रांची: झारखंड के रामगढ़ जिले में गांजा प्रकरण में सूचना अधिकार कार्यकर्ता प्रमोद कुमार सिंह को कथित फर्जी केस में फंसाने की जांच अब सीआईडी करेगी. मामले में प्रमोद कुमार सिंह ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उन्हें फर्जी तरीके से गांजा तस्करी का आरोप में फंसाकर जेल भेज दिया था. एनएचआरसी के आदेश पर सीआईडी ने पूरे मामले की प्रारंभिक जांच की थी.
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प्रारंभिक जांच में उजागर हुई पुलिस की गड़बड़ी
मामला सामने आने के बाद सीआईडी के डीआईजी स्तर के अधिकारी ने पूरे मामले की प्रारंभिक जांच करवाई गई थी. जांच में ये बात सामने आई है कि पुलिस ने जेल भेजने में गड़बड़ी की है. एनडीपीएस के केस में डीएसपी स्तर के अधिकारी की मौजूदगी में ही कार्रवाई होती है, लेकिन जांच में डीएसपी की मौजूदगी में कार्रवाई नहीं होने की बात सामने आई है. गांजा प्रकरण में जेल भेजे जाने की कार्रवाई के बाद पीड़ित ने सीआईडी एडीजी को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने की गुहार लगाई थी.
पुलिस मुख्यालय ने दिया है आदेश
सीआईडी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने भुरकुंडा थाने में दर्ज केस को टेकओवर करने का आदेश दिया है. सीआईडी जल्द ही डीएसपी स्तर के अधिकारी से मामले की जांच करवाएगी.
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क्या है मामला
प्रमोद कुमार सिंह को रामगढ़ के सब इंस्पेक्टर रघुनाथ सिंह द्वारा एनडीपीएस के केस में जेल भेजा गया था. सूचना अधिकार कार्यकर्ता का आरोप है कि रामगढ़ पुलिस की गतिविधियों के खिलाफ और कोयला तस्करी को लेकर वह लगातार आवाज उठाते रहे थे, ऐसे में साजिशन पुलिस ने फर्जी तरीके से एनडीपीएस के केस में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. 6 अप्रैल 2020 को प्रमोद कुमार सिंह को पुलिस ने जेल भेजा था.