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टीपीसी के 21 नक्सलियों के खिलाफ सीआईडी को नहीं मिले सबूत, पलामू कोर्ट में अंतिम प्रतिवेदन किया फाइल

साल 2018 में पुलिस और टीपीसी उग्रवादियों (Naxal Organization TPC) के बीच हुए मुठभेड़ की जांच कर रहे सीआईडी को 21 प्राथमिकी अभियुक्तों के खिलाफ सबूत नहीं (CID not find evidence) मिले हैं. इसको लेकर सीआईडी ने पलामू कोर्ट में अंतिम प्रतिवेदन साक्ष्य की कमी बताते हुए फाइल कर दी है.

CID not find evidence against 21 TPC naxalites
टीपीसी
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Published : Jul 2, 2022, 7:26 AM IST

रांचीः CID को उग्रवादी संगठन टीपीसी के 21 सदस्यों के खिलाफ सबूत नहीं मिले हैं. ये पूरा मामला 2018 में पुलिस और टीपीसी उग्रवादियों के बीच हुए मुठभेड़ की जांच से जुड़ा है. मुठभेड़ के साक्ष्य नहीं मिलने पर केस में (CID investigation of TPC Naxalites) सीआईडी ने पलामू कोर्ट में अंतिम प्रतिवेदन फाइल दी, जिसमें साक्ष्य की कमी (evidence against 21 TPC naxalites) बताया.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में पुलिस-नक्सली एनकाउंटर की सीआईडी करेगी जांच, चार बड़े केस को किया टेकओवर



क्या था मामलाः 25 मई 2018 को पलामू पुलिस को जानकारी मिली थी कि टीपीसी के उग्रवादी किसी वारदात को अंजाम देने के लिए इकट्ठा हुए हैं. सूचना के आधार पर पुलिस पलामू के छतरपुर के ग्राम डुंडरू के दक्षिणी हिसाग पहाड़ी के पास पहुंची थी. जिसके बाद पुलिस और टीपीसी के उग्रवादियों में मुठभेड़ हो गयी. मुठभेड़ के बाद पुलिस ने घटनास्थल से जख्मी हालात में उग्रवादी लल्लू सिंह, सोनू यादव और विकास पासवान को गिरफ्तार किया था. वहीं मौके से तीन उग्रवादियों के शव बरामद किए गए. बाद में शवों की पहचान टीपीसी के उग्रवादी पवन गंझू उर्फ पवन शर्मा, चंदन जी उर्फ अमन, अमरजीत मांझी के तौर पर की गई थीय

किन किन पर हुई चार्जशीटः इस घटना के बाद पुलिस ने एएसआई नगेंद्र कुमार के बयान पर एफआईआर दर्ज की थी. तब गिरफ्तार आरोपियों की स्वीकारोक्ति बयान पर पुलिस ने तीनों मृत आरोपियों के साथ साथ 30 लोगों को नामजद व अज्ञात 10-15 लोगों को आरोपी बनाया था. पुलिस ने इस मामले में पूरक चार्जशीट करते हुए पवन गंझू, चंदन जी उर्फ अमन, अमरजीत को मृत दिखाते हुए चार्जशीट दायर की. वहीं लल्लू सिंह, विकास पासवान, सोनी यादव, राजेश साव, गुड्डू यादव, अविनाश यादव उर्फ मनोज यादव के खिलाफ चार्जशीट दायर की. वहीं पुलिस को जांच में 21 टीपीसी उग्रवादियों के मुठभेड़ में शामिल होने को लेकर साक्ष्य नहीं मिले, जिसके बाद इनके खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं हो पाई.

रांचीः CID को उग्रवादी संगठन टीपीसी के 21 सदस्यों के खिलाफ सबूत नहीं मिले हैं. ये पूरा मामला 2018 में पुलिस और टीपीसी उग्रवादियों के बीच हुए मुठभेड़ की जांच से जुड़ा है. मुठभेड़ के साक्ष्य नहीं मिलने पर केस में (CID investigation of TPC Naxalites) सीआईडी ने पलामू कोर्ट में अंतिम प्रतिवेदन फाइल दी, जिसमें साक्ष्य की कमी (evidence against 21 TPC naxalites) बताया.

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क्या था मामलाः 25 मई 2018 को पलामू पुलिस को जानकारी मिली थी कि टीपीसी के उग्रवादी किसी वारदात को अंजाम देने के लिए इकट्ठा हुए हैं. सूचना के आधार पर पुलिस पलामू के छतरपुर के ग्राम डुंडरू के दक्षिणी हिसाग पहाड़ी के पास पहुंची थी. जिसके बाद पुलिस और टीपीसी के उग्रवादियों में मुठभेड़ हो गयी. मुठभेड़ के बाद पुलिस ने घटनास्थल से जख्मी हालात में उग्रवादी लल्लू सिंह, सोनू यादव और विकास पासवान को गिरफ्तार किया था. वहीं मौके से तीन उग्रवादियों के शव बरामद किए गए. बाद में शवों की पहचान टीपीसी के उग्रवादी पवन गंझू उर्फ पवन शर्मा, चंदन जी उर्फ अमन, अमरजीत मांझी के तौर पर की गई थीय

किन किन पर हुई चार्जशीटः इस घटना के बाद पुलिस ने एएसआई नगेंद्र कुमार के बयान पर एफआईआर दर्ज की थी. तब गिरफ्तार आरोपियों की स्वीकारोक्ति बयान पर पुलिस ने तीनों मृत आरोपियों के साथ साथ 30 लोगों को नामजद व अज्ञात 10-15 लोगों को आरोपी बनाया था. पुलिस ने इस मामले में पूरक चार्जशीट करते हुए पवन गंझू, चंदन जी उर्फ अमन, अमरजीत को मृत दिखाते हुए चार्जशीट दायर की. वहीं लल्लू सिंह, विकास पासवान, सोनी यादव, राजेश साव, गुड्डू यादव, अविनाश यादव उर्फ मनोज यादव के खिलाफ चार्जशीट दायर की. वहीं पुलिस को जांच में 21 टीपीसी उग्रवादियों के मुठभेड़ में शामिल होने को लेकर साक्ष्य नहीं मिले, जिसके बाद इनके खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं हो पाई.

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