रांची: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही झारखंड में भक्ति और श्रद्धा के साथ छठ पूजा संपन्न हो गया. चार दिवसीय छठ व्रत के अनुष्ठान के चौथे दिन छठ व्रतियों ने पूरे आस्था के साथ सोमवार की सुबह उगते सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर परिवार के साथ-साथ सभी के लिए सुख-समृद्धि की कामना की (chhath puja concluded in jharkhand).
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छठ घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए झारखंड के कई छठ घाटों पर आधी रात से ही मानो मेला जैसा (chhath puja in ranchi) नजारा दिखा. भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए दउरा में प्रसाद सजाकर हर कदम जलाशयों तालाबों की ओर बढ़ते दिखे. रांची के हटनिया तालाब, बटन तालाब, अरगोड़ा तालाब, बड़ा तालाब, शालीमार तालाब, कांके डैम, धुर्वा डैम सहित अलग-अलग जलाशयों में छठ पूजा को लेकर प्रशासन और रांची नगर निगम की ओर से विशेष सुरक्षा और लाइटिंग की व्यवस्था के बीच छठव्रतियों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य (Arghya to Lord Surya) दिया.
कोरोना ने बदला छठ का ट्रेंड: वहीं जहां कुछ लोगों ने पारंपरिक रुप से छठ घाटों पर जाकर सूर्य उपासना कर छठव्रत को पूरा किया तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी जो इस बार अपने-अपने कॉलोनी के बाहर बने कृत्रिम तालाब और अपार्टमेंट की छतों पर ऑर्टफिशियल वॉटर पूल यानी अस्थायी जलाशय में खड़े होकर भगवान सूर्य की आराधना करते नजर आए. दरअसल कोरोना काल में भीड़ से बचने के लिए ऑर्टफिशियल वॉटर पूल का इस्तेमाल छठ पर्व के लिए किया गया था, तभी से लोग अब शौक से भी इन ऑर्टफिशियल जलाशयों में छठ पूजा कर रहे हैं. बहरहाल चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया.