रांचीः आदिवासी बहुल कोल्हान प्रमंडल के 780 अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को वर्ष 2022 में 14 आवासीय विद्यालयों में नामांकन के लिए चयन हुआ है, लेकिन अब तक सिर्फ 9 विद्यालयों में ही नामांकन प्रक्रिया पूरी कर पढ़ाई शुरू हो पाई है. शेष 5 विद्यालयों के सफल विद्यार्थियों की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो जाने के बावजूद पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है . प्रश्नकाल के दौरान झामुमो विधायक दीपक बिरुआ ने इसको गंभीर मामला बताते हुए विलंब उत्पन्न करने वाले पदाधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की मांग की.
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जवाब में मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि इस बाबत आयुक्त को निर्देशित किया गया था इसके बावजूद काम नहीं हुआ. उन्होंने स्वीकार किया कि पढ़ाई शुरू नहीं होने से छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है. लिहाजा, इसकी जांच करा कर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी. इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए स्पीकर ने कहा कि जब विद्यालय भवन बनकर तैयार है और नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है, इसके बावजूद पढ़ाई शुरू नहीं होना बेहद गंभीर मामला बनता है. उन्होंने मंत्री को कहा कि उदासीनता बरतने वालों के खिलाफ सख्ती जरूरी है. विधायक दीपक बिरुआ ने पूरक प्रश्न के तहत पूछा कि सरकार को बताना चाहिए कि संबंधित आवासीय विद्यालयों में पढ़ाई कब तक शुरू हो जाएगी. जवाब में मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि पूरे मामले से विभाग वाकिफ है और इस पर यथाशीघ्र कार्रवाई की जाएगी.
सरकार की ओर से बताया गया कि जिन 5 आवासीय विद्यालय में नामांकन नहीं हो सका है, उनमें तीन एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, एक आश्रम विद्यालय और एक अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालय है. सभी विद्यालयों का भवन नवनिर्मित है जिनका संचालन शैक्षणिक सत्र 2022 23 से प्रस्तावित था. गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से संबंधित विद्यालयों के संचालन के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.