रांची: पूरी दुनिया सहित देश में भी कोरोना के खिलाफ एक जंग लड़ा जा रहा है. कोरोना का संक्रमण न फैले इसके लिए 14 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा की गई है. इस दौरान लोगों को सड़कों पर निकलने की पाबंदी है जिस वजह से हर जगह खासकर धार्मिक स्थल में भी सन्नाटा पसरा है. सरहुल, रामनवमी सहित कई त्योहारों के दौरान भी राज्य में सन्नाटा पसरा रहा. वहीं, शब-ए-बारात की रात में मस्जिदों में सन्नाटा पसरा रहा.
मुस्लिम धर्मावलंबी शब-ए-बारात की रात इबादत करते हैं और ऐसी मान्यता है की इस रात इबादत करने से कई ज्यादा पुण्य मिलता है, साथ ही अल्लाह से मांगी गई दुआएं भी कुबूल होती है. वहीं, मुस्लिम धर्मावलंबी मस्जिद में इबादत करते हैं इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग कब्रिस्तान में जाकर अपने स्वर्गवासी पूर्वजों और सगे संबंधियों के लिए दुआ करते हैं. लेकिन इस बार कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों में ही इबादत किए. साथ ही कब्रिस्तान भी नहीं गए. मुस्लिम समाज की तमाम संस्था ने कोरोना महामारी पर जीत हासिल करने के उद्देश्य से मस्जिदों में नमाजियों के आने पर पाबंदी लगा दी थी.
ये भी पढ़ें- कोरोना संकट: लॉकडाउन को लेकर सीएम हेमंत सोरेन की शुक्रवार को अहम बैठक
मामले पर जानकारी देते हुए अंजुमन इस्लामिया रांची के अध्यक्ष अबरार अहमद ने बताया कि लॉकडाउन का लोग पालन भी कर रहे हैं और शब-ए-बारात के मौके पर अपने घरों से लोग इबादत करेंगे. वहीं, उन्होंने तमाम लोगों से कोरोना से निजात दिलाने के लिए दुआ करने की अपील की थी.
वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी मुस्लिम भाई- बहनों को शब-ए- बारात की शुभकामनाएं दी थी. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने घरों में ही इबादत करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करके ही रोका जा सकता है. घर पर ही इबादत करें और स्वस्थ रहे एवं सुरक्षित रहें.