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...तो पूरा झारखंड ले लो मेरे नाम, किस बात पर बोले सीएम हेमंत सोरेन, जमीन हड़पने के आरोपों पर दिया जवाब

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जिस व्यक्ति ने इस राज्य से महाजनी व्यवस्था को दूर करने का काम किया. आदिवासी मूलवासी के हक और अधिकार को दिलाने के लिए पूरा जीवन लगा दिया, उसी पर आज जमीन हड़पने का आरोप लगाया जा रहा है. हमारी सरकार जमीन से कब्जा हटवा रही है और यह विपक्ष को परेशान कर रहा है.

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Published : Aug 21, 2023, 7:45 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार लोगों को जमीन वापस दिलाने का काम कर रही है. लेकिन आजकल तो मेरे ऊपर ही कई आरोप लग रहे हैं. मुझे बड़ा विचित्र लगता है कि जिस व्यक्ति ने इस राज्य को महाजनी व्यवस्था से दूर कराया, उन्हीं पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया जा रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ये बात रांची में आयोजित एक कॉन्क्लेव के दौरान कही.

इसे भी पढ़ें- LAND SCAM CASE: ईडी के दोबारा समन के बाद सीएम हेमंत के पास अब क्या है विकल्प, क्या कहते हैं जानकार

बता दें कि झारखंड में जमीन के फर्जी कागजात और नेचर बदलकर खरीद-बिक्री के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कई सफेदपोश सलाखों के पीछे हैं. इस दिशा में चल रही ईडी की कार्रवाई के हवाले से मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा लगातार सरकार को घेर रही है. खासकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सीधे सोरेन परिवार पर हमला बोल रहे हैं. इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किसी का नाम लिए बगैर इस मसले पर जवाब दिया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इतना जरूर कहूंगा कि हमारी इस लड़ाई की बदौलत अनगिनत मूलवासियों-आदिवासियों ने अपनी जमीन की रक्षा की है. अगर मेरा नाम लेकर कोई अपनी जमीन की रक्षा कर ले रहा है तो पूरा झारखंड ले लो मेरे नाम पर. हम लोगों ने हजारीबाग में हजारों एकड़ जमीन वापस कराया. नेतरहाट फायरिंग रेंज की जमीन वापस कराई. एक ट्रिब्यूनल बनाया है. लोगों की शिकायत के अनुरूप भूमि वापसी का काम हो रहा है. अभी तो और कई जगहों पर यह काम करना है. सीएम ने पूर्ववर्ती रघुवर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले तो लैंड बैंक बनाकर जमीन का बंदरबांट किया गया था, अब मुझपर आरोप लगा रहे हैं. मुख्यमंत्री का यह जवाब इसलिए बेहद मायने रखता है कि क्योंकि ईडी ने जमीन घोटाला मामले में उन्हें दोबारा समन भेजकर 24 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया है.

इशारों-इशारों ने सीएम ने कह दी बड़ी बात: सीएम ने कहा कि हम लोग हमेशा विनम्रता के साथ ही अपनी बातों को रखने की कोशिश है. कितना लोगों ने प्रताड़ना दिया लेकिन कभी किसी ने चू तक नहीं किया. लेकिन जब पानी नाक से ऊपर चला जाता है तो वक्त बदल जाता है. अलग तरीके से खुद को तैयार करना पड़ जाता है. अड़चन लगाने वाले अगर अड़चन दे रहे हैं और कभी भी इस सोच के साथ चलते हैं कि रास्ते में कुछ नहीं मिलेगा तो एक्सीडेंट की संभावना बनी रहती है. सावधानी के साथ आगे बढ़ेंगे तो अड़चन जरूर दिखेगा लेकिन उसकी कोई रेलिवेंसी नहीं रहेगी.

स्थानीयता, आरक्षण पर क्या बोले सीएम: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछा गया कि 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति क्यों अटक गई. उन्होंने कहा कि शहादत और बलिदान के बाद राज्य मिला है. राज्य जरूर मिला लेकिन यहां के आदिवासी और मूलवासी की पहचान धुंधली पड़ी रही. इसी वजह से 1932 खतियान आधारित स्थानीयता और सरना धर्म कोड पारित किया. आरक्षण बढ़ाने की प्रक्रिया पूरी की. लेकिन इसको अमली जामा पहनाने के लिए कानूनी प्रक्रिया से गुजरना है. हमने अपने स्तर से काम तो कर दिया लेकिन आगे बढ़ने पर कानूनी अड़चने आ जाती है. कभी राज्यपाल से चीजें वापस हो जाती है. कभी वहीं रह जाती है. कभी केंद्र की अलमारी में फाइल रुक जाती है. लेकिन हम मूल भावना को लेकर चिंतित हैं. डबल इंजन की सरकार ने ये काम क्यों नहीं किया. हम पूरी ताकत के साथ इस काम में लगे हैं. राजनीतिक रूप से मांग बढ़ेगी. जहां जरूरत पड़ेगी, वहां अपनी बात रखेंगे.

केंद्र पर है 1.36 लाख करोड़ का बकाया: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दो टूक शब्दों में कहा कि जीएसटी आने के बाद राज्य सरकारों के पास धन संग्रहण के सीमित साधन रह गये हैं. फिर भी हम लोगों ने इस बार वित्तीय प्रबंधन में बेहतर काम किया है. यहां प्राकृतिक संसाधन को पर्यटन और खनिज संपदा में बांटकर देख सकते हैं. खनिज पर भारत सरकार के उपक्रम की गतिविधि होती है. केंद्र के उपक्रमों ने रैयतों को जमीन के बदले तो पैसा दे दिया. लेकिन सरकार की जमीन से जो खनिज निकला, उसका एक पैसा नहीं मिला. आजादी के बाद से आज तक सरकारी जमीन से खनिज निकाल लिया लेकिन एक पैसा नहीं दिया है. दूसरे राज्यों में मुआवजा का पैसा दिया जाता है. आज केंद्र पर 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपया का हिसाब निकाला है. लेकिन आज तक 36 करोड़ रुपया भी नहीं मिला है.

इंडिया गठबंधन पर क्या बोले सीएम: मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडिया गठबंधन में दो बैठकें हो चुकी हैं. तीसरी बैठक भी होने वाली है. मैं नहीं कह सकता कि 2024 में क्या होगा और क्या नहीं होगा. लेकिन हमारी तैयारी 2024 में मजबूती से आगे बढ़ने की है. विरोधियों की बातों पर मैं कम ध्यान देता हूं. हमारे विपक्ष के एक नेता कह रहे हैं कि हमारी सरकार में बेरोजगारी बढ़ी है. बोलना है तो कुछ भी बोल दो. छोटे तो छोटे अब तो बड़े-बड़े नेता क्या बोलते हैं समझ में नहीं आता. कैग रिपोर्ट में क्या दिख रहा है. जिसके घर शीशें के हों उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए. मैं भी जनप्रतिनिधि हूं, मैं भी अपनी बात जनता के पास रखूंगा, जनता 2024 में तय करेगी.

सीएम ने स्वरोजगार पर दिया जोर: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वरोजगार पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि बहुत लोग सरकारी नौकरी छोड़कर प्राइवेट नौकरी में जाते हैं. आईएएस-आईपीएस भी प्राइवेट नौकरियों में दिलचस्पी ले रहे हैं, वो भी खराब नहीं है. स्वरोजगार को लेकर हमने 100 करोड़ से अधिक की राशि लोगों के बीच वितरित किए हैं. लोग जब अपने पैरों पर खड़े तो खुद रास्ता बना लेंगे. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बच्चों और बच्चियों के लिए मुफ्त में कोचिंग तक की व्यवस्था करा रही है.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार लोगों को जमीन वापस दिलाने का काम कर रही है. लेकिन आजकल तो मेरे ऊपर ही कई आरोप लग रहे हैं. मुझे बड़ा विचित्र लगता है कि जिस व्यक्ति ने इस राज्य को महाजनी व्यवस्था से दूर कराया, उन्हीं पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया जा रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ये बात रांची में आयोजित एक कॉन्क्लेव के दौरान कही.

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बता दें कि झारखंड में जमीन के फर्जी कागजात और नेचर बदलकर खरीद-बिक्री के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कई सफेदपोश सलाखों के पीछे हैं. इस दिशा में चल रही ईडी की कार्रवाई के हवाले से मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा लगातार सरकार को घेर रही है. खासकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सीधे सोरेन परिवार पर हमला बोल रहे हैं. इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किसी का नाम लिए बगैर इस मसले पर जवाब दिया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इतना जरूर कहूंगा कि हमारी इस लड़ाई की बदौलत अनगिनत मूलवासियों-आदिवासियों ने अपनी जमीन की रक्षा की है. अगर मेरा नाम लेकर कोई अपनी जमीन की रक्षा कर ले रहा है तो पूरा झारखंड ले लो मेरे नाम पर. हम लोगों ने हजारीबाग में हजारों एकड़ जमीन वापस कराया. नेतरहाट फायरिंग रेंज की जमीन वापस कराई. एक ट्रिब्यूनल बनाया है. लोगों की शिकायत के अनुरूप भूमि वापसी का काम हो रहा है. अभी तो और कई जगहों पर यह काम करना है. सीएम ने पूर्ववर्ती रघुवर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले तो लैंड बैंक बनाकर जमीन का बंदरबांट किया गया था, अब मुझपर आरोप लगा रहे हैं. मुख्यमंत्री का यह जवाब इसलिए बेहद मायने रखता है कि क्योंकि ईडी ने जमीन घोटाला मामले में उन्हें दोबारा समन भेजकर 24 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया है.

इशारों-इशारों ने सीएम ने कह दी बड़ी बात: सीएम ने कहा कि हम लोग हमेशा विनम्रता के साथ ही अपनी बातों को रखने की कोशिश है. कितना लोगों ने प्रताड़ना दिया लेकिन कभी किसी ने चू तक नहीं किया. लेकिन जब पानी नाक से ऊपर चला जाता है तो वक्त बदल जाता है. अलग तरीके से खुद को तैयार करना पड़ जाता है. अड़चन लगाने वाले अगर अड़चन दे रहे हैं और कभी भी इस सोच के साथ चलते हैं कि रास्ते में कुछ नहीं मिलेगा तो एक्सीडेंट की संभावना बनी रहती है. सावधानी के साथ आगे बढ़ेंगे तो अड़चन जरूर दिखेगा लेकिन उसकी कोई रेलिवेंसी नहीं रहेगी.

स्थानीयता, आरक्षण पर क्या बोले सीएम: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछा गया कि 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति क्यों अटक गई. उन्होंने कहा कि शहादत और बलिदान के बाद राज्य मिला है. राज्य जरूर मिला लेकिन यहां के आदिवासी और मूलवासी की पहचान धुंधली पड़ी रही. इसी वजह से 1932 खतियान आधारित स्थानीयता और सरना धर्म कोड पारित किया. आरक्षण बढ़ाने की प्रक्रिया पूरी की. लेकिन इसको अमली जामा पहनाने के लिए कानूनी प्रक्रिया से गुजरना है. हमने अपने स्तर से काम तो कर दिया लेकिन आगे बढ़ने पर कानूनी अड़चने आ जाती है. कभी राज्यपाल से चीजें वापस हो जाती है. कभी वहीं रह जाती है. कभी केंद्र की अलमारी में फाइल रुक जाती है. लेकिन हम मूल भावना को लेकर चिंतित हैं. डबल इंजन की सरकार ने ये काम क्यों नहीं किया. हम पूरी ताकत के साथ इस काम में लगे हैं. राजनीतिक रूप से मांग बढ़ेगी. जहां जरूरत पड़ेगी, वहां अपनी बात रखेंगे.

केंद्र पर है 1.36 लाख करोड़ का बकाया: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दो टूक शब्दों में कहा कि जीएसटी आने के बाद राज्य सरकारों के पास धन संग्रहण के सीमित साधन रह गये हैं. फिर भी हम लोगों ने इस बार वित्तीय प्रबंधन में बेहतर काम किया है. यहां प्राकृतिक संसाधन को पर्यटन और खनिज संपदा में बांटकर देख सकते हैं. खनिज पर भारत सरकार के उपक्रम की गतिविधि होती है. केंद्र के उपक्रमों ने रैयतों को जमीन के बदले तो पैसा दे दिया. लेकिन सरकार की जमीन से जो खनिज निकला, उसका एक पैसा नहीं मिला. आजादी के बाद से आज तक सरकारी जमीन से खनिज निकाल लिया लेकिन एक पैसा नहीं दिया है. दूसरे राज्यों में मुआवजा का पैसा दिया जाता है. आज केंद्र पर 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपया का हिसाब निकाला है. लेकिन आज तक 36 करोड़ रुपया भी नहीं मिला है.

इंडिया गठबंधन पर क्या बोले सीएम: मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडिया गठबंधन में दो बैठकें हो चुकी हैं. तीसरी बैठक भी होने वाली है. मैं नहीं कह सकता कि 2024 में क्या होगा और क्या नहीं होगा. लेकिन हमारी तैयारी 2024 में मजबूती से आगे बढ़ने की है. विरोधियों की बातों पर मैं कम ध्यान देता हूं. हमारे विपक्ष के एक नेता कह रहे हैं कि हमारी सरकार में बेरोजगारी बढ़ी है. बोलना है तो कुछ भी बोल दो. छोटे तो छोटे अब तो बड़े-बड़े नेता क्या बोलते हैं समझ में नहीं आता. कैग रिपोर्ट में क्या दिख रहा है. जिसके घर शीशें के हों उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए. मैं भी जनप्रतिनिधि हूं, मैं भी अपनी बात जनता के पास रखूंगा, जनता 2024 में तय करेगी.

सीएम ने स्वरोजगार पर दिया जोर: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वरोजगार पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि बहुत लोग सरकारी नौकरी छोड़कर प्राइवेट नौकरी में जाते हैं. आईएएस-आईपीएस भी प्राइवेट नौकरियों में दिलचस्पी ले रहे हैं, वो भी खराब नहीं है. स्वरोजगार को लेकर हमने 100 करोड़ से अधिक की राशि लोगों के बीच वितरित किए हैं. लोग जब अपने पैरों पर खड़े तो खुद रास्ता बना लेंगे. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बच्चों और बच्चियों के लिए मुफ्त में कोचिंग तक की व्यवस्था करा रही है.

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