रांची: लैंड स्कैम मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी दफ्तर नहीं जाएंगे. एजेंसी ने उन्हें चौथा समन जारी कर शनिवार (23 सितंबर) को रांची के रीजनल ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया था. इसके मद्देनजर सुबह के वक्त ईडी दफ्तर के बाहर सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई थी. मेन गेट के सामने बैरिकेडिंग भी लगा दी गई थी. दोपहर बाद सीएम सचिवालय के कर्मी लिफाफे में बंद चिट्ठी लेकर ईडी कार्यालय पहुंचा. यहां उसने चिट्ठी रिसीव कराया और फिर चला गया.
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सीएम ने कर दिया था रुख स्पष्ट: दोपहर डेढ़ बजे तक चार-पांच सुरक्षाकर्मी पेड़ के नीचे आराम फरमाते नजर आए. हालांकि उस वक्त तक ट्रैफिक के दो जवान भी तैनात दिखे. आमतौर पर किसी से भी पूछताछ के लिए एजेंसी सुबह 11 बजे का ही समय देती है. लेकिन सीएम द्वारा ईडी के समन को हाईकोर्ट में चुनौती देने से स्पष्ट हो गया है कि वो नहीं जाएंगे. हालांकि पहले समन पर ही सीएम ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया था कि अगर ईडी समन को वापस नहीं लेती है तो कानून का सहारा लेंगे.
तीसरा समन जारी कर 9 अगस्त को बुलाया: गौरतलब है कि लैंड स्कैम मामले में ईडी ने सीएम हेमंत को 8 अगस्त को पहला समन जारी कर पूछताछ के लिए 14 अगस्त को बुलाया था. दूसरी बार 19 अगस्त को समन जारी कर 24 अगस्त को और तीसरी बार 01 सितंबर को समन जारी कर 9 सितंबर को बुलाया था. लेकिन इस बीच सीएम ने सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दाखिल कर दिया था.
चौथा समन जारी कर 23 को बुलाया: इसी दौरान ईडी ने 17 सितंबर को चौथा समन जारी कर 23 सितंबर को आने को कहा था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 18 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता मुकुल रोहतगी को कहा था कि आपको पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए. इसी आधार पर याचिका वापस लेने पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था. अब सबकुछ इस बात पर निर्भर करता है कि ईडी क्या कदम उठाती है? क्या एजेंसी हाईकोर्ट में सुनवाई होने तक इंतजार करती है या कोई दूसरा कानूनी ऑप्शन अपनाती है?
मनी लांड्रिंग को लेकर ईडी कर रही कार्रवाई: गौरतलब है कि अवैध खनन मामले में 18 नवंबर 2022 को करीब 10 घंटे तक ईडी ने सीएम हेमंत से पूछताछ की थी. उसी पूछताछ के कुछ दिन बाद सीएम की ओर से ईडी को अपनी संपत्ति की सारी जानकारी मुहैया करा दी गई थी. जमीन घोटाला मामले में हुए मनी लांड्रिंग को लेकर ईडी लगातार कार्रवाई कर रही है. फिलहाल इस मामले में रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन के अलावा कारोबारी अमित अग्रवाल और विष्णु अग्रवाल समेत दस्तावेज में छेड़छाड़ के कई आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं. अभी तक इस मामले में किसी को जमानत भी नहीं मिली है.