉडी है. उसके कामकाज में सरकार का किसी तरह का दखल नहीं होता है. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि सदन के भीतर के तमाम विधायक इस बात को साबित करके दिखाएं कि जेपीएससी के कामकाज में सरकार का कोई दखल होता है. मुख्य विपक्षी दल भाजपा पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में जेपीएससी को लेकर क्या कुछ हुआ है, यह सभी जानते हैं. पूर्व की परीक्षाओं को लेकर कई लोग जेल जा चुके हैं. अगला नंगा है तो मैं भी नंगा नहीं बनूंगा.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जेपीएससी ने इतने बड़े स्तर पर परीक्षा कराई है. छात्रों ने निशुल्क फॉर्म भरा है. पहली बार ऐसा हुआ कि रिजर्व कोटे के बच्चे भी सामान्य कोटे में पहुंचे.आज एसटी-एससी, ओबीसी के गरीब बच्चे आगे आ रहे हैं तो इन मनुवादी लोगों के पेट में दर्द हो रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि इस परीक्षा पर विवाद खड़ा करने वाले कौन लोग हैं यह किसी से छिपा नहीं है. उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों का नाम लेकर विश्व हिंदू परिषद वाले धरने पर बैठ हैं. जो बातें आ रही हैं, जिस तरह से सवाल उठ रहे हैं. आंदोलन जारी रखने के लिए राशन तक मुहैया कराया जा रहा है .
सदन में हंगामा
सीएम ने कहा कि यही लोग 20 साल तक सत्ता में रहे . इनके कार्यकाल में हुई जेपीएससी की तमाम परीक्षाएं विवादों में रहीं. शासन काल की अवधि पर भाजपा ने सवाल उठाया तो सीएम ने सुधार करते हुए कहा कि आप लोग 15-16 साल तक शासन में रहे लेकिन आप लोगों ने कुछ नहीं किया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस कथन पर भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया. भाजपा विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सदन को गुमराह कर रहे हैं और गलत तथ्य पेश कर रहे हैं. विपक्ष के हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
विपक्ष का सदन से वॉक आउट
जेपीएससी के मुद्दे पर शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन झारखंड विधानसभा गरमाया रहा. विपक्ष का हंगामा सदन के अंदर और बाहर होता रहा. हंगामा बढता देख सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे सिर्फ औपचारिकता पूरी कर 15 मिनट के लिए चली. इस दौरान बीजेपी विधायक सदन के अंदर सरकार का जवाब जानना चाह रहे थे. स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. 12.30 बजे फिर जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो उस दौरान मुख्यमंत्री भी सदन में मौजूद थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा सदन के अंदर दिये गए बयान से भाजपा विधायक नाराज हो उठे और सदन फिर हंगामेदार हो गया. हंगामा बढता देख सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के बाद जैसे ही शुरू हुआ एक बार फिर सदन में भाजपा विधायक सरकार पर दवाब बनाने लगे. पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा विधायक सरकार पर आरोप लगाते रहे. भाजपा विधायक सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से वाक ऑउट कर गये.