रांची: नक्सली संगठन पीएलएफआई से जुड़े नंद किशोर महतो की मौत मामले की जांच अब सीआईडी करेगी. नंद किशोर महतो का शव 26 अप्रैल 2022 को हजारीबाग के सिलवार पुलिस ऑफिस से फांसी के फंदे से लटका मिला था. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देश के बाद सीआईडी की मानवाधिकार शाखा अब पूरे मामले की नए सिरे से जांच करेगी. जांच के लिए सीआईडी के इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को जांच पदाधिकारी बनाया जाएगा.
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हजारीबाग एसपी ने की थी जांच की अनुशंसा: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से पहले हजारीबाग एसपी ने भी पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर सीआईडी से जांच कराने की अनुशंसा की थी. इस मामले में एसपी मनोज रतन चोथे ने एक एएसआई समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित भी कर दिया था. आयोग के निर्देश के बाद हजारीबाग जिला में दर्ज केस को सीआईडी टेकओवर करेगी.
क्या है पूरा मामला: दरअसल हजारीबाग के बड़कागांव का रहने वाले नंदकिशोर महतो को पुलिस ने पूर्व में रंगदारी और नक्सल कांडों में जेल भेजा था. हजारीबाग में कोयला उत्खनन में लगी कंपनियों ओएनजीसी, एलएंडटी समेत कई ठेकेदारों से पीएलएफआई के नाम पर रंगदारी मांगने का आरोप नंदकिशोर पर लगा था. इस मामले में हजारीबाग पुलिस की एसआईटी ने उसे हिरासत में लिया था. इस दौरान नंदकिशोर को थाने के हाजत में रखकर सिलवार पुलिस कार्यालय में रखा गया था. नंदकिशोर ने इस दौरान शौचालय जाने की बात कही थी, इसके बाद वहां उसका शव फंदे से लटका मिला था. घटना के बाद पुलिस ने इस संबंध में मुफस्सिल थाने में यूडी केस (Unnatural Death) दर्ज किया था. इसी केस को सीआईडी अब टेकओवर करेगी.