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अधिवक्ता राजीव कुमार पर चार केस दर्ज, सीआईडी ने सभी केस को किया टेकओवर

झारखंड हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव कुमार पर दर्ज सभी केसों की छान-बीन अब सीआईडी करेगी (CID Took Over all Cases of Advocate Rajiv Kumar). चारों ही मामले जमीन से जुड़े हुए है. इन मामलों में सीआईडी ने अपना रिसर्च शुरू भी कर दिया है.

CID took over all cases of advocate Rajiv Kumar
CID took over all cases of advocate Rajiv Kumar
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Published : Oct 29, 2022, 8:04 AM IST

रांची: कोलकाता पुलिस के द्वारा गिरफ्तार झारखंड हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव कुमार (Jharkhand High Court Senior Advocate Rajeev Kumar) की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. राजीव कुमार के खिलाफ रांची के विभिन्न थानों में दर्ज सभी चार मामलों की जांच अब सीआईडी करेगी (CID Took Over all Cases of Advocate Rajiv Kumar). सीआईडी ने सभी केस को टेकओवर कर लिया है.

यह भी पढें: अधिवक्ता राजीव कुमार ने जमानत याचिका पर शीघ्र सुनवाई का किया आग्रह, विशेष अदालत ने नहीं दी थी बेल



सीआईडी जांच शुरू: अधिवक्ता राजीव कुमार के खिलाफ कुल चार मामलों में सीआईडी ने अपना रिसर्च शुरू कर दिया है. चारों ही मामले जमीन से जुड़े हुए है, जिनके आधार पर रांची के बरियातू और ठाकुरगांव थाने में आदिवासी जमीन के कब्जे को लेकर दर्ज केस दर्ज किए थे. जिन कांडों का अनुसंधान सीआईडी ने टेकओवर किया है. उसमें ठाकुरगांव थाना में दर्ज कांड संख्या 36/22, 37/22 व 38/22 है, वहीं बरियातू स्थित जमीन के कब्जे को लेकर एससी/एसटी थाना केस संख्या 56/22 में भी सीआईडी ने जांच का टेकओवर किया है.

ठाकुरगांव में सात एकड़ से अधिक जमीन की खरीद: ठाकुरगांव में अलग- अलग खाता के सात एकड़ से अधिक जमीन की खरीद अधिवक्ता राजीव कुमार ने की थी. इस मामले में भुनवेश्वर साहू के बयान पर एससी, एसटी एक्ट से जुड़े धाराओं के अलावा 420, 467, 468, 471, 24 व 120 बी आईपीसी की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. आरोप है कि राजीव कुमार ने आदिवासियों को प्रताड़ित कर जमीन पर कब्जा किया है. इसके लिए फर्जी कागजातों का सहारा लेने का आरोप भी लगाया गया है. वहीं बरियातू स्थित जमीन पर भी जबरन कब्जे का आरोप लगाकर एससी, एसटी थाना में केस दर्ज किया गया है.

सीआईडी ने गठित की जांच टीम: राज्य पुलिस मुख्यालय के आदेश के बाद सीआईडी ने केस टेकओवर कर जांच के लिए टीम गठित की है. जांच टीम में दो केस सीआईडी रांची प्रक्षेत्रीय डीएसपी संजय कुमार को दिया गया है, जबकि दो केस का अनुसंधान डीएसपी जेपीएन चौधरी करेंगे. दोनों के अंतर्गत सहायक अनुसंधान पदाधिकारी भी होंगे, जो अनुसंधान में मदद करेंगे.

राजीव कुमार ने घूस ली: ईडी ने अपने अपने चार्जशीट में जिक्र किया है कि अमित अग्रवाल ने शेल कंपनियों से जुड़ी याचिका को मैनेज करने के लिए राजीव कुमार को घूस आफर की गई थी, जिसे झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने स्वीकार किया था. लेकिन बाद में कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल ने कोलकाता पुलिस में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राजीव कुमार को गिरफ्तार करवा दिया था. घूस लेने और उसे स्वीकार करने के कारण दोनों को ईडी ने आरोपी बताया है.

ईडी के केस में जेल में बंद हैं राजीव: 31 जुलाई को अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने 50 लाख नकदी के साथ गिरफ्तार किया था. शेल कंपनियों से जुड़े याचिका को मैनेज करने के बदले पैसे मांगने के आरोप में उनकी गिरफ्तारी हुई थी. बाद में ईडी ने इस केस में अलग से मनी लाउंड्रिंग का केस किया था. यही वजह थी कि कोलकाता के केस में जमानत पर छूटने के बाद भी राजीव कुमार को जेल में ही रहना पड़ा. ईडी ने इस केस में राजीव कुमार के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दिया है. फिलहाल वह रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं.

रांची: कोलकाता पुलिस के द्वारा गिरफ्तार झारखंड हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव कुमार (Jharkhand High Court Senior Advocate Rajeev Kumar) की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. राजीव कुमार के खिलाफ रांची के विभिन्न थानों में दर्ज सभी चार मामलों की जांच अब सीआईडी करेगी (CID Took Over all Cases of Advocate Rajiv Kumar). सीआईडी ने सभी केस को टेकओवर कर लिया है.

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सीआईडी जांच शुरू: अधिवक्ता राजीव कुमार के खिलाफ कुल चार मामलों में सीआईडी ने अपना रिसर्च शुरू कर दिया है. चारों ही मामले जमीन से जुड़े हुए है, जिनके आधार पर रांची के बरियातू और ठाकुरगांव थाने में आदिवासी जमीन के कब्जे को लेकर दर्ज केस दर्ज किए थे. जिन कांडों का अनुसंधान सीआईडी ने टेकओवर किया है. उसमें ठाकुरगांव थाना में दर्ज कांड संख्या 36/22, 37/22 व 38/22 है, वहीं बरियातू स्थित जमीन के कब्जे को लेकर एससी/एसटी थाना केस संख्या 56/22 में भी सीआईडी ने जांच का टेकओवर किया है.

ठाकुरगांव में सात एकड़ से अधिक जमीन की खरीद: ठाकुरगांव में अलग- अलग खाता के सात एकड़ से अधिक जमीन की खरीद अधिवक्ता राजीव कुमार ने की थी. इस मामले में भुनवेश्वर साहू के बयान पर एससी, एसटी एक्ट से जुड़े धाराओं के अलावा 420, 467, 468, 471, 24 व 120 बी आईपीसी की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. आरोप है कि राजीव कुमार ने आदिवासियों को प्रताड़ित कर जमीन पर कब्जा किया है. इसके लिए फर्जी कागजातों का सहारा लेने का आरोप भी लगाया गया है. वहीं बरियातू स्थित जमीन पर भी जबरन कब्जे का आरोप लगाकर एससी, एसटी थाना में केस दर्ज किया गया है.

सीआईडी ने गठित की जांच टीम: राज्य पुलिस मुख्यालय के आदेश के बाद सीआईडी ने केस टेकओवर कर जांच के लिए टीम गठित की है. जांच टीम में दो केस सीआईडी रांची प्रक्षेत्रीय डीएसपी संजय कुमार को दिया गया है, जबकि दो केस का अनुसंधान डीएसपी जेपीएन चौधरी करेंगे. दोनों के अंतर्गत सहायक अनुसंधान पदाधिकारी भी होंगे, जो अनुसंधान में मदद करेंगे.

राजीव कुमार ने घूस ली: ईडी ने अपने अपने चार्जशीट में जिक्र किया है कि अमित अग्रवाल ने शेल कंपनियों से जुड़ी याचिका को मैनेज करने के लिए राजीव कुमार को घूस आफर की गई थी, जिसे झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने स्वीकार किया था. लेकिन बाद में कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल ने कोलकाता पुलिस में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राजीव कुमार को गिरफ्तार करवा दिया था. घूस लेने और उसे स्वीकार करने के कारण दोनों को ईडी ने आरोपी बताया है.

ईडी के केस में जेल में बंद हैं राजीव: 31 जुलाई को अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने 50 लाख नकदी के साथ गिरफ्तार किया था. शेल कंपनियों से जुड़े याचिका को मैनेज करने के बदले पैसे मांगने के आरोप में उनकी गिरफ्तारी हुई थी. बाद में ईडी ने इस केस में अलग से मनी लाउंड्रिंग का केस किया था. यही वजह थी कि कोलकाता के केस में जमानत पर छूटने के बाद भी राजीव कुमार को जेल में ही रहना पड़ा. ईडी ने इस केस में राजीव कुमार के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दिया है. फिलहाल वह रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं.

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