ETV Bharat / state

बाबूलाल ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र, कहा- मुश्किल में हैं अधिवक्ता और क्लर्क, दें ध्यान - बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन से राज्य के अधिवक्ताओं की तकलीफ बयां की

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन से राज्य के अधिवक्ताओं की तकलीफ बयां की है. बाबूलाल मरांडी ने इस बाबत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र भेजा है.

बाबूलाल ने लिखा सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र, कहा- मुश्किल में हैं अधिवक्ता और लिपिक, दें ध्यान
बाबूलाल मरांडी
author img

By

Published : Apr 25, 2020, 8:35 PM IST

Updated : Apr 25, 2020, 9:00 PM IST

रांचीः प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के मौजूदा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राज्य के अधिवक्ताओं की तकलीफ बयां की है. मरांडी ने इस बाबत मुख्यमंत्री सोरेन को एक पत्र भेजा है. जिसमें उन्हें साफ कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में अधिवक्ताओं की रोजी-रोटी पर भी असर पड़ा है.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य के लगभग 35000 अधिवक्ताओं के समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. साथ ही उनके साथ जुड़े हुए लगभग 25000 लिपिक भी तकलीफ में है. मरांडी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से पिछले डेढ़ महीने से अदालती कार्यवाही ठप पड़ी हुई है. इस वजह से राज्य के वकीलों के समक्ष आर्थिक संकट भी पैदा होना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि दुविधा यह है कि बुद्धिजीवी वर्ग होने की वजह से यह लोग अपनी खस्ता हालत खुद बयान नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार का दायित्व बनता है कि उनकी वस्तु स्थिति समझते हुए अधिवक्ताओं की भी सुध ली जाए. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने से एक संदेश जाएगा कि विपत्ति के समय सरकार ने कम से कम इनकी भी परवाह भी की.

रांचीः प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के मौजूदा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राज्य के अधिवक्ताओं की तकलीफ बयां की है. मरांडी ने इस बाबत मुख्यमंत्री सोरेन को एक पत्र भेजा है. जिसमें उन्हें साफ कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में अधिवक्ताओं की रोजी-रोटी पर भी असर पड़ा है.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य के लगभग 35000 अधिवक्ताओं के समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. साथ ही उनके साथ जुड़े हुए लगभग 25000 लिपिक भी तकलीफ में है. मरांडी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से पिछले डेढ़ महीने से अदालती कार्यवाही ठप पड़ी हुई है. इस वजह से राज्य के वकीलों के समक्ष आर्थिक संकट भी पैदा होना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि दुविधा यह है कि बुद्धिजीवी वर्ग होने की वजह से यह लोग अपनी खस्ता हालत खुद बयान नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार का दायित्व बनता है कि उनकी वस्तु स्थिति समझते हुए अधिवक्ताओं की भी सुध ली जाए. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने से एक संदेश जाएगा कि विपत्ति के समय सरकार ने कम से कम इनकी भी परवाह भी की.

Last Updated : Apr 25, 2020, 9:00 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.