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सीएम हेमंत ने दी रेल परियोजना से जुड़े समितियों को मंजूरी, ज्वाइंट वेंचर के तहत होंगे निर्माण कार्य

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Published : Nov 25, 2020, 6:34 PM IST

झारखंड में सीएम हेमंत सोरेन ने भविष्य में रेल परियोजनाओं के निर्माण और उनपर होने वाले खर्च पर सुझाव देने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के प्रतिवेदन को मंजूरी दे दी है. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के ओर से समर्पित प्रतिवेदन में कहा गया है कि वैसी रेल परियोजनाएं जो राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

CM Hemant approved committees related to rail project in ranchi
रेल परियोजनाओं को हरी झंडी

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में भविष्य में रेल परियोजनाओं के निर्माण और उनपर होने वाले खर्च पर सुझाव देने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के प्रतिवेदन को मंजूरी दे दी है. समिति के ओर से समर्पित प्रतिवेदन में अति महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को केंद्र और राज्य सरकार के 50-50 प्रतिशत शेयरिंग खर्च के आधार पर निर्माण कार्य किया जाएगा.

वहीं, राज्य के वैसे जिला मुख्यालयों जहां अभी तक रेले कनेक्टिवटी नहीं है, उसे रेलवे नेटवर्क से कनेक्ट करने, महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को ज्वाइंट वेंचर के तौर पर शुरू करने के साथ-साथ राज्य के अंदर की रेल परियोजनाओं की पहचान, योजना और उसके विकास में जेआरआईडीसीएल के ओर से एंकर रोल निभाने के संदर्भ में समिति ने प्रतिवेदन में विस्तृत सुझाव दिए हैं.

50-50 प्रतिशत शेयरिंग खर्च वाली रेल परियोजाएं
विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के ओर से समर्पित प्रतिवेदन में कहा गया है कि वैसी रेल परियोजनाएं जो राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, उसके निर्माण में होने वाले खर्च में केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. ऐसी रेल परियोजनाओं के निर्माण में होने वाले खर्च में राज्य सरकार की हिस्सेदारी बढ़ती है, तो इसे रेलवे या ज्वाइंट वेंचर के जरिए बनाया जाएगा.

राज्य के जिला मुख्यालयों में रेलवे कनेक्टिविटी को लेकर भी दिए सुझाव

राज्य के सिमडेगा, चतरा और खूंटी समेत वैसे जिला मुख्यालय जो रेलवे कनेक्टिविटी से नहीं जुड़े हैं, उसे रेल नेटवर्क से जोड़ने को लेकर भी समिति के प्रतिवेदन में सुझाव दिए गए हैं. इसके साथ राज्य के दूरस्थ इलाकों में रेल कनेक्टिविटी के लिए ली जाने वाली योजनाओं में राज्य सरकार की हिस्सेदारी कम होगी, लेकिन ऐसे दूरस्थ इलाकों की पहचान में जेआरआईडीसीएल भूमिका निभाएगा.

महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं का निर्माण ज्वाइंट वेंचर मॉडल पर होगा
वैसी रेल परियोजनाएं जो फाइनांसियली लाभदायक नहीं है, पर राज्य में क्रिटिकल कनेक्टिवटी, कैपासिटी इनहांसमेंट और सामाजिक आर्थिक विकास के लिहाज से जरूरी है उसे ज्वाइंट वेंचर के डेब्ट इक्विटी कॉन्सेप्ट पर लिया जाएगा. ऐसी रेल परियोजनाओं के खर्च को लेकर राशि बाह्य श्रोतों- प्राइवेट/ गवर्नेंट स्टेकहोल्डर्स और लोन के जरिए जुटाई जाएगी.

राज्य की रेल परियोजनाओं में जेआरआईडीसीएल एंकर रोल की भूमिका में होगा
राज्य की जरूरतों को देखते हुए रेल परियोजनाओं की पहचान, योजना बनाने और उसके विकास में राज्य की ज्वाइंट वेंचर-जेआरआईडीसीएल ( राज्य सरकार और रेल मंत्रालय ) एंकर रोल निभाएगा. ऐसी रेल परियोजनाओं के लिए बनाए जाने वाले ज्वाइंट वेंचर में राज्य सरकार और रेलवे मंत्रालय की हिस्सेदारी 51-49 के अनुपात में होगी. इन रेल परियोजनाओं का वित्त वहन डेब्ट इक्विटी के आधार पर होगा.

इसे भी पढे़ं:- वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल के निधन से झारखंड कांग्रेस में शोक, नेताओं ने व्यक्त की संवेदना

समिति में कौन –कौन सदस्य
विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति में योजना और वित्त विभाग के सचिव, राजस्व, निबंधन और भूमि सुधार विभाग के सचिव, पथ निर्माण विभाग के सचिव और परिवहन विभाग के सचिव सदस्य हैं. इस समिति ने झारखंड के लिहाज से महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं, राज्य में रेल कनेक्टिवटी बढ़ाने तथा उसपर होनेवाले खर्चे को लेकर अपने सुझाव को प्रतिवेदन के रूप में राज्य सरकार को सौंपा है.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में भविष्य में रेल परियोजनाओं के निर्माण और उनपर होने वाले खर्च पर सुझाव देने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के प्रतिवेदन को मंजूरी दे दी है. समिति के ओर से समर्पित प्रतिवेदन में अति महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को केंद्र और राज्य सरकार के 50-50 प्रतिशत शेयरिंग खर्च के आधार पर निर्माण कार्य किया जाएगा.

वहीं, राज्य के वैसे जिला मुख्यालयों जहां अभी तक रेले कनेक्टिवटी नहीं है, उसे रेलवे नेटवर्क से कनेक्ट करने, महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को ज्वाइंट वेंचर के तौर पर शुरू करने के साथ-साथ राज्य के अंदर की रेल परियोजनाओं की पहचान, योजना और उसके विकास में जेआरआईडीसीएल के ओर से एंकर रोल निभाने के संदर्भ में समिति ने प्रतिवेदन में विस्तृत सुझाव दिए हैं.

50-50 प्रतिशत शेयरिंग खर्च वाली रेल परियोजाएं
विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के ओर से समर्पित प्रतिवेदन में कहा गया है कि वैसी रेल परियोजनाएं जो राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, उसके निर्माण में होने वाले खर्च में केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. ऐसी रेल परियोजनाओं के निर्माण में होने वाले खर्च में राज्य सरकार की हिस्सेदारी बढ़ती है, तो इसे रेलवे या ज्वाइंट वेंचर के जरिए बनाया जाएगा.

राज्य के जिला मुख्यालयों में रेलवे कनेक्टिविटी को लेकर भी दिए सुझाव

राज्य के सिमडेगा, चतरा और खूंटी समेत वैसे जिला मुख्यालय जो रेलवे कनेक्टिविटी से नहीं जुड़े हैं, उसे रेल नेटवर्क से जोड़ने को लेकर भी समिति के प्रतिवेदन में सुझाव दिए गए हैं. इसके साथ राज्य के दूरस्थ इलाकों में रेल कनेक्टिविटी के लिए ली जाने वाली योजनाओं में राज्य सरकार की हिस्सेदारी कम होगी, लेकिन ऐसे दूरस्थ इलाकों की पहचान में जेआरआईडीसीएल भूमिका निभाएगा.

महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं का निर्माण ज्वाइंट वेंचर मॉडल पर होगा
वैसी रेल परियोजनाएं जो फाइनांसियली लाभदायक नहीं है, पर राज्य में क्रिटिकल कनेक्टिवटी, कैपासिटी इनहांसमेंट और सामाजिक आर्थिक विकास के लिहाज से जरूरी है उसे ज्वाइंट वेंचर के डेब्ट इक्विटी कॉन्सेप्ट पर लिया जाएगा. ऐसी रेल परियोजनाओं के खर्च को लेकर राशि बाह्य श्रोतों- प्राइवेट/ गवर्नेंट स्टेकहोल्डर्स और लोन के जरिए जुटाई जाएगी.

राज्य की रेल परियोजनाओं में जेआरआईडीसीएल एंकर रोल की भूमिका में होगा
राज्य की जरूरतों को देखते हुए रेल परियोजनाओं की पहचान, योजना बनाने और उसके विकास में राज्य की ज्वाइंट वेंचर-जेआरआईडीसीएल ( राज्य सरकार और रेल मंत्रालय ) एंकर रोल निभाएगा. ऐसी रेल परियोजनाओं के लिए बनाए जाने वाले ज्वाइंट वेंचर में राज्य सरकार और रेलवे मंत्रालय की हिस्सेदारी 51-49 के अनुपात में होगी. इन रेल परियोजनाओं का वित्त वहन डेब्ट इक्विटी के आधार पर होगा.

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समिति में कौन –कौन सदस्य
विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति में योजना और वित्त विभाग के सचिव, राजस्व, निबंधन और भूमि सुधार विभाग के सचिव, पथ निर्माण विभाग के सचिव और परिवहन विभाग के सचिव सदस्य हैं. इस समिति ने झारखंड के लिहाज से महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं, राज्य में रेल कनेक्टिवटी बढ़ाने तथा उसपर होनेवाले खर्चे को लेकर अपने सुझाव को प्रतिवेदन के रूप में राज्य सरकार को सौंपा है.

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