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चीफ जस्टिस की फोटो लगा कर डाली हाई कोर्टकर्मी से ठगी, दूसरी बार वारदात की कोशिश पर हुआ शक - चीफ जस्टिस झारखंड

रांची में हाई कोर्टकर्मी को ठगों ने निशाना बना लिया. चीफ जस्टिस की फोटो लगी प्रोफाइल से आए व्हाट्सएप कॉल के जरिये कर्मचारी से डेढ़ लाख ठग लिए.

Cheating from High Court employee by putting  photo of Chief Justice on whatsapp profile
चीफ जस्टिस की फोटो लगा कर डाली हाई कोर्टकर्मी से ठगी
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Published : Jul 24, 2022, 10:33 PM IST

रांची: साइबर अपराधी आम लोगों से ठगी के लिए नित नए पैंतरे आजमा रहे हैं, साइबर अपराधियों के इन नए पैंतरों में लोग फंस कर गाढ़ी कमाई गंवा भी रहे हैं. सबसे हैरानी की बात तो यह है कि इसमें पढ़े लिखे लोग भी फंस रहे हैं. ताजा मामला झारखंड हाईकोर्ट में काम करने वाले राजीव कुमार का है, राजीव कुमार को साइबर ठग ने अपने फेक प्रोफाइल में चीफ जस्टिस की फोटो लगाकर शिकार बना लिया और उनसे डेढ़ लाख ठग लिए.

ये भी पढ़ें-देश के 23 राज्यों में नौकरी के नाम पर फ्रॉड करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, हरियाणा में 5 गिरफ्तार

क्या है पूरा मामलाः ठगी के शिकार राजीव ने रांची के डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. दर्ज एफआईआर के अनुसार 19 जुलाई की शाम राजीव के ऑफिस के नंबर पर एक कॉल आया, जिसमें मुख्य न्यायाधीश की प्रोफाइल फोटो लगी थी. इसके बाद राजीव कुमार सिन्हा ने उक्त नंबर पर व्हाट्सएप कॉल किया, जिसे उठाया नहीं गया. इसके बाद तुरंत उसी नंबर से व्हाट्सएप संदेश आने लगे, जिसमें अपने आप को आवश्यक मीटिंग में काफी व्यस्त रहने और बाद में कॉल उठाने की बात कही गई.

साथ ही उन्हें मैसेज भेज यह भी कहा गया कि वे व्यस्त हैं, फिर अमेजन पर 10000 रुपये के 15 गिफ्ट कार्ड खरीदने का एक संदेश उन्हें मिला. इससे राजीव सिन्हा को लगा कि यह निर्देश मुख्य न्यायाधीश का है, इसलिए उन्होंने अमेजन पर दस हजार के 15 गिफ्ट कार्ड खरीदने का आर्डर किया. इसके लिए राजीव सिन्हा ने अपने एसबीआई बचत खाता से डेढ़ लाख रुपये इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान भी कर दिया. भुगतान के बाद आए सभी 15 लिंक की सूचना उन्होंने संबंधित नंबर के व्हाट्सएप पर भेज दी.


ऐसे लगा ठगी का पताः लिंक भेजने के बाद दोबारा उसी नंबर से दस हजार, दस हजार रुपये के 50 और गिफ्ट कार्ड खरीदने का अनुरोध उनके मोबाइल पर आया, तब उन्हें शंका हुई. इसके बाद राजीव सिन्हा ने ट्रूकॉलर से नंबर को चेक किया, जिसमें उन्हें वह नंबर किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड मिला. इसके बाद राजीव कुमार सिन्हा ने इसकी जानकारी एसएसपी रांची को दी. एसएसपी ने तुरंत साइबर सेल को एफआईआर की कॉपी देते हुए डोरंडा थाना में एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया. डोरंडा थाने में इस नंबर के संचालक के विरुद्ध धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस मामले में भादवि की धारा 419, 420 और आईटी एक्ट 66 सी और 66 डी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

रांची: साइबर अपराधी आम लोगों से ठगी के लिए नित नए पैंतरे आजमा रहे हैं, साइबर अपराधियों के इन नए पैंतरों में लोग फंस कर गाढ़ी कमाई गंवा भी रहे हैं. सबसे हैरानी की बात तो यह है कि इसमें पढ़े लिखे लोग भी फंस रहे हैं. ताजा मामला झारखंड हाईकोर्ट में काम करने वाले राजीव कुमार का है, राजीव कुमार को साइबर ठग ने अपने फेक प्रोफाइल में चीफ जस्टिस की फोटो लगाकर शिकार बना लिया और उनसे डेढ़ लाख ठग लिए.

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क्या है पूरा मामलाः ठगी के शिकार राजीव ने रांची के डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. दर्ज एफआईआर के अनुसार 19 जुलाई की शाम राजीव के ऑफिस के नंबर पर एक कॉल आया, जिसमें मुख्य न्यायाधीश की प्रोफाइल फोटो लगी थी. इसके बाद राजीव कुमार सिन्हा ने उक्त नंबर पर व्हाट्सएप कॉल किया, जिसे उठाया नहीं गया. इसके बाद तुरंत उसी नंबर से व्हाट्सएप संदेश आने लगे, जिसमें अपने आप को आवश्यक मीटिंग में काफी व्यस्त रहने और बाद में कॉल उठाने की बात कही गई.

साथ ही उन्हें मैसेज भेज यह भी कहा गया कि वे व्यस्त हैं, फिर अमेजन पर 10000 रुपये के 15 गिफ्ट कार्ड खरीदने का एक संदेश उन्हें मिला. इससे राजीव सिन्हा को लगा कि यह निर्देश मुख्य न्यायाधीश का है, इसलिए उन्होंने अमेजन पर दस हजार के 15 गिफ्ट कार्ड खरीदने का आर्डर किया. इसके लिए राजीव सिन्हा ने अपने एसबीआई बचत खाता से डेढ़ लाख रुपये इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान भी कर दिया. भुगतान के बाद आए सभी 15 लिंक की सूचना उन्होंने संबंधित नंबर के व्हाट्सएप पर भेज दी.


ऐसे लगा ठगी का पताः लिंक भेजने के बाद दोबारा उसी नंबर से दस हजार, दस हजार रुपये के 50 और गिफ्ट कार्ड खरीदने का अनुरोध उनके मोबाइल पर आया, तब उन्हें शंका हुई. इसके बाद राजीव सिन्हा ने ट्रूकॉलर से नंबर को चेक किया, जिसमें उन्हें वह नंबर किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड मिला. इसके बाद राजीव कुमार सिन्हा ने इसकी जानकारी एसएसपी रांची को दी. एसएसपी ने तुरंत साइबर सेल को एफआईआर की कॉपी देते हुए डोरंडा थाना में एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया. डोरंडा थाने में इस नंबर के संचालक के विरुद्ध धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस मामले में भादवि की धारा 419, 420 और आईटी एक्ट 66 सी और 66 डी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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