रांची: बजट सत्र के तीसरे दिन ऐसा लगा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर सीएम के वक्तव्य को मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक जरूर सुनेंगे. दो दिन तक वाद विवाद के बाद अपराह्न 4 बजकर 34 मिनट पर सीएम जब सरकार का पक्ष रखने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने अपने संबोधन की शुरूआत "जोहार" शब्द से की. सीएम कूल दिख रहे थे. उन्होंने पहले ही कह दिया कि वह ऐसा कुछ नहीं कहेंगे जिससे विपक्ष को तकलीफ होगी. हालांकि बात नहीं बनी. करप्शन की बात आते ही भाजपा विधायकों की तरफ से टिका टिप्पणी शुरू हुई तो सीएम ने भानु प्रताप शाही को लेकर कहा कि दवा घोटाला करके बैठे हुए हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग पीएम से भी झूठ बोलवाते हैं. उन्होंने डिजिटल प्रखंड का हवाला दिया. इसपर जमकर हो हल्ला हुआ.
ये भी पढ़ें- BUDGET Session: सीएम के संबोधन के दौरान भाजपा का सदन से वाकआउट, मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा- दे आर भगोड़े
किस बात को लेकर शुरू हुआ विवाद: मुख्यमंत्री ने अपने वक्तव्य के दौरान कहा कि 1985 की नीति बनाकर मिठाईया बांटी गईं. कंबल घोटाला हुआ. हाथी उड़ाने के नाम पर जमीन की दलाली हुई. उसी सरकार ने कहा था कि यहां के युवा नौकरी योग्य नहीं हैं. इसपर हस्तक्षेप करते हुए नीरा यादव ने कहा कि उसी सरकार ने 1 लाख युवाओं को रोजगार दिलाया. इसी बीच सत्ता पक्ष की ओर से किसी माननीय ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने स्कूलों को मर्ज कर दिया. तब नीरा यादव ने कहा कि आप लोगों ने क्यों नहीं खुलवाया अबतक.
पूजा सिंघल के आड़े आते ही गरमाया सदन: भाजपा खेमे की ओर से पूजा सिंघल का नाम उछाला गया. फौरन सीएम ने कहा कि मनरेगा घोटाला किसके कार्यकाल में हुआ था. चार्जशीट में एक भी माइंस का जिक्र क्यों नहीं किया. सीएम पूरा होम वर्क करके आए थे. लेकिन पूजा सिंघल पर बात बढ़ते ही भाजपा के विधायक सदन से वॉक आउट कर गये. इसके बाद सीएम ने कहा कि एलआईसी नीचे जा रहा है. बैंकों के हाथ पांव फूल रहे हैं. अगर बैंक डूब गये तो मुआवजा के नाम पर सिर्फ 1 लाख रुपए मिलेंगे. चाहे आप कितने भी पैसे क्यों न जमा कर रखे हों. इसलिए कहते हैं कि बैंक में पैसे मत रखो. उसको पॉलिथीन में रखकर जमीन में गाड़ दो. सीएम ने कहा कि भाजपा के राज में बड़े-बड़े घोटाले हुए लेकिन ये लोग अठन्नी-चवन्नी खोज रहे हैं. सीएम ने कहा कि कल-परसों यूपी में बुलडोजर ने एक परिवार की जान ले ली. गैर बीजेपी सरकारों को परेशान किया जा रहा है. खुले मंच से कहा जा रहा है कि यहां का नेता कहता है कि सरकार गिरा दो. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जीएसटी के आने से झारखंड को बड़ा नुकसान हुआ है. करीब 5 से 6 हजार करोड़ का सालाना नुकसान हो रहा है.
इससे पहले सीएम ने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट के नवमनोनीत मुख्य न्यायाधीश जब राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को शपथ दिला रहे थे, तो उन्होंने जोहार शब्द के साथ अपनी बात शुरू की थी. अब एक पॉर्टी ऑफिस में पर्मानेंट जोहार शब्द का बोर्ड लगा दिया गया है. ये डबल स्टैंडर्ड के लोग अब हमारी परंपरा को एक्सेप्ट करने का दिखावा तो करने लगे है. हम पॉजिटिव सोच के साथ सरकार चला रहा हैं. यही वजह है कि राज्यपाल के अभिभाषण में पूर्व की नाकामी का एक भी जिक्र नहीं किया गया.
राज्यपाल के अभिभाषण पर विरंची नारायण का संशोधन बहुमत से खारिज हो गया. इससे पहले मांडर की कांग्रेस विधायक नेहा शिल्पी तिर्की ने कहा कि अब गर्वनर जैसे पद का इस्तेमाल 12वें खिलाड़ी के रूप में हो रहा है. उन्होंने तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि झारखंड में लिफाफा अभी तक नहीं खुला. वर्तमान राज्यपाल से अपेक्षाएं हैं. उन्होंने टीएसी को सशक्त बनाने की उम्मीद जतायी. वहीं भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा कि वर्तमान सरकार सिर्फ जुमलेबाजी कर रही है. युवाओं के इमोशन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.