रांची: राज्य में नई सरकार बनने के बाद विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री आवास पर गठबंधन के सत्ता पक्ष की एक बैठक बुलाई. जिसमें गठबंधन के तमाम नेता शामिल हुए. सत्ता पक्ष में शामिल जेएमएम, कांग्रेस और राजद के विधायक शामिल हुए तो वहीं जेवीएम के बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव तो निर्दलीय विधायक सरयू राय भी बैठक में दिखें.
खरमास के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार
मुख्यमंत्री के साथ बैठक समाप्त होने के बाद राज्य की सबसे कम उम्र की विधायक अंबा प्रसाद ने बताया कि आज मुख्यमंत्री ने गठबंधन के सभी विधायकों को आमंत्रित किया था. जिसमें सभी विधायक एक-दूसरे से मिले और राज्य के हालात पर बातचीत हुई. साथ ही उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने बीजेपी के शासनकाल में राज्य की हुई बुरी हालत पर खेद जताया क्योंकि पिछली सरकार ने राज्य को कर्ज में ढकेल दिया है, मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर विधायक अंबा प्रसाद ने बताया कि खरमास के बाद ही इसका निर्णय लिया जाएगा.
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कई मुद्दों पर हुई बात
आरजेडी कोटा से मंत्री बने सत्यानंद भोक्ता ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष के चयन को लेकर यह एक औपचारिक मुलाकात थी. महागठबंधन के नेताओं ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और विशेष सत्र को लेकर चर्चा भी किया. वहीं कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह कहा कि इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात कर विधायकों ने अनुपूरक बजट को लेकर चर्चा की तो वहीं अन्य मुद्दों पर भी बातचीत हुई.
बता दें कि इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष के चयन को लेकर भी चर्चा की गई. विशेष सत्र के पहले दिन रविंद्र नाथ महतो के नाम को विधानसभा अध्यक्ष के रूप में सभी विधायकों ने प्रस्तावित किया है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गठबंधन के सभी विधायकों के साथ एक औपचारिक बातचीत की.
जल्द पूरे होंगे वादे
वहीं, मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ भी बैठक में दूसरे दिन अध्यक्ष के चयन राज्यपाल का अभिभाषण और सत्र के तीसरे दिन होने वाली चर्चा में अनुपूरक बजट को लेकर बातचीत हुई. वहीं, उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने खजाना पूरा खाली कर दिया है लेकिन कांग्रेस इसे जल्द ही दुरुस्त करके अपने चुनाव में किए घोषणा को पूरा करेगा.