रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. झारखंड मंत्रालय में गुरुवार यानी 15 जून को देर शाम तक चली समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह सचिव और सभी जिलों के डीसी एसपी को यह निर्देश दिया.
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बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप राज्य के अहम अंग है इसे बेहतर तरीके से चलाने की जिम्मेदारी भी आप पर है ऐसे में आपकी सूझबूझ आपकी कार्यकुशलता, आपका सूचना तंत्र और आपकी क्रिएटिविटी से व्यवस्था बनी रहेगी. मुख्यमंत्री उग्रवाद, अपराध, अवैध खनन एवं मादक पदार्थों की तस्करी पर नियंत्रण सहित विधि व्यवस्था से जुड़े अन्य मामलों की समीक्षा कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अपराध का चेहरा हर दिन बदल रहा है. नई चुनौतियां सामने आ रही हैं, भविष्य में भी कई नई चुनौतियां सामने आएंगी. ऐसे में इससे निपटने के लिए रणनीति अभी से बनाना शुरू करना चाहिए.
बनेगा असामाजिक तत्वों की सूची: कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने समीक्षा बैठक के दौरान पुलिस पदाधिकारियों को असामाजिक तत्वों का डेटाबेस बनाने को कहा है. उन्होंने असामाजिक तत्वों का डेटाबेस बनाकर उन पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने जिलों में डीसी और एसपी के बीच बेहतर समन्वय से कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण बनाने की बात कहते हुए कहा कि कई जिलों में यह देखा जाता है कि उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के बीच समन्वय का अभाव रहता है ऐसा नहीं होना चाहिए.
सीएम ने कहा कि जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के साथ मुख्यालय से लगातार सामान्य समन्वय बनाए रखने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने पुलिस पदाधिकारियों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि जो सुझाव दिए गए हैं उस पर सरकार विचार करेगी. कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जो भी संसाधनों जरूरत होंगी उसे सरकार पूरा करेगी, बशर्ते की पुलिस और जनता के बीच विश्वास का रिश्ता बनी रहे इसका प्रयास हमेशा पुलिस के द्वारा किया जाना चाहिए. अगर कोई कानून अपने हाथों में ले तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो. इस मौके पर पुलिस पदाधिकारियों को लंबित कांडों में कमी लाने के लिए एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए गए. इसके अलावा विभिन्न आपराधिक कांड खासकर महिला हिंसा, अपहरण, पोक्सो एक्ट, मानव तस्करी जैसे कांडों की विस्तार से समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिस पदाधिकारियों को इन अपराधों के पीछे की वजह क्या है और इसका निपटारा नया तरीके से कैसे हो सकेगा इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता जताई.
समीक्षा बैठक के दौरान पुलिस प्रशासन के द्वारा 30 अप्रैल 2023 तक पिछले 1 वर्ष में पूरे राज्य में कुल 20446 कांड दर्ज होने की बात कही गई. मुख्यमंत्री ने राज्य में दर्ज लंबित कांडों के अनुसंधान में तेजी लाने के लिए अनुसंधान पदाधिकारी के साथ साथ सहायक अनुसंधान पदाधिकारी भी बनाने के निर्देश दिए. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने झारखंड में दर्ज विभिन्न कांडों में सजा की दर काफी कम होने पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि धनबाद, पाकुड़, साहिबगंज, देवघर जैसे जिले जहां सजा की दर काफी कम है वहां के लिए पुलिस मुख्यालय से भी पुलिस पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किए जाए.
अवैध खनन को लेकर मुख्यमंत्री ने चिंता जताते हुए कहा कि कोयला, बालू, लोहा, पत्थर के अवैध खनन और उसके ट्रांसपोर्टिंग रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं. इस दिशा में जिला टास्क फोर्स को प्रभावी बनाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री के द्वारा दिए गए. समीक्षा बैठक के दौरान नाइट पेट्रोलिंग और चेकिंग अभियान को बढ़ाने, सोशल पुलिसिंग को मजबूत और बेहतर बनाने, पुलिस सेटअप काे रिव्यू कर सरकार को प्रपोजल भेजने, 4 से 5 वर्ष पुराने एक भी केस लंबित नहीं रहे, लंबित वारंट कुर्की जब्ती और सीसीए से जुड़े मामलों के निष्पादन के लिए विशेष अभियान चलाने, संगठित आपराधिक गिरोह के सक्रिय अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष योजना बनाने, जिलों में योजनाबद्ध तरीके से नियमित रूप से निरीक्षण और औचक छापेमारी, दूसरे राज्यों से अवैध शराब और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने, साइबर अपराध और इससे जुड़े मामलों का इन्वेस्टिगेशन में तेजी लाने और सभी पुलिस अधीक्षकों को अपने जिले के अंतर्गत स्थित थानों का नियमित निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया.