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रांचीः CS डीके तिवारी ने कला-खेलकूद और पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक, दिए कई निर्देश

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Published : Nov 29, 2019, 10:54 PM IST

मुख्य सचिव डीके तिवारी की अध्यक्षता राजधानी रांची में बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठत में विकास आयुक्त सुखदेव सिंह, पर्यटन सचिव राहुल शर्मा, ग्रामीण कार्य विभाग सचिव आराधना पटनायक सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे. वहीं, मुख्य सचिव ने पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद और युवा कार्य मामले और ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा करते हुए कई दिशा निर्देश दिए.

Jharkhand Chief Secretary DK TiwariJharkhand Chief Secretary DK Tiwari
झारखंड मुख्य सचिव डीके तिवारी

रांचीः मुख्य सचिव डीके तिवारी ने झारखंड मंत्रालय में पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद और युवा कार्य मामले और ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में शास्त्रीय और लोक कला, संगीत और नृत्य की समृद्ध विरासत है.


मुख्य सचिव डीके तिवारी ने कहा कि झारखंड को देश की संगीत कला संस्कृति की राजधानी बनाने की दिशा में पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद और युवा विभाग अपनी चालू और आगामी योजनाओं का तहत कार्य करे. उन्होंने कहा कि झारखंड में आदिवासी लोक परंपरा और संस्कृति में नृत्य-संगीत बसता है. यह यहां की जीवन शैली में भी रचा-बसा है. राज्य में जनवरी महीने में पांच दिन की म्युजिकल फेस्टिवल आयोजित करने की योजना पर भी कार्य करने का निर्देश दिया. इसमें आदिवासी लोक, शास्त्रीय, आधुनिक नृत्य-संगीत सम्मिलित होंगे. पूरे देश से जुटनेवाले प्रतिभागियों के बीच प्रतियोगिताएं भी होंगी. मुख्य सचिव ने इसके लिए एक समिति बनाकर आयोजन को सफल बनाने का निर्देश दिया. बालीवुड सेलिब्रिटी और यूथ आइकन का भी उपयोग करने का निदेश दिया गया है.


झारखंड एक नैसर्गिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन
मुख्य सचिव ने कहा कि झारखंड एक नैसर्गिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन है. पर्यटन स्थलों के विकास की चल रही योजनाओं पर समयबद्ध ढंग से पूरा करें. उन्होंने पर्यटन सचिव को निर्देश दिया कि पर्यटन स्थलों से जुड़ी जानकारी का बुकलेट 'टूरिस्मः झारखंड एट ए ग्लांस' बनाकर झारखंड के उन सभी स्थानों पर उपलब्ध कराएं, जहां लोग कार्य के सिलसिले में थोड़ी देर इंतजार करते हैं. उन्होंने कहा कि ये स्थान होटल, रेलवे, एयरपोर्ट, बड़े अस्पतालों के वेटिंग लाउंज हो सकते हैं. इसके अलावा टूर ऑपरेटरों, दिल्ली स्थित सभी राजकीय भवनों आदि में बुकलेट उपलब्ध कराने के साथ झारखंड आनेवाले राजकीय अतिथियों को भी बुकलेट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.


प्रखंडों के सभी स्टेडियमों के संचालन
मुख्य सचिव ने प्रखंडों के सभी स्टेडियमों के संचालन का जिम्मा इच्छुक खेल व स्कूल समितियों को देने का निर्देश दिया है.उन्हें उसकी देखरेख के लिए ग्रांट देने को भी कहा है. वहीं, पंचायतों के मैदानों की घेराबंदी बांस के खंभे से बने बाड़ से करने को कहा है. उन्होंने कहा कि विभाग अपनी सभी संपदा का आकलन कर डाटा बेस बनाए. उसमें यह उल्लेखित हो कि कौन स्टेडियम कब तक बन जाएगा, अगर पूर्ण हो गया है तो उसका क्या उपयोग हो रहा है. उन स्टेडियमों से खेल से जुड़े क्रियाशील फेडरेशनों और अन्य संस्थाओं को जोड़ने पर बल दिया. इसके साथ ही संपदा की सतत निगरानी की व्यवस्था भी एक माह में विकसित करने का निर्देश दिया.


सिविल कंस्ट्रक्शन की जगह खेल सामग्री खरीद पर फोकस करें
मुख्य सचिव ने विभाग को सिविल कंस्ट्रक्शन के कार्य से अधिक खेल सामग्री (किट) खरीद पर फोकस करने को कहा. वहीं, कारगर कोच रखने पर बल देते हुए उन्हें योग्यता के अनुरूप मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव देने को कहा. उन कोचों को देश के बेहतरीन खेल सेंटरों पर भेजने की जरूरत भी बताई. खेल कैलेंडर बनाने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी खेल प्रतियोगिताओं का राज्य में आयोजन करने पर भी विभाग ध्यान दे.


ग्रामीण कार्य विभाग क्वालिटी कंट्रोल का तंत्र विकसित करें
मुख्य सचिव ने ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा करते हुए बन रहीं सड़कों और पुल-पुलियों की निगरानी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पर बल देते हुए क्वालिटी कंट्रोल का तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया. उन्होंने पुल के क्वालिटी कंट्रोल पर विशेष जोर देने को कहा. इसके लिए उन्होंने क्वालिटी कंट्रोल यंत्र की खरीदारी मार्च तक सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. वहीं, जीआइएस तकनीक से हर सड़क और पुल-पुलिया का इतिहास, भूगोल और नागरिक शास्त्र का डाटा बेस तैयार करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही ग्रामीण सड़कों पर भी साइनेज लगाने को कहा. मुख्य सचिव ने समय पर निर्माण कार्य नहीं करने वालों को चिह्नित कर उन्हें दंडित करने पर भी जोर देते हुए कहा कि विभाग में भी अकर्मण्य अधिकारियों-कर्मियों को जो 20 वर्ष की सेवा दे चुके या 50 की उम्र तक पहुंच चुके हों, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दें.

रांचीः मुख्य सचिव डीके तिवारी ने झारखंड मंत्रालय में पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद और युवा कार्य मामले और ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में शास्त्रीय और लोक कला, संगीत और नृत्य की समृद्ध विरासत है.


मुख्य सचिव डीके तिवारी ने कहा कि झारखंड को देश की संगीत कला संस्कृति की राजधानी बनाने की दिशा में पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद और युवा विभाग अपनी चालू और आगामी योजनाओं का तहत कार्य करे. उन्होंने कहा कि झारखंड में आदिवासी लोक परंपरा और संस्कृति में नृत्य-संगीत बसता है. यह यहां की जीवन शैली में भी रचा-बसा है. राज्य में जनवरी महीने में पांच दिन की म्युजिकल फेस्टिवल आयोजित करने की योजना पर भी कार्य करने का निर्देश दिया. इसमें आदिवासी लोक, शास्त्रीय, आधुनिक नृत्य-संगीत सम्मिलित होंगे. पूरे देश से जुटनेवाले प्रतिभागियों के बीच प्रतियोगिताएं भी होंगी. मुख्य सचिव ने इसके लिए एक समिति बनाकर आयोजन को सफल बनाने का निर्देश दिया. बालीवुड सेलिब्रिटी और यूथ आइकन का भी उपयोग करने का निदेश दिया गया है.


झारखंड एक नैसर्गिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन
मुख्य सचिव ने कहा कि झारखंड एक नैसर्गिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन है. पर्यटन स्थलों के विकास की चल रही योजनाओं पर समयबद्ध ढंग से पूरा करें. उन्होंने पर्यटन सचिव को निर्देश दिया कि पर्यटन स्थलों से जुड़ी जानकारी का बुकलेट 'टूरिस्मः झारखंड एट ए ग्लांस' बनाकर झारखंड के उन सभी स्थानों पर उपलब्ध कराएं, जहां लोग कार्य के सिलसिले में थोड़ी देर इंतजार करते हैं. उन्होंने कहा कि ये स्थान होटल, रेलवे, एयरपोर्ट, बड़े अस्पतालों के वेटिंग लाउंज हो सकते हैं. इसके अलावा टूर ऑपरेटरों, दिल्ली स्थित सभी राजकीय भवनों आदि में बुकलेट उपलब्ध कराने के साथ झारखंड आनेवाले राजकीय अतिथियों को भी बुकलेट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.


प्रखंडों के सभी स्टेडियमों के संचालन
मुख्य सचिव ने प्रखंडों के सभी स्टेडियमों के संचालन का जिम्मा इच्छुक खेल व स्कूल समितियों को देने का निर्देश दिया है.उन्हें उसकी देखरेख के लिए ग्रांट देने को भी कहा है. वहीं, पंचायतों के मैदानों की घेराबंदी बांस के खंभे से बने बाड़ से करने को कहा है. उन्होंने कहा कि विभाग अपनी सभी संपदा का आकलन कर डाटा बेस बनाए. उसमें यह उल्लेखित हो कि कौन स्टेडियम कब तक बन जाएगा, अगर पूर्ण हो गया है तो उसका क्या उपयोग हो रहा है. उन स्टेडियमों से खेल से जुड़े क्रियाशील फेडरेशनों और अन्य संस्थाओं को जोड़ने पर बल दिया. इसके साथ ही संपदा की सतत निगरानी की व्यवस्था भी एक माह में विकसित करने का निर्देश दिया.


सिविल कंस्ट्रक्शन की जगह खेल सामग्री खरीद पर फोकस करें
मुख्य सचिव ने विभाग को सिविल कंस्ट्रक्शन के कार्य से अधिक खेल सामग्री (किट) खरीद पर फोकस करने को कहा. वहीं, कारगर कोच रखने पर बल देते हुए उन्हें योग्यता के अनुरूप मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव देने को कहा. उन कोचों को देश के बेहतरीन खेल सेंटरों पर भेजने की जरूरत भी बताई. खेल कैलेंडर बनाने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी खेल प्रतियोगिताओं का राज्य में आयोजन करने पर भी विभाग ध्यान दे.


ग्रामीण कार्य विभाग क्वालिटी कंट्रोल का तंत्र विकसित करें
मुख्य सचिव ने ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा करते हुए बन रहीं सड़कों और पुल-पुलियों की निगरानी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पर बल देते हुए क्वालिटी कंट्रोल का तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया. उन्होंने पुल के क्वालिटी कंट्रोल पर विशेष जोर देने को कहा. इसके लिए उन्होंने क्वालिटी कंट्रोल यंत्र की खरीदारी मार्च तक सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. वहीं, जीआइएस तकनीक से हर सड़क और पुल-पुलिया का इतिहास, भूगोल और नागरिक शास्त्र का डाटा बेस तैयार करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही ग्रामीण सड़कों पर भी साइनेज लगाने को कहा. मुख्य सचिव ने समय पर निर्माण कार्य नहीं करने वालों को चिह्नित कर उन्हें दंडित करने पर भी जोर देते हुए कहा कि विभाग में भी अकर्मण्य अधिकारियों-कर्मियों को जो 20 वर्ष की सेवा दे चुके या 50 की उम्र तक पहुंच चुके हों, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दें.

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रांची



मुख्य सचिव डीके तिवारी ने झारखंड मंत्रालय में पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य मामले तथा ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा की है इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश भी दिए हैं.




Body:मुख्य सचिव डी के तिवारी ने कहा कि झारखण्ड में शास्त्रीय और लोक कला, संगीत और नृत्य की समृद्ध विरासत है.उन्होंने कहा कि झारखण्ड को देश की संगीत कला संस्कृति की राजधानी बनाने की दिशा में पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य मामले विभाग अपनी चालू और आगामी योजनाओं का तहत् कार्य करे. उन्होंने कहा कि झारखंड में आदिवासी लोक परंपरा और संस्कृति में नृत्य-संगीत बसता है.यह यहां की जीवन शैली में भी रचा-बसा है. विभाग द्वारा राज्य में जनवरी में पांच दिनी म्युजिकल फेस्टिवल आयोजित करने की योजना पर भी कार्य करने का निर्देश दिया.इसमें आदिवासी लोक, शास्त्रीय, आधुनिक नृत्य-संगीत सम्मिलित होंगे.पूरे देश से जुटनेवाले प्रतिभागियों के बीच प्रतियागिताएं भी होंगी. मुख्य सचिव ने इसके लिए एक समिति बनाकर आयोजन को सफल बनाने का निर्देश दिया.बालीवुड के किसी सेलिब्रिटी और यूथ आइकन का भी उपयोग करने का निदेश दिया. मुख्य सचिव झारखंड मंत्रालय में पर्यटन, कला-संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य मामले तथा ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा कर रहे थे.

झारखंड एक नैसर्गिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन.

मुख्य सचिव ने कहा कि झारखंड एक नैसर्गिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन है.पर्यटन स्थलों के विकास की चल रही योजनाओं पर समयबद्ध ढंग से पूरा करें. उन्होंने पर्यटन सचिव को निर्देश दिया कि पर्यटन स्थलों से जुड़ी जानकारी का बुकलेट "'टूरिस्मः झारखंड एट ए ग्लांस" बनाकर झारखंड के उन सभी स्थानों पर उपलब्ध कराएं, जहां लोग कार्य के सिलसिले में थोड़ी देर इंतजार करते हैं. उन्होंने कहा कि ये स्थान होटल, रेलवे, एयरपोर्ट, बड़े अस्पतालों के वेटिंग लाउंज हो सकते हैं. इसके अलावा टूर ऑपरेटरों, दिल्ली स्थित सभी राजकीय भवनों आदि में बुकलेट उपलब्ध कराने के साथ झारखंड आनेवाले राजकीय अतिथियों को भी बुकलेट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.

प्रखंडों के सभी स्टेडियमों के संचालन का जिम्मा खेल व स्कूल समितियों करे

मुख्य सचिव ने प्रखंडों के सभी स्टेडियमों के संचालन का जिम्मा इच्छुक खेल व स्कूल समितियों को देने का निर्देश दिया है.उन्हें उसकी देखरेख के लिए ग्रांट देने को भी कहा है. वहीं पंचायतों के मैदानों की घेराबंदी बांस के खंभे से बने बाड़ से करने को कहा है. उन्होंने कहा कि विभाग अपनी सभी संपदा का आकलन कर डाटा बेस बनाए. उसमें यह उल्लेखित हो कि कौन स्टेडियम कब तक बन जाएगा, अगर पूर्ण हो गया है तो उसका क्या उपयोग हो रहा है. उन स्टेडियमों से खेल से जुड़े क्रियाशील फेडरेशनों और अन्य संस्थाओं को जोड़ने पर बल दिया.साथ ही संपदा की सतत निगरानी की व्यवस्था भी एक माह में विकसित करने का निर्देश दिया.

Conclusion:सिविल कंस्ट्रक्शन की जगह खेल सामग्री खरीद पर फोकस करें

मुख्य सचिव ने विभाग को सिविल कंस्ट्रक्शन के कार्य से अधिक खेल सामग्री (किट) खरीद पर फोकस करने को कहा. वहीं कारगर कोच रखने पर बल देते हुए उन्हें योग्यता के अनुरूप मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव देने को कहा. उन कोचों को देश के बेहतरीन खेल सेंटरों पर भेजने की जरूरत भी बताई. खेल कैलेंडर बनाने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी खेल प्रतियोगिताओं का राज्य में आयोजन करने पर भी विभाग ध्यान दे.

ग्रामीण कार्य विभाग क्वालिटी कंट्रोल का तंत्र विकसित करे.

मुख्य सचिव ने ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा करते हुए बन रहीं सड़कों और पुल-पुलियों की निगरानी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पर बल देते हुए क्वालिटी कंट्रोल का तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया. उन्होंने पुल के क्वालिटी कंट्रोल पर विशेष जोर देने को कहा. इसके लिए उन्होंने क्वालिटी कंट्रोल यंत्र की खरीदारी मार्च तक सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.वहीं जीआइएस तकनीक से हर सड़क व पुल-पुलिया का इतिहास, भूगोल और नागरिक शास्त्र का डाटा बेस तैयार करने का निर्देश दिया.साथ ही ग्रामीण सड़कों पर भी साइनेज लगाने को कहा.

मुख्य सचिव ने समय पर निर्माण कार्य नहीं करने वालों को चिह्नित कर उन्हें दंडित करने पर भी जोर देते हुए कहा कि विभाग में भी अकर्मण्य अधिकारियों-कर्मियों को जो 20 वर्ष की सेवा दे चुके या 50 की उम्र तक पहुंच चुके हों, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दें.

बैठक में ये थे मौजूद.

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में विकास आयुक्त श्री सुखदेव सिंह, पर्यटन सचिव श्री राहुल शर्मा, ग्रामीण कार्य विभाग सचिव श्रीमती आराधना पटनायक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
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