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सीएम हेमंत ने उठाया सरना आदिवासी धर्म कोड का मुद्दा, बोले- केंद्र सरकार जल्द करे इस पर विचार

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Published : Mar 7, 2021, 4:34 PM IST

Updated : Mar 7, 2021, 5:34 PM IST

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने फिर सरना धर्म कोड का मुद्दा उठाया है. इस प्रस्ताव को झारखंड विधानसभा से पारित कर राज्य सरकार ने केंद्र को भेजा गया है. अब केंद्र सरकार को इस पर निर्णय लेना है.

CM Hemant Soren raised issue of Sarna Adivasi Dharma Code
सीएम हेमंत ने उठाया सरना आदिवासी धर्म कोड का मुद्दा

नई दिल्ली: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरना धर्म कोड का मुद्दा उठाया है. इसे लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 11 करोड़ लोगों को नजरअंदाज नहीं कर सकती है. झारखंड विधानसभा से पारित कर सरना आदिवासी धर्मकोड की मांग से संबंधित प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. अब केंद्र सरकार को इस पर निर्णय लेना है. उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस दिशा में कदम उठाएगी.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-विधायक ने पतरातू में चल रहे योजनाओं का किया निरीक्षण, गुणवत्तायुक्त काम नहीं देख भड़कीं अंबा प्रसाद


आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड का प्रस्ताव
सीएम हेमंत ने कहा कि सरना धर्म कोड के जरिये आदिवासियों की संस्कृति की रक्षा की जा सकेगी. उन्होंने सरना आदिवासी धर्मकोड को जनगणना 2021 में शामिल करने की मांग की है. बता दें कि झारखंड, प. बंगाल, ओडिशा और बिहार में आदिवासी समुदाय का बड़ा तबका अपने आपको सरना धर्म कोड के अनुयायी के तौर पर मानता है. यह वन क्षेत्रों की रक्षा करने में विश्वास करते हुए पेड़ों और पहाड़ियों की प्रार्थना करते हैं. झारखंड विधानसभा में सरना आदिवासी धर्म कोड सर्वसम्मति से पारित किया गया है. झारखंड सरकार ने इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेज दिया है, जिसमें आगामी जनगणना के प्रारूप में सरना आदिवासियों को अलग धर्म के रूप में दर्शाए जाने का प्रस्ताव है. लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है. अलग-अलग आदिवासी संगठन भी केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि इस पर जल्द निर्णय लिया जाए. झारखंड के सीएम भी चाहते हैं कि केंद्र सरकार जल्द इस मुद्दे पर निर्णय ले.

नई दिल्ली: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरना धर्म कोड का मुद्दा उठाया है. इसे लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 11 करोड़ लोगों को नजरअंदाज नहीं कर सकती है. झारखंड विधानसभा से पारित कर सरना आदिवासी धर्मकोड की मांग से संबंधित प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. अब केंद्र सरकार को इस पर निर्णय लेना है. उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस दिशा में कदम उठाएगी.

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आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड का प्रस्ताव
सीएम हेमंत ने कहा कि सरना धर्म कोड के जरिये आदिवासियों की संस्कृति की रक्षा की जा सकेगी. उन्होंने सरना आदिवासी धर्मकोड को जनगणना 2021 में शामिल करने की मांग की है. बता दें कि झारखंड, प. बंगाल, ओडिशा और बिहार में आदिवासी समुदाय का बड़ा तबका अपने आपको सरना धर्म कोड के अनुयायी के तौर पर मानता है. यह वन क्षेत्रों की रक्षा करने में विश्वास करते हुए पेड़ों और पहाड़ियों की प्रार्थना करते हैं. झारखंड विधानसभा में सरना आदिवासी धर्म कोड सर्वसम्मति से पारित किया गया है. झारखंड सरकार ने इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेज दिया है, जिसमें आगामी जनगणना के प्रारूप में सरना आदिवासियों को अलग धर्म के रूप में दर्शाए जाने का प्रस्ताव है. लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है. अलग-अलग आदिवासी संगठन भी केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि इस पर जल्द निर्णय लिया जाए. झारखंड के सीएम भी चाहते हैं कि केंद्र सरकार जल्द इस मुद्दे पर निर्णय ले.

Last Updated : Mar 7, 2021, 5:34 PM IST
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