रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अधिवक्ता वैभव तोमर ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र भेजा (CM Hemant Soren lawyer wrote letter to ECI) है. उन्होंने 27 अक्टूबर को एक मीडिया इंटरव्यू में गवर्नर रमेश बैस के बयान का जिक्र करते हुए केस नंबर 3 (G) 2022 मामले में चुनाव आयोग से दोबारा ओपिनियन लेने की बात कही है. लेकिन आयोग की तरफ से अभी तक इस बाबत किसी तरह का नोटिस मुख्यमंत्री को नहीं मिला है. लिहाजा गवर्नर की ओर से मांगी गई सेकंड ओपिनियन की कॉपी मुहैया कराई जाए.
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दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज मामले में चुनाव आयोग ने 25 अगस्त को अपना मंतव्य राजभवन को भेज दिया था. मुख्यमंत्री के अधिवक्ता वैभव कुमार ने पत्र में लिखा है कि अभी तक उसका उत्तर या फैसला नहीं सुनाया गया है. यह नहीं चुनाव आयोग ने भी अपने मंतव्य की कॉपी देने से इनकार कर दिया. लेकिन जानकारी मिली है कि गवर्नर ने उस मामले में सेकंड ओपिनियन मांगा है. हमारे क्लाइंट को यह जानने का हक है, इसलिए उसकी कॉपी मुहैया कराई जाए. मुख्यमंत्री की तरफ से चुनाव आयोग में यह पत्र 1 नवंबर को रिसीव कराया गया है.
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के नाम अनगड़ा में पत्थर खदान का आवंटन हुआ था. इस मामले को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट (office of profit case) का हवाला देते हुए भाजपा की ओर से राजभवन के समक्ष उठाया गया था. इस पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 25 अगस्त को आयोग ने अपना मंतव्य राजभवन भेज दिया था. तब से कयास लगाए जा रहे हैं कि आयोग ने डिसक्वालीफिकेशन का जिक्र किया है लेकिन गवर्नर की तरफ से अब तक कोई फैसला नहीं सुनाया गया है. इस मामले पर पूर्व में गवर्नर के तीन बयान आ चुके हैं. एक बार उन्होंने कहा था कि लिफाफा चिपका हुआ है. दूसरी बार कहा था कि जब मैं चाहूंगा तब खोलूंगा. तीसरी बार उन्होंने कहा था कि सेकंड ऑपिनियन ले रहा हूं. तब से यह मामला गरमाया हुआ है.