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नमाज विवाद पर सीएम का बीजेपी पर तंज, मन में राक्षस है तो सभी दिखेंगे दुश्मन

विधानसभा में नमाज पढ़ने को लेकर आवंटित कमरे को लेकर विपक्ष के बवाल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तंज कसा है. सीएम ने कहा कि मन में अगर राक्षस है तो हर तरफ दुश्मन दिखता है. इस पर भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि मुख्यमंत्री विधानसभा को कठपुतली नहीं बनाएं.

cm hemant soren on namaz room in vidhansabha
झारखंड विधानसभा में नमाज रूम पर विवाद
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Published : Sep 6, 2021, 3:11 PM IST

Updated : Sep 6, 2021, 5:20 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन नमाज पढ़ने को लेकर कमरा आवंटित करने का मुद्दा गरमाया रहा. विपक्ष लगातार इस मुद्दे को लेकर सदन के बाहर और सदन के अंदर हंगामा करता रहा. विपक्षी विधायकों की मांग है कि जो नोटिफिकेशन जारी हुआ है उसे रद्द किया जाए.

यह भी पढ़ें: मंदिर के चक्कर में मास्क भूले माननीय, कोरोना गाइडलाइन की जमकर उड़ाई धज्जियां

'मन में राक्षस हो तो हर तरफ दुश्मन दिखता है'

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जब सदन से बाहर निकले तो पत्रकारों ने उनसे विपक्ष के रवैये को लेकर सवाल पूछा. इस पर हेमंत सोरेन ने कहा कि जब दल के पास कोई मुद्दा नहीं रहा जाता है तो इसी तरह का आचरण अपनाकर सदन को बाधित करते हैं. विपक्ष का यह प्लान पहले से तय था. बता दें कि आज सदन में मुख्यमंत्री प्रश्नकाल था. इस पर हेमंत सोरेन ने कहा कि हर मुद्दे पर जवाब देने की पूरी तैयारी थी. ये दुर्भाग्य है और ऐसी मानसिकता की वजह से राज्य के विकास में जो गति मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल पाती है.

सदन के बाहर पत्रकारों से बात करते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्य सचेतक बिरंची नारायण.

नमाज के लिए आवंटित कमरे को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि मन में अगर आस्था और भगवान हो तो सब जगह भगवान ही भगवान हैं. लेकिन अगर मन में राक्षस हो तो हर तरफ दुश्मन ही दुश्मन दिखता है.

बिरंची नारायण बोले- विधानसभा को कठपुतली न बनाएं सीएम

मुख्यमंत्री के बयान पर मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि विधानसभा को कठपुतली न बनाएं और बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि पहली बार ऐसा महसूस हो रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष लाचार और मजबूर हैं. अध्यक्ष मुख्यमंत्री की तरफ देखते हैं और मुख्यमंत्री की तरफ से जो इशारा होता है वही काम करते हैं. न्याय के मंदिर में विधानसभा अध्यक्ष को सोचना चाहिए कि पद की एक अपनी गरिमा होती है. अभी तो ऐसा लगता है कि जैसे हेमंत सोरेन विधानसभा अध्यक्ष भी हैं.

बिरंची नारायण ने कहा कि आज से पहले नमाज को लेकर कभी भी नोटिफिकेशन नहीं हुआ है लेकिन सिर्फ एक धर्म विशेष को खुश करने के लिए ऐसा करना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि एक बहुत बड़े तबके के साथ अन्याय किया गया है. अध्यक्ष से आग्रह है कि जो नोटिफिकेशन जारी हुआ है उसे तुरंत प्रभाव से रद्द करें. ऐसा नहीं हुआ तो बड़ी संख्या इसको लेकर विरोध करेंगे.

नमाज विवाद पर सीएम का बीजेपी पर तंज, मन में राक्षस है तो सभी दिखेंगे दुश्मन

रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन नमाज पढ़ने को लेकर कमरा आवंटित करने का मुद्दा गरमाया रहा. विपक्ष लगातार इस मुद्दे को लेकर सदन के बाहर और सदन के अंदर हंगामा करता रहा. विपक्षी विधायकों की मांग है कि जो नोटिफिकेशन जारी हुआ है उसे रद्द किया जाए.

यह भी पढ़ें: मंदिर के चक्कर में मास्क भूले माननीय, कोरोना गाइडलाइन की जमकर उड़ाई धज्जियां

'मन में राक्षस हो तो हर तरफ दुश्मन दिखता है'

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जब सदन से बाहर निकले तो पत्रकारों ने उनसे विपक्ष के रवैये को लेकर सवाल पूछा. इस पर हेमंत सोरेन ने कहा कि जब दल के पास कोई मुद्दा नहीं रहा जाता है तो इसी तरह का आचरण अपनाकर सदन को बाधित करते हैं. विपक्ष का यह प्लान पहले से तय था. बता दें कि आज सदन में मुख्यमंत्री प्रश्नकाल था. इस पर हेमंत सोरेन ने कहा कि हर मुद्दे पर जवाब देने की पूरी तैयारी थी. ये दुर्भाग्य है और ऐसी मानसिकता की वजह से राज्य के विकास में जो गति मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल पाती है.

सदन के बाहर पत्रकारों से बात करते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्य सचेतक बिरंची नारायण.

नमाज के लिए आवंटित कमरे को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि मन में अगर आस्था और भगवान हो तो सब जगह भगवान ही भगवान हैं. लेकिन अगर मन में राक्षस हो तो हर तरफ दुश्मन ही दुश्मन दिखता है.

बिरंची नारायण बोले- विधानसभा को कठपुतली न बनाएं सीएम

मुख्यमंत्री के बयान पर मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि विधानसभा को कठपुतली न बनाएं और बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि पहली बार ऐसा महसूस हो रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष लाचार और मजबूर हैं. अध्यक्ष मुख्यमंत्री की तरफ देखते हैं और मुख्यमंत्री की तरफ से जो इशारा होता है वही काम करते हैं. न्याय के मंदिर में विधानसभा अध्यक्ष को सोचना चाहिए कि पद की एक अपनी गरिमा होती है. अभी तो ऐसा लगता है कि जैसे हेमंत सोरेन विधानसभा अध्यक्ष भी हैं.

बिरंची नारायण ने कहा कि आज से पहले नमाज को लेकर कभी भी नोटिफिकेशन नहीं हुआ है लेकिन सिर्फ एक धर्म विशेष को खुश करने के लिए ऐसा करना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि एक बहुत बड़े तबके के साथ अन्याय किया गया है. अध्यक्ष से आग्रह है कि जो नोटिफिकेशन जारी हुआ है उसे तुरंत प्रभाव से रद्द करें. ऐसा नहीं हुआ तो बड़ी संख्या इसको लेकर विरोध करेंगे.

Last Updated : Sep 6, 2021, 5:20 PM IST

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