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लॉकडाउन में गरीबों को कैसे मिलेगा खाना, मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र पर नहीं पहुंच पा रहा है सरकारी संसाधन! - सीेएम हेमंत सोरेन

रांची में मुख्यमंत्री दाल-भात योजना केंद्र पर गरीबों के लिए मुफ्त में भोजन मुहैया कराने की बात कही जा रही है, लेकिन राजधानी के सदर अस्पताल स्थित मुख्यमंत्री दाल-भात योजना केंद्र पर कई चीजों की कमी देखी जा रही है. केंद्र पर किसी तरह की कोई विशेष सुविधा मुहैया नहीं करायी जा रही है.

Chief Minister Dal Bhat
रांची में मुख्यमंत्री दाल-भात योजना केंद्र
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Published : Apr 15, 2020, 9:59 AM IST

Updated : Apr 15, 2020, 10:23 AM IST

रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए मंगलवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मई तक के लिए लॉकडाउन बढ़ा देने की घोषणा की है. ऐसे में जो लोग 14 अप्रैल तक लॉकडाउन टूटने की आस लगाकर अच्छे भोजन के लिए अपने काम पर वापस जाने की उम्मीद जताए हुए थे अब फिर से उन्हें सरकारी संसाधनों के भरोसे अपना पेट भरना पड़ेगा. ऐसे में अगर सरकारी संसाधनों की बात करें तो वहां पर कई प्रशासनिक अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं.

देखें पूरी खबर
लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री दाल-भात योजना केंद्र पर गरीबों के लिए मुफ्त में भोजन मुहैया कराने की बात कही जा रही है, लेकिन राजधानी के सदर अस्पताल स्थित मुख्यमंत्री दाल-भात योजना केंद्र पर कई चीजों की कमी देखी जा रही है. सदर अस्पताल में संचालित मुख्यमंत्री दाल भात योजना की संचालक श्रुति कुमारी बताती हैं कि अभी तक कोविड-19 के संकट आने से पहले हम लोग 5 रुपया प्रति प्लेट गरीबों को भोजन दिया करते थे, लेकिन कोरोना की वजह से लॉकडाउन के बाद विशेष आदेश पर गरीबों के लिए मुफ्त खाना मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन इसके बदले में हमारे केंद्रों पर किसी तरह की कोई विशेष सुविधा नहीं मिल पा रही है.

ये भी पढ़ें- सिमडेगा में मिला 1 कोरोना पॉजिटिव मरीज, उपायुक्त ने की पुष्टि

वहीं, संचालक ने बताया कि नए दाल भात योजना केंद्र पर सरकार की सभी संसाधन पहुंच चुके हैं, लेकिन पुराने दाल भात केंद्रों पर सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है और ऐसे में हम संचालकों को कोयला, दाल, सब्जी जैसे सामान जुटाने में दिक्कतें हो रही हैं. अब ऐसे में यह जरूरी है कि सभी मुख्यमंत्री दाल भात योजना केंद्र पर सरकार और जिला प्रशासन समुचित संसाधन मुहैया कराएं ताकि कोविड-19 के कारण हुए लॉक डाउन में गरीब और लाचार लोग अपने पेट की आग बुझा सके.

रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए मंगलवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मई तक के लिए लॉकडाउन बढ़ा देने की घोषणा की है. ऐसे में जो लोग 14 अप्रैल तक लॉकडाउन टूटने की आस लगाकर अच्छे भोजन के लिए अपने काम पर वापस जाने की उम्मीद जताए हुए थे अब फिर से उन्हें सरकारी संसाधनों के भरोसे अपना पेट भरना पड़ेगा. ऐसे में अगर सरकारी संसाधनों की बात करें तो वहां पर कई प्रशासनिक अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं.

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लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री दाल-भात योजना केंद्र पर गरीबों के लिए मुफ्त में भोजन मुहैया कराने की बात कही जा रही है, लेकिन राजधानी के सदर अस्पताल स्थित मुख्यमंत्री दाल-भात योजना केंद्र पर कई चीजों की कमी देखी जा रही है. सदर अस्पताल में संचालित मुख्यमंत्री दाल भात योजना की संचालक श्रुति कुमारी बताती हैं कि अभी तक कोविड-19 के संकट आने से पहले हम लोग 5 रुपया प्रति प्लेट गरीबों को भोजन दिया करते थे, लेकिन कोरोना की वजह से लॉकडाउन के बाद विशेष आदेश पर गरीबों के लिए मुफ्त खाना मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन इसके बदले में हमारे केंद्रों पर किसी तरह की कोई विशेष सुविधा नहीं मिल पा रही है.

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वहीं, संचालक ने बताया कि नए दाल भात योजना केंद्र पर सरकार की सभी संसाधन पहुंच चुके हैं, लेकिन पुराने दाल भात केंद्रों पर सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है और ऐसे में हम संचालकों को कोयला, दाल, सब्जी जैसे सामान जुटाने में दिक्कतें हो रही हैं. अब ऐसे में यह जरूरी है कि सभी मुख्यमंत्री दाल भात योजना केंद्र पर सरकार और जिला प्रशासन समुचित संसाधन मुहैया कराएं ताकि कोविड-19 के कारण हुए लॉक डाउन में गरीब और लाचार लोग अपने पेट की आग बुझा सके.

Last Updated : Apr 15, 2020, 10:23 AM IST
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