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गरीब लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र, 5 रुपये में मिल रहा भर पेट भोजन

कोरोना वायरस से पूरे देश में 25 मार्च से 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है, जिससे आम आदमी के जीवन में कठिनाइयों का दौर शुरू हो गया है, इस दौरान झारखंड में गरीब तबके के लोगों के लिए मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र काफी कारगर साबित हो रहा है.

मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र
CM Dal Bhat Center
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Published : Mar 27, 2020, 3:17 PM IST

रांची: 21 दिनों तक पूरे देश में लॉकडाउन रहेगा. लोग घरों में बंद कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, लेकिन उनका क्या जिनके सिर पर अपना छत तक नहीं है. जो लोग दिहाड़ी करके रोज खाना खाते थे उनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है.

देखें पूरी खबर

मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र

ऐसे लोगों का ख्याल रखना न सिर्फ सरकार और प्रशासन की बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है. ऐसी परिस्थिति में मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र ऐसे लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी के सदर अस्पताल स्थित मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र का जायजा लिया. वहां की व्यवस्था सुकून देने वाली थी. बेसहारा और लाचार लोग इस केंद्र में पहुंच रहे हैं और फिलहाल इन्हें दाल-भात की जगह खिचड़ी और सब्जी परोसा जा रहा है. 5 रुपए देकर लोग भारपेट खिचड़ी खा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-कांके के पूर्व विधायक रामचंद्र बैठा का निधन, प्रदेश की राजनीति में था बड़ा कद

5 रुपए में भरपेट खाना

इस सेंटर पर पहुंचने पर सबसे पहले हैंड वॉश से हाथ धुलाया जा रहा है. खाना खाने के बाद लोगों के हाथ पर सैनिटाइजर भी दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र की संचालिका ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि आम दिनों में केंद्र पर हर दिन 600 से ज्यादा लोग 5 रु में भरपेट खाना खाते थे, लेकिन दिहाड़ी मजदूर और रिक्शा चलाने पर भी रोक लग चुकी है, लिहाजा सड़क के किनारे रात गुजारने वाले लोग सुबह 9 बजे से लेकर रात 10 बजे तक इस केंद्र पर पहुंच रहे हैं और खिचड़ी खा रहे हैं.

खिचड़ी केंद्र का संचालन

संचालिका ने बताया कि अनाज की कोई कमी नहीं है. बीच-बीच में नगर निगम की मेयर और अन्य पदाधिकारी भी व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचते हैं, लेकिन लोगों का मानना है कि राजधानी के अलग-अलग इलाकों में भी खिचड़ी केंद्र का संचालन शुरू कर देना चाहिए, ताकि भूखे लोगों को भोजन मिल सके.

रांची: 21 दिनों तक पूरे देश में लॉकडाउन रहेगा. लोग घरों में बंद कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, लेकिन उनका क्या जिनके सिर पर अपना छत तक नहीं है. जो लोग दिहाड़ी करके रोज खाना खाते थे उनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है.

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मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र

ऐसे लोगों का ख्याल रखना न सिर्फ सरकार और प्रशासन की बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है. ऐसी परिस्थिति में मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र ऐसे लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी के सदर अस्पताल स्थित मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र का जायजा लिया. वहां की व्यवस्था सुकून देने वाली थी. बेसहारा और लाचार लोग इस केंद्र में पहुंच रहे हैं और फिलहाल इन्हें दाल-भात की जगह खिचड़ी और सब्जी परोसा जा रहा है. 5 रुपए देकर लोग भारपेट खिचड़ी खा रहे हैं.

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5 रुपए में भरपेट खाना

इस सेंटर पर पहुंचने पर सबसे पहले हैंड वॉश से हाथ धुलाया जा रहा है. खाना खाने के बाद लोगों के हाथ पर सैनिटाइजर भी दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र की संचालिका ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि आम दिनों में केंद्र पर हर दिन 600 से ज्यादा लोग 5 रु में भरपेट खाना खाते थे, लेकिन दिहाड़ी मजदूर और रिक्शा चलाने पर भी रोक लग चुकी है, लिहाजा सड़क के किनारे रात गुजारने वाले लोग सुबह 9 बजे से लेकर रात 10 बजे तक इस केंद्र पर पहुंच रहे हैं और खिचड़ी खा रहे हैं.

खिचड़ी केंद्र का संचालन

संचालिका ने बताया कि अनाज की कोई कमी नहीं है. बीच-बीच में नगर निगम की मेयर और अन्य पदाधिकारी भी व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचते हैं, लेकिन लोगों का मानना है कि राजधानी के अलग-अलग इलाकों में भी खिचड़ी केंद्र का संचालन शुरू कर देना चाहिए, ताकि भूखे लोगों को भोजन मिल सके.

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