रांची: ईडी समन मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस मामले में हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल करने के लिए सीएम की लीगल टीम ने मंथन शुरू कर दिया है. गुरुवार तक इस मामले में हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल किए जाने की संभावना जताई जा रही है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आगे कदम उठाने के लिए लीगल टीम काम कर रही है. उन्होंने कहा कि ईडी पर राजनीतिक दुर्भावना से कार्रवाई किए जाने के संबंध में लग रहे आरोप पर सुप्रीम कोर्ट की कोई टिप्पणी नहीं है. हालांकि पार्टी का मानना है कि राजनीतिक विद्वेष की वजह से ईडी सहित अन्य केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है.
ईडी के चौथे समन को कानूनविदों ने सही करार दिया है. भ्रष्टाचार मामले के जाने माने अधिवक्ता अविनाश पांडे का मानना है कि चूंकि ईडी रांची के द्वारा समन भेजा गया है इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने को कहा है जो बिल्कुल ही सही है. जांच एजेंसी पर निर्भर करता है कि किसे कितना नोटिस भेजा जाए, मगर लगातार ईडी के नोटिस को नजरअंदाज करना उचित नहीं है. ऐसे में नोटिस के अनुसार उपस्थित होना ही उचित है. अगर हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाने का विकल्प जरूर रहेगा.
इन सबके बीच ईडी ने चौथा समन जारी कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 23 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है. इससे पहले अगर हाईकोर्ट से कोई राहत मिल जाती है तो कोई बात नहीं. मगर यदि कोई आदेश नहीं आता है तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए मुश्किलें जरूर बढ़ जाएंगी.
बहरहाल जमीन घोटाला मामले में ईडी द्वारा भेजे जा रहे नोटिस की वैधानिकता पर सवाल खड़ा करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने सोमवार को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने को कहा है.