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चाइल्ड पोर्नोग्राफी रैकेट का खुलासा, सीआईडी की साइबर ब्रांच ने बेंगलुरु से एक आरोपी को किया गिरफ्तार

झारखंड सीआईडी की साइबर ब्रांच ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी रैकेट का खुलासा किया है. सीआईडी की टीम ने बेंगलुरु में छापेमारी कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी ऑनलाइन धंधा चला रहा था और रुपए के लालच में बच्चों का अश्लील वीडियो और फोटोग्राफ लोगों को मुहैया कराता था. पूछताछ में अन्य कई चौंकानेवाली जानकारी मिली है. Child Pornography Case

Child Pornography Case
CID Cyber Crime Branch Arrested Accused
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 27, 2023, 6:47 PM IST

Updated : Sep 29, 2023, 2:17 PM IST

रांचीः चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता हाथ लगी है. मामले की तफ्तीश में लगी सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने बेंगलुरु में छापेमारी कर चाइल्ड पोर्नोग्राफी रैकेट के एक आरोपी को धर दबोचा है. यह रैकेट कॉल गर्ल दिल्ली नाम का ग्रुप बनाकर इंस्टाग्राम के जरिए चाइल्ड सेक्स पोर्नोग्राफी का धंधा कर रहा था.


ये भी पढ़ें-Crime News Jharkhand: अश्लील वीडियो की ऑनलाइन सौदेबाजी! तफ्तीश में जुटी सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच

एक आरोपी गिरफ्तारः सीआईडी मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर की सहायता से साइबर क्राइम ब्रांच ने बेंगलुरु में छापेमारी कर सतीश बाबू नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है. सतीश बाबू बोलना केरल का रहने वाला है और बेंगलुरु में रहकर ऑनलाइन चाइल्ड पोर्नोग्राफी का धंधा चला रहा था. गिरफ्तार आरोपी के पास से भारी मात्रा में बाल यौन शोषण सामग्री और कई मोबाइल बरामद किए गए हैं. आरोपी के मोबाइल से भारी मात्रा में क्लाउड स्टोरेज सर्विस मेघा और टेरा से कई अश्लील वीडियो और फोटो बरामद किए गए हैं. आरोपी के मोबाइल में कई टेलीग्राम चैनल के लिंक मिले हैं जो सीधे तौर पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े हुए हैं. गिरफ्तार आरोपी को सीआईडी की टीम ट्रांजिट रिमांड पर लेकर रांची आने वाली है.
क्या है पूरा मामलाः दरअसल झारखंड की राजधानी रांची सहित कई शहरों में ऑनलाइन पेमेंट कर चाइल्ड पोर्नोग्राफी को न सिर्फ देखा जा रहा है, बल्कि इसे दूसरे ग्रुप में भी भेजा जा रहा था. टेलीग्राम एप के जरिए कई ग्रुप्स बनाकर चाइल्ड पोर्न कंटेट परोसे जाने का मामला इसी महीने सामने आया था. रांची के बाल अधिकार कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार ने खुद पूरे मामले में स्टिंग कर इसका खुलासा किया था. इसके बाद इस मामले की जानकारी सीआईडी के डीजी और सीआईडी के साइबर क्राइम थाने को दी थी. लिखित शिकायत मिलने के बाद सीआईडी ने जांच करायी तो चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मामला सत्य पाया गया. इसके बाद साइबर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.


जांच में जुटी थी सीआईडी की साइबर ब्रांचः चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मामला जब सीआईडी के संज्ञान में आया तो उन्होंने इसे लेकर प्रारंभिक जांच भी की, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य मिले.सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए चाइल्ड पोर्नोग्राफी की सीआईडी जांच में आये तथ्यों के बाद ही सीआईडी साइबर क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज किया है. एफआईआर में यूपीआई नंबर 9341466767 के प्रयोगकर्ता के साथ-साथ छह टेलीग्राम लिंक संचालकों और उनके मोबाइल नंबर 8287527671 और 8377892324 पर एफआईआर दर्ज की गई थी.


कैसे सामने आया मामलाः चाइल्ड राइट फाउंडेशन के सचिव बैद्यनाथ कुमार ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि टेलीग्राम चैनल के जरिए चाइल्स पोर्न वीडियो और स्काट सर्विस के नाम से ओपन ग्रुप संचालित है. इस ग्रुप में कोई भी सदस्य बन सकता है. बैद्यनाथ कुमार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने चाइल्ड प्रोनोग्राफी परोसने वालों से संपर्क साधा, ताकि इसकी पूरी जानकारी हासिल की जा सके. इसी बीच बैद्यनाथ को टेलीग्राम के जरिए संचालित एक ओपन ग्रुप में मैसेज आया कि चाइल्ड सेक्स पोर्नोग्राफी वीडियोज चाहिए क्या, जवाब में हां लिखने पर एक लिंक भेजा गया. जिसमें डेमो वीडियो आया. इसके बाद 220 रुपए में 8000 से ज्यादा वीडियोज देने की बात कही गई. बैद्यनाथ कुमार ने बताया कि दिए गए यूपीआई पर संस्था के चंदन कुमार ने पैसे डाले, जिसके बाद छह लिंक भेजे गए. सभी में चाइल्ड पोर्नोग्राफी संबंधित सामग्री थी.


दुबई से जुड़ा है कनेक्शनः सीआईडी को जांच और आरोपी की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है.आरोपी के मोबाइल में अश्लील लिंक और मोबाइल नंबर उपलब्ध है जिसके जरिए बच्चों के अश्लील वीडियो का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. अंदेशा है कि एक बड़ा नेटवर्क इसके पीछे काम कर रहा है, जो दुबई से लिंक्ड है.साल 2021 में सीबीआई ने देश के 14 राज्यों के 76 जगह पर एक साथ चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर छापेमारी की थी. उसके बाद वर्ष 2022 में भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर देश के 20 राज्यों में छापेमारी की गई थी.

ये भी पढ़ें-Ranchi News: दुर्गा पूजा की तैयारी में जुटी रांची पुलिस, ओवरब्रिज के बेकार सामग्री को हटाने के दिए निर्देश

कानूनी रूप से अवैध है चाइल्ड पॉर्नोग्राफीः कानून के जानकार बताते हैं कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने वाले भी गुनाहगारों की लिस्ट में शामिल हो रहे हैं.लोगों को यह जानकारी होनी चाहिए कि जिस तरह से अश्लील वीडियो और फोटोग्राफ प्रकाशित करना और उसे दूसरे जगह तक विभिन्न माध्यमों से पहुंचना भी अवैध है. हालांकि उसे देखना, पढ़ना या सुनना अवैध नहीं है, लेकिन आपको यह बता दें कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मामला बिल्कुल अलग है. चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना भी अपराध की श्रेणी में आता है. चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में कानून बेहद कड़ा है. बच्चों के सेक्सुअल एक्ट में नग्न दिखाते हुए इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में कोई चीज प्रकाशित करना या दूसरों को भेजना पूरी तरह से गैरकानूनी है. आईटी कानून 2009 की धारा 67 (B) , आईपीसी की धाराएं 292, 293 ,294, 506, और 509 में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर पांच से 10 साल तक जेल और 10 लाख रुपए जुर्माने की भी सजा है.

रांचीः चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता हाथ लगी है. मामले की तफ्तीश में लगी सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने बेंगलुरु में छापेमारी कर चाइल्ड पोर्नोग्राफी रैकेट के एक आरोपी को धर दबोचा है. यह रैकेट कॉल गर्ल दिल्ली नाम का ग्रुप बनाकर इंस्टाग्राम के जरिए चाइल्ड सेक्स पोर्नोग्राफी का धंधा कर रहा था.


ये भी पढ़ें-Crime News Jharkhand: अश्लील वीडियो की ऑनलाइन सौदेबाजी! तफ्तीश में जुटी सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच

एक आरोपी गिरफ्तारः सीआईडी मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर की सहायता से साइबर क्राइम ब्रांच ने बेंगलुरु में छापेमारी कर सतीश बाबू नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है. सतीश बाबू बोलना केरल का रहने वाला है और बेंगलुरु में रहकर ऑनलाइन चाइल्ड पोर्नोग्राफी का धंधा चला रहा था. गिरफ्तार आरोपी के पास से भारी मात्रा में बाल यौन शोषण सामग्री और कई मोबाइल बरामद किए गए हैं. आरोपी के मोबाइल से भारी मात्रा में क्लाउड स्टोरेज सर्विस मेघा और टेरा से कई अश्लील वीडियो और फोटो बरामद किए गए हैं. आरोपी के मोबाइल में कई टेलीग्राम चैनल के लिंक मिले हैं जो सीधे तौर पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े हुए हैं. गिरफ्तार आरोपी को सीआईडी की टीम ट्रांजिट रिमांड पर लेकर रांची आने वाली है.
क्या है पूरा मामलाः दरअसल झारखंड की राजधानी रांची सहित कई शहरों में ऑनलाइन पेमेंट कर चाइल्ड पोर्नोग्राफी को न सिर्फ देखा जा रहा है, बल्कि इसे दूसरे ग्रुप में भी भेजा जा रहा था. टेलीग्राम एप के जरिए कई ग्रुप्स बनाकर चाइल्ड पोर्न कंटेट परोसे जाने का मामला इसी महीने सामने आया था. रांची के बाल अधिकार कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार ने खुद पूरे मामले में स्टिंग कर इसका खुलासा किया था. इसके बाद इस मामले की जानकारी सीआईडी के डीजी और सीआईडी के साइबर क्राइम थाने को दी थी. लिखित शिकायत मिलने के बाद सीआईडी ने जांच करायी तो चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मामला सत्य पाया गया. इसके बाद साइबर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी.


जांच में जुटी थी सीआईडी की साइबर ब्रांचः चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मामला जब सीआईडी के संज्ञान में आया तो उन्होंने इसे लेकर प्रारंभिक जांच भी की, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य मिले.सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए चाइल्ड पोर्नोग्राफी की सीआईडी जांच में आये तथ्यों के बाद ही सीआईडी साइबर क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज किया है. एफआईआर में यूपीआई नंबर 9341466767 के प्रयोगकर्ता के साथ-साथ छह टेलीग्राम लिंक संचालकों और उनके मोबाइल नंबर 8287527671 और 8377892324 पर एफआईआर दर्ज की गई थी.


कैसे सामने आया मामलाः चाइल्ड राइट फाउंडेशन के सचिव बैद्यनाथ कुमार ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि टेलीग्राम चैनल के जरिए चाइल्स पोर्न वीडियो और स्काट सर्विस के नाम से ओपन ग्रुप संचालित है. इस ग्रुप में कोई भी सदस्य बन सकता है. बैद्यनाथ कुमार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने चाइल्ड प्रोनोग्राफी परोसने वालों से संपर्क साधा, ताकि इसकी पूरी जानकारी हासिल की जा सके. इसी बीच बैद्यनाथ को टेलीग्राम के जरिए संचालित एक ओपन ग्रुप में मैसेज आया कि चाइल्ड सेक्स पोर्नोग्राफी वीडियोज चाहिए क्या, जवाब में हां लिखने पर एक लिंक भेजा गया. जिसमें डेमो वीडियो आया. इसके बाद 220 रुपए में 8000 से ज्यादा वीडियोज देने की बात कही गई. बैद्यनाथ कुमार ने बताया कि दिए गए यूपीआई पर संस्था के चंदन कुमार ने पैसे डाले, जिसके बाद छह लिंक भेजे गए. सभी में चाइल्ड पोर्नोग्राफी संबंधित सामग्री थी.


दुबई से जुड़ा है कनेक्शनः सीआईडी को जांच और आरोपी की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है.आरोपी के मोबाइल में अश्लील लिंक और मोबाइल नंबर उपलब्ध है जिसके जरिए बच्चों के अश्लील वीडियो का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. अंदेशा है कि एक बड़ा नेटवर्क इसके पीछे काम कर रहा है, जो दुबई से लिंक्ड है.साल 2021 में सीबीआई ने देश के 14 राज्यों के 76 जगह पर एक साथ चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर छापेमारी की थी. उसके बाद वर्ष 2022 में भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर देश के 20 राज्यों में छापेमारी की गई थी.

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कानूनी रूप से अवैध है चाइल्ड पॉर्नोग्राफीः कानून के जानकार बताते हैं कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने वाले भी गुनाहगारों की लिस्ट में शामिल हो रहे हैं.लोगों को यह जानकारी होनी चाहिए कि जिस तरह से अश्लील वीडियो और फोटोग्राफ प्रकाशित करना और उसे दूसरे जगह तक विभिन्न माध्यमों से पहुंचना भी अवैध है. हालांकि उसे देखना, पढ़ना या सुनना अवैध नहीं है, लेकिन आपको यह बता दें कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मामला बिल्कुल अलग है. चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना भी अपराध की श्रेणी में आता है. चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में कानून बेहद कड़ा है. बच्चों के सेक्सुअल एक्ट में नग्न दिखाते हुए इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में कोई चीज प्रकाशित करना या दूसरों को भेजना पूरी तरह से गैरकानूनी है. आईटी कानून 2009 की धारा 67 (B) , आईपीसी की धाराएं 292, 293 ,294, 506, और 509 में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर पांच से 10 साल तक जेल और 10 लाख रुपए जुर्माने की भी सजा है.

Last Updated : Sep 29, 2023, 2:17 PM IST
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