रांची: झारखंड के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के एमबीए डिग्री फर्जी होने की शिकायत पर मामले की जांच सीआईडी ने शुरू कर दी है. पूरे मामले में सीएमओ को मिली शिकायत के आधार पर सीआईडी जांच कर रही है.
इंस्पेक्टर राजेश को जांच
सीआईडी के इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी राजेश कुमार को जांच की जिम्मेदारी दी गई है. जानकारी के मुताबिक, निशिकांत दूबे की दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री के फर्जी होने का आरोप देवघर के विष्णुकांत झा ने लगाया था. इस मामले की शिकायत देवघर पुलिस व सीएमओ से भी की गई थी, जिसके बाद सीआईडी मामले में अनुसंधान कर रही.
सीआईडी को डीन ने दी जानकारी
पूरे मामले में सीआईडी की तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए दिल्ली गई थी. दिल्ली में सीआईडी टीम ने एफएमएस कार्यालय के अधिकारियों से मामले में जानकारी मांगी. दिल्ली यूनिवर्सिटी के डीन ने सीआईडी के अधिकारी राजेश कुमार को इस संबंध में एक लिखित पत्र भी दिया है, जिसमें लिखा है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के एफएमएस डिपोर्टमेंट के रिपोर्ट के मुताबिक साल 1993 में निशिकांत दुबे नाम का कोई भी व्यक्ति न ही पासआउट हुआ है और न ही दाखिला ही लिया है. यूनिवर्सिटी के डीन ने अपने पत्र में लिखा है कि इस आशय की जानकारी पूर्व में आरटीआई के जरिए मांगे गए सवाल के जवाब में भी दी गई थी. इस पत्र को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व झामुमो के ट्वीटर हैंडलर से ट्वीट भी किया गया था.
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बाबूलाल मरांडी ने सीआईडी अफसरों को चेताया
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सीआइडी के राजनीतिक इस्तेमाल का आरोप लगाया है. वहीं उन्होंने ट्वीट के जरिए पूछा है कि समझ नहीं आ रहा झारखंड पुलिस और सीआईडी सरकारी विभाग है या झामुमो के एजेंट जो पार्टी के सहयोगी संगठन की तरह काम कर रहा. सीआईडी अधिकारियों को भी चेतावनी देते हुए बाबुलाल मरांडी ने लिखा है कि अतीत में राजनीतिक पार्टी के एजेंट की तरह काम करने वालों का अंजाम देखें और अपनी हरकतों से बाज आएं. बाबूलाल मरांडी ने सवाल उठाया है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इस मामले में 28 जुलाई को ही पत्र लिखा, फिर उसी दिन यह पत्र मुख्यमंत्री और झामुमो के ट्विटर हैंडलर को भेज दिया जाता है और इसे पार्टी तुरंत जारी भी कर देती है.