रांची: झारखंड सीआईडी की टीम अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक कारगर रणनीति पर काम कर रही है, सीआईडी क्रिमिनल वेरिफिकेशन मॉड्यूल तैयार कर रही है (CID preparing criminal verification module). इस मॉड्यूल में कुल 40 बिंदुओं पर अपराधियों के बारे में पुलिस को जानकारी इकट्ठा करना है. 40 बिंदुओं में अपराधी से संबंधित सभी विवरण शामिल रहेंगे यहां तक कि अपराधी कौन कौन सा नशा करता है और किस दुकान से उसकी खरीददारी करता है यह भी शामिल रहेगा.
ये भी पढ़ें: अमेरिका का दूल्हा बनकर लड़की से 7 लाख की ठगी, मैरेज साइट के जरिये हुई थी पहचान
सीआईडी का है पायलट प्रोजेक्ट: राज्य के अपराधियों पर नकेल कसने के लिए क्रिमिनल वेरिफिकेशन मॉड्यूल सीआईडी की महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए सीआईडी की तरफ से क्रिमिनल वेरिफिकेशन डिटेल्स नाम का एक फॉर्म बनाया गया है. इस फॉर्म में पुलिस अफसरों को शातिर क्रिमिनल्स को लेकर कुल 40 जानकारियां जुटानी हैं.
कौन कौन सी जानकारियां जुटानी है: क्रिमिनल वेरिफिकेशन डिटेल्स में अपराधी के ऊपर कुल कितने मामले दर्ज हैं, उसका नाम, डेट ऑफ बर्थ, उम्र, पिता का नाम, पिता जीवित है या नहीं, शरीर पर के दो पहचान चिन्ह, वर्तमान क्रिमिनल स्टेटस, ईमेल आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर, आधार नंबर, पैन नंबर, पोस्ट ऑफिस अकाउंट, एलआईसी, हेल्थ इंश्योरेंस, इलेक्शन आईडी नंबर, मोबाइल नंबर, सर्विस प्रोवाइडर नंबर, सोशल मीडिया पर कितने हैं अकाउंट, क्रिमिनल के एड्रेस जिसमें परमानेंट और प्रजेंट दोनों हो, जन्म प्रमाण पत्र, क्रिमिनल विवाहित है या अविवाहित या फिर तलाकशुदा, पत्नी या गर्लफ्रेंड, गर्लफ्रेंड /पत्नी के रिश्तेदारों के नाम और पते, मोबाइल नंबर और यूआईडी नंबर, अपराधी ने कहां से पढ़ाई की है मसलन स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और किस वर्ष पढाई पूरी की, अपराधी कौन-कौन सी भाषाएं जानता है, अपराधी की शारीरिक बनावट कैसी है, उसके शरीर पर अगर कोई टैटू बना हुआ है तो उसका भी डिटेल लिखना है. अपराधी कौन-कौन तरह के नशा करता है मतलब खैनी, बीड़ी, सिगरेट, गांजा, हिरोइन, पान मसाला, कोरेक्स,आयोडेक्स व्हाइटनर सब की जानकारी देनी है.
अपराधी का तकिया कलाम भी पता करना है: कई अपराधी बातचीत के दौरान किसी ना किसी तकिया कलाम का प्रयोग करते है, इस सूची में उस तकिया कलाम को भी शामिल करना है. इसके अलावा अपराधी किस तरह के व्यंजन को ज्यादा तरजीह देता है सललन वह वेजिटिरियन है या नॉन वेजिटेरियन यह भी बताना है. अपराधी कौन कौन से वाहन चलाता है इसकी जानकारी भी देनी है.
खातों की जानकारी: पुलिस अफसरों को यह जानकारी भी जुटाई है कि अपराधी के किन-किन बैंकों में अकाउंट हैं. इसके अलावा उनके रिश्तेदार माता-पिता के भी खातों की जानकारी जुटानी है. इसके अलावा शातिर अपराधी के रिश्तेदार किन-किन तरह के व्यापार या फिर सरकारी या प्राइवेट नौकरी में काम कर रहे हैं इसकी जानकारी भी इकट्ठा करनी है.
अपराधिक सहयोगीयों की जानकारी भी होगी: क्रिमिनल वेरिफिकेशन डिटेल्स में शातिर अपराधी के अपराधिक गतिविधियों के साथ-साथ अपराध को अंजाम देने के दौरान उनके कौन-कौन से दोस्त साथ में थे उनका डिटेल भी फॉर्म में शामिल करना है. इसके अलावा अपराधी के 4 तरह की तस्वीर भी खींचकर फॉर्म में ऐड करना है.
कुछ जिलों में काम शुरू: क्रिमिनल वेरिफिकेशन मॉड्यूल को लेकर झारखंड के कुछ जिलों में काम शुरू हो चुका है पुलिसकर्मी 40 बिंदुओं पर जानकारी जुटाकर उसका डाटा सीसीटीएनएस में फिड कर रहे हैं. सीआईडी के अधिकारियों के अनुसार अगर यह योजना सफल हो जाती है तो इसे राज्य के सभी जिलों में जल्द से जल्द लागू कर दिया जाएगा.
क्या होगा फायदा: दरअसल अपराधियों के फरार होने के बाद पुलिस को उन्हें तलाश करने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है ऐसे में अगर उनके बारे में और उनके रिश्तेदारों को लेकर सारी जानकारियां पुलिस के पास उपलब्ध होगी तो उन्हें पकड़ने और कांड के उद्भेदन में काफी मदद मिलेगी.