रांची: डिजिटल क्रांति ने एक तरफ जीवन को आसान बनाया है तो दूसरी तरफ मुसीबत का कारण भी बना है. इसकी वजह हैं साइबर अपराधी जो तरह-तरह का हथकंडा अपना के लोगों के बैंक खातों में डाका डाल रहे हैं. आम लोगों की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं. ताजा मामला है हेहल के लक्ष्मीनगर स्थित कुसुम भवन निवासी रामधनी साहू से जुड़ा. साइबर अपराधियों ने 10 जनवरी 2023 को बैंक कस्टमर केयर का प्रतिनिधि बनकर रामधनी साहू से 6,99,997 रु ट्रांसफर करवा लिया था. जब तक रामधनी कुछ समझ पाते, उनके खातों से पैसे गायब हो चुके थे. उनकी शिकायत पर आईपीसी और आईटी एक्ट की अलग-अलग धाराओं के तहत साइबर थाना में कांड संख्या 02/2023 दर्ज हुआ था.
इस मामले की जांच करते हुए साइबर पुलिस ने दुमका के तीन ठगों को दबोचा है. इनके नाम हैं अभिजीत कुमार साह, सोनू पासवान और अमृत राज. जांच में पता चला कि तीनों साइबर अपराधी, बैंकों का कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर भोले-भाले लोगों को जाल में फंसाते थे और Anydesk Screen Sharing Application डाउनलोड कराकर ट्रांजेक्शन करते थे. इसके बाद इंटरनेट बैंकिंग और यूपीआई डिटेल लेकर पैसों की अवैध निकासी कर लिया करते थे.
गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से तीन मोबाइल, पांच सिम कार्ड, तीन आधार कार्ड, पांच एटीएम कार्ड, सात पासबुक, एक पैन कार्ड और एक चेक बुक बरामद हुआ है. साइबर पुलिस के मुताबिक ठग अभिजीत कुमार दुमका में दुधानी स्थित चर्च के सामने रहता हैं. अमृत राज दुमका में बाउरी पाड़ा स्थित नेशनल स्कूल के पीछे रहता है. तीसरा अपराधी सोनू पासवान दुमका के बांदोहरिपुर का निवासी है.
ठगी से कैसे बचे: इस मामले के उद्भेदन के बाद साइबर पुलिस ने बताया है कि आम लोगों कैसै ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं. पहली बात यह है कि किसी भी अनजान कॉल पर अपनी कोई भी निजी जानकारी साझा ना करें. दूसरा सुझाव है कि Internet Search Engone, Google Ads और अन्य सोशल प्लेटफॉर्म पर कस्टमर केयर वाले डिटेल पर भरोसा ना करें. बैंकों के कस्टमर केयर के लिए हमेशा बैंक के ऑफिशियल साइट का इस्तेमाल करें. कोई भी अज्ञात व्यक्ति अगर आपको कोई लिंक यूआरएल भेजता है तो उसे किसी भी हालत में ना खोलें.
इस बात का ध्यान रखें कि बैंक के यूपीआई एप्लीकेशन से संबंधित रजिस्ट्रेशन के लिए बैंकों के ऑफिशियल नंबर से ही मैसेज आता है. किसी भी अज्ञात के सुझाव पर Any Desk, Quick Support, Team viewer, Desk, Alpemix जैसे अप्लीकेशन अपने मोबाइल पर डाउनलोड न करें. अगर आप ऐसा करते हैं तो इन्हीं एप्लीकेशन की बदौलत साइबर अपराधी आपके फोन का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर ठगी कर लेते हैं. इन तमाम सावधानियों के बावजूद साइबर अपराध का शिकार बनने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 और ऑनलाइन www.cybercrime.gov.in संपर्क कर सकते हैं.
पुलिस फिलहाल गिरफ्तार साइबर ठगों से अन्य कांडों में सूत्र तलाश रहे हैं. पुलिस को भरोसा है कि उनकी गिरफ्तारी के बाद दूसरों की गिरफ्तारी का नजरिया बदलेगा. इसलिए बार-बार साइबर सेल अपील कर रहा है कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी. लोगों को बिना ठोस तैयारी के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से बचना चाहिए. यही नहीं अपने बैंक खातों का डिटेल भी किसी को नहीं देना चाहिए.