रांचीः दुर्गा पूजा का समय आते ही लोग अपने घरों को जाने के लिए उत्साहित हो जाते हैं लेकिन इस बार के दुर्गा पूजा में लोगों के उत्साह पर पाबंदी लग गई है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि झारखंड से अन्य राज्यों में जाने वाली बसों का परिचालन अभी तक परिवहन विभाग द्वारा चालू नहीं किया गया है. बसों का परिचालन न होने की वजह से बस मालिकों से लेकर यात्रियों तक को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
राजधानी रांची के कई बस स्टैंडों पर बिहार, बंगाल, ओडिसा जाने वाले यात्रियों ने अपनी परेशानी को साझा करते हुए बताया कि जिस प्रकार से झारखंड के विभिन्न जिलों में जाने के लिए बसों का परिचालन शुरू कर दिया गया है.
उसी प्रकार अन्य राज्यों में जाने के लिए भी बसों का परिचालन परिवहन विभाग और राज्य सरकार को शुरू कर देना चाहिए क्योंकि झारखंड में बिहार, बंगाल और ओडिसा के रहने वाले लोगों की संख्या अधिक है. ऐसे में पर्व त्योहारों के समय में लोग अपने घर जाने के लिए काफी उत्साहित रहते हैं, लेकिन बसों का परिचालन न होने के कारण लोगों का उत्साह कम हो गया है.
खादगढ़ा बस स्टैंड पर बिहार जाने के लिए यात्री संजीव कुमार ने बताया कि पर्व के समय में घर जाना बेहद ही जरूरी होता है लोग अपने अपने काम से पहले ही छुट्टी ले लेते हैं ताकि वह समय पर घर पहुंच सकें, लेकिन बस न चलने के कारण बिहार जाने वाले यात्रियों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
लोग निजी वाहन रिजर्व करके घर जाने को मजबूर हैं जिसके लिए उन्हें अपने पॉकेट से ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं. वहीं ओडिसा जाने वाले यात्री इब्राहिम और बिहार जाने वाले यात्री संजय रजक ने बताया कि ओडिसा जाने के लिए बसों का परिचालन अभी तक शुरू नहीं हुआ है जिस वजह से वह अपने घर नहीं जा पा रहे हैं.
वहीं बस ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण बुधिया बताते हैं मार्च महीने से ही सरकार के आदेश के बाद बसों का परिचालन ठप है और सरकार द्वारा लगातार रोड टैक्स, परमिट और इंश्योरेंस के चार्जेस लिए जा रहे हैं उसके बावजूद भी सरकार बाहर जाने वाली बसों के परिचालन की अनुमति नहीं दे रही है.
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वहीं उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा यह आदेश पारित कर दिया गया है कि 22 अगस्त से अंतर राज्य की बसों का परिचालन शुरू कर दिया जाए और 1 सितंबर से झारखंड सरकार के पास भी वह आदेश मिल चुका है उसके बावजूद भी परिवहन विभाग अंतरराज्यीय बसों के परिचालन को अनुमति नहीं दे रहा है.
बस मालिकों को भारी नुकसान
इस वजह से बस व्यापारी और बस से जुड़े कर्मचारियों को नुकसान सहना पड़ रहा है खासकर पर्व के समय में यह नुकसान दो गुना से तीन गुना तक बढ़ गया है.
वहीं उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है उसके अनुसार बस मालिक यात्रियों को बैठाने के लिए तैयार हैं फिर भी सरकार अनुमति के लिए तैयार नहीं हो रही है.
आंकड़ों के अनुसार झारखंड से प्रतिदिन लगभग 1100 से 1200 बसों का परिचालन बाहर के राज्यों के लिए होता है, लेकिन बसों का परिचालन बंद होने के कारण राज्य सरकार को प्रतिदिन लगभग 50 लाख का नुकसान हो रहा है.
वहीं परिवहन मंत्रालय से मिली सूचना के अनुसार अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि बसों का परिचालन कब तक शुरू हो जाएगा, लेकिन बाहर के राज्यों में जाने के लिए बसों के परिचालन न होने से यात्रियों और बस मालिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि 10 से 15 अक्टूबर के बीच झारखंड से बाहर जाने वाली बसों का परिचालन शुरू हो सकता है